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दो वर्ष में भी नहीं मिले बसोली रेंज कार्यालय को कर्मचारी

क्षेत्र के ग्राम बसोली में 2 वर्ष पूर्व रामगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र के बफर जोन में गैर वानिकी कार्यों को रोकने के लिए बनाया गया रेंज कार्यालय का भवन 2 वर्षों से धूल फांक रहा है।

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बूंदी

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pankaj joshi

Nov 25, 2025

दो वर्ष में भी नहीं मिले बसोली रेंज कार्यालय को कर्मचारी

हिण्डोली. बसोली रेंज कार्यालय भवन।

हिण्डोली. क्षेत्र के ग्राम बसोली में 2 वर्ष पूर्व रामगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र के बफर जोन में गैर वानिकी कार्यों को रोकने के लिए बनाया गया रेंज कार्यालय का भवन 2 वर्षों से धूल फांक रहा है। जबकि इसके साथ स्वीकृत भोपतपुरा की रेंज शुरू हो चुकी है।

जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 में क्षेत्र के बसोली में रेंज ऑफिस स्वीकृत किया था। 12 लाख रुपए की लागत से रेंजर कार्यालय का निर्माण करवाया गया, लेकिन दो वर्ष बीतने के बाद भी बसोली में ना तो रेंजर का पद स्वीकृत हुआ और नाहीं स्टाफ लग पाया। ऐसे में यहां पर 2 वर्ष पूर्व बनाया गया नवीन भवन भी धूल फांक रहा है। रामगढ़ टाइगर रिजर्व की बफर जोन में वन्य जीव के मूवमेंट के लिए कई सुविधाओं की दरकार है। आरवीटीआर के बफर जोन बसोली में रेंज कार्यालय स्थापित करने के लिए राज्य ने स्वीकृति दी थी, लेकिन वन विभाग के उच्च अधिकारियों की लापरवाही के चलते अभी तक भी यहां पर पद स्वीकृत नहीं हो पाए हैं। ऐसे में खेराड क्षेत्र के वन्य जीवों पर मॉनीटरिंग हिण्डोली रेंज के भरोसे हैं।

कार्य नहीं हुआ शुरू
वन विभाग के अधिकारियों ने दो वर्ष पूर्व दुर्वासा महादेव के पास दो वॉच टावर, कालदां क्षेत्र में दो वॉच टावर बनाने के प्रस्ताव भिजवाए गए थे, जिससे जहां पर वन्य जीवों व गैर वानिकी गतिविधियों के साथ अवैध परिवहन पर नजर रहेगी। डाटुंदा माता के पास एक चेक पोस्ट का भी निर्माण करवाया जाना था, बैरियर लगाकर वाहनों की चेकिंग की जानी थी, लेकिन ये कार्य भी शुरू नहीं हुए। आने वाले समय में कालदां के जंगलों में फिर से बाघों की दहाड़ सुनाई देगी। यह क्षेत्र बाघो के लिए अनुकूल है, जो क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। इन कार्यों के होने से क्षेत्र में ग्रामीण युवाओं को इको टूरिज्म के क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। तथा होटल, जिप्सी सहित इको टूरिज्म से जुड़े नए व्यवसाय भी बन पाएंगे।

बनेंगे एनीकट व चेक डैम
वन विभाग क्षेत्र में जल्दी ही वन्यजीवों के पेयजल व्यवस्था के लिए नए चेकडेम व एनीकट निर्माण कार्य के प्रस्ताव भिजवाए थे। साथ में कृत्रिम जल स्रोतों को भी विकसित करने का काम शुरू होना चाहिए। यहां पर वर्तमान में पैंथर, चिंकारा, खरगोश, सांभर, जंगली सूअर सहित विभिन्न प्रजाति के वन्य जीव मौजूद हैं।

बारहमासी जलस्रोत है यहां
कालदां जंगल में 12 माह जल के स्रोत बहते रहते हैं, तथा दो दर्जन से अधिक प्राकृतिक नाले है। भीमलत क्षेत्र से देवझर महादेव तक सघन जंगल है। यहां पर कुछ पशुपालक बरसात के दिनों में बाड़े बना लेते थे, जिन्हें भी दो साल पहले साल वन विभाग ने अंकुश लगाया है, और अब यहां पर ग्रासलैंड डवलप किया जा रहे हैं। ताकि शाकाहारी वन्य जीवों की संख्या बढ़े।

भेजे थे कई प्रस्ताव
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि हाइवे किनारे बने कार्यालय चलने के बाद चैक पोस्ट बनने पर यहां गैर वानिकी कार्यों में नियंत्रण रहेगा, लेकिन अभी कोई प्रगति नहीं हुई।

बाघिन का मूवमेंट
कालदां का जंगल टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बफर वन क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें करीब 300 वर्ग किलोमीटर तक ना कोई आबादी है और नहीं किसी तरह की खेती होती है। इस वजह से यह क्षेत्र वन्य जीवों के लिए वह बाघों के लिए हमेशा अच्छा आश्रय स्थल रहा है। सदियों से बाघों के आश्रय स्थल है। वर्तमान में भी युवा बाघिन का इस क्षेत्र में मूवमेंट है।

बसोली रेंज का मामला सरकार के स्तर का मामला है। सभी उच्चाधिकारी स्थिति से अवगत है, किसी से कुछ छुपा नहीं है।
शिव प्रकाश चौधरी, रेंजर हिण्डोली।