
भिवाड़ी. विद्युत निगम का भिवाड़ी सर्किल जीरो डिफेक्टिव मीटर सर्किल बन चुका है। भिवाड़ी सर्किल में अब एक भी खराब बिजली का मीटर नहीं रहा। खराब मीटर बदले जाने से उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। उन्हें औसत बिल नहीं मिलेगा। सर्दी में बिजली की खपत कम हो जाती है, ऐसी स्थिति में खराब मीटर होने से उन्हें गर्मी के औसत से बिल मिलता था, जिससे उपभोक्ता पर अतिरिक्त भार पड़ता था। डिफेक्टिव की जगह सही मीटर लगने से निगम को भी वास्तविक यूनिट उपभोग का बिल मिलेगा। इस तरह निगम और उपभोक्ता दोनों को ही राहत मिलेगी। भिवाड़ी सर्किल में एक नवंबर को 3200 सिंगल फेज, 108 थ्री फेज मीटर (गैर कृषि मीटर) बंद थे। खबर मीटरों की अवधि दो से 12 महीने तक थी। खराब मीटर को बदलने के लिए विशेष अभियान चलाकर सभी मीटर को बदला गया है। सिंगल फेज, थ्री फेज की सभी श्रेणी को अभियान चलाकर 22 नवंबर तक बदल दिया गया। सभी फीडर इंचार्ज को खराब मीटर बदलने के लिए प्रतिदिन लक्ष्य दिया गया, उसकी निगरानी की गई। इसकी वजह से तय अवधि में डिफेक्टिव मीटर बदल दिए गए।
मीटर बंद होने पर औसत बिलिंग होने से उपभोक्ता निगम के बीच तनाव की स्थिति पैदा होती है, कई बार अधिक खपत होने पर निगम जो औसत बिल देता है वह कम होता है। कई जगह उपभोक्ता की कम खपत होने पर निगम अधिक बिल देता है। इस तरह दोनों ही स्थिति में तनाव की स्थिति रहती है। डिस्कॉम चेयरमेन आरती डोगरा ने सवाईमाधोपुर, कोटपूतली, भरतपुर, भिवाड़ी को जीरो डिफेक्टिव मीटर सर्किल घोषित किया है। चार सर्किल में से भिवाड़ी में सबसे अधिक खराब मीटर थे। अन्य जगह दो हजार से कम ही खराब मीटर थे। भिवाड़ी में जीरो डिफेक्टिव मीटर सर्किल होना अच्छा प्रयास है। यहां सिंगल फेज और थ्री फेज के जो उपभोक्ता हैं, उनमें घरेलू, श्रमिक कॉलोनी, दुकान, शॉपिंग कॉम्पलेक्स, छोटी औद्योगिक इकाइयां शामिल हैं। व्यावसायिक और घरेलू उद्देश्य में बिजली का उपभोग होता है। खराब मीटर होने पर एक साथ बिजली की खपत को बढ़ाया जा सकता है। औसत बिल भेजने पर भी निगम को नुकसान होने की आशंका रहती है।
Published on:
04 Dec 2025 05:32 pm
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