
बरेली। छात्र वीजा पर भारत में रह रहे नाइजीरिया के युसूफ बाला मुस्तफा और सूडान के अयूब अली पर वीजा विस्तार के लिए फर्जी दस्तावेज़ तैयार करने का आरोप लगा है। बारादरी थाने में दोनों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। पुलिस अब पूरे मामले की गहन जांच में जुट गई है।
रोहिलखंड चौकी प्रभारी मनीष भारद्वाज के मुताबिक, सूचना मिली थी कि नाइजीरियाई छात्र युसूफ बाला मुस्तफा ने वीजा विस्तार के लिए जाली पंजीकरण प्रमाणपत्र तैयार कर ऑनलाइन आवेदन में अपलोड किया है। इसके बाद गोपनीय जांच की गई, जिसमें दस्तावेज़ फर्जी निकला।
जांच में सामने आया कि युसूफ 19 जनवरी 2025 को छात्र वीजा पर भारत आया था। 31 जनवरी को उसने सिटी यूनिवर्सिटी लुधियाना में बीसीए में दाखिला लिया। इसके बाद 19 जुलाई को उसने महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली में बीएमएस प्रथम वर्ष में प्रवेश ले लिया। नियम के अनुसार, उसे लुधियाना से बरेली स्थानांतरण के लिए एफआरआरओ अमृतसर से अनुमोदन प्रमाणपत्र लेना आवश्यक था, लेकिन उसने इसकी कोई प्रक्रिया नहीं की।
जब युसूफ ने वीजा विस्तार के लिए आवेदन किया, तो उसके साथ एक पंजीकरण प्रमाणपत्र अपलोड किया गया, जो कथित तौर पर एफआरआरओ लुधियाना द्वारा जारी बताया गया था। जांच में पता चला कि दस्तावेज़ पूर्णत: फर्जी था।
पूछताछ में युसूफ ने बताया कि आवेदन तैयार करने और फर्जी रिकॉर्ड अपलोड कराने में उसकी मदद सूडान के छात्र अयूब अली ने की। अयूब वर्तमान में सिटी यूनिवर्सिटी पंजाब में पढ़ाई कर रहा है। पुलिस का कहना है कि दोनों छात्रों ने आर्थिक दंड से बचने और वीजा अवधि बढ़ाने के लिए सोची-समझी योजना के तहत फर्जी दस्तावेज़ तैयार किए। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की तहकीकात की जा रही है।
संबंधित विषय:
Updated on:
18 Nov 2025 02:21 pm
Published on:
18 Nov 2025 02:20 pm
बड़ी खबरें
View Allबरेली
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
