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खाद के लिए बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक कतार में, फिर भी बैरंग लौटे

उपखण्ड में यूरिया की किल्लत ऐसी बनी हुई है खाद आते ही किसान खाद डीलरों की दुकान पर खाद लेने उमड़ पड़ते है। कई दिनों बाद नैनवां में गुरुवार सुबह एक दुकान पर खाद आने की सूचना मिलते ही आसपास के गांवों के किसान खाद लेने के लिए दौड़ पड़े।

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खाद के लिए बुजुर्ग से लेकर बच्चे तक कतार में, फिर भी बैरंग लौटे

कापरेन. खाद लेने के लिए धक्का मुक्की करते किसान व समझाइश करते पुलिस।

नैनवां. उपखण्ड में यूरिया की किल्लत ऐसी बनी हुई है खाद आते ही किसान खाद डीलरों की दुकान पर खाद लेने उमड़ पड़ते है। कई दिनों बाद नैनवां में गुरुवार सुबह एक दुकान पर खाद आने की सूचना मिलते ही आसपास के गांवों के किसान खाद लेने के लिए दौड़ पड़े। बुजुर्गों से लेकर बच्चे तक कतार में लग गए, जिनमें महिलाएं व बालिकाएं भी शामिल थे। दुकान खुलने से पहले ही सुबह आठ बजे तक ही एक हजार से अधिक किसानों का दुकान के बाहर जमावड़ा लग गया। दिन चढऩे के साथ ही किसानों की भीड़ नौ बजे बाद तो खाद वितरण से पहले ही किसान इतनी संख्या में पहुंचकर कतारों में लग चुके थे, जिससे दुकान के बाहर बस स्टैंड व सुभाष कॉलोनी की और जाने वाले मार्ग अवरुद्ध हो गए। कट्टों के वितरण के बाद दोनों मार्गों पर आवागमन शुरू हो पाया। कट्टे कम आने व किसानों की संख्या अधिक होने से वितरण व्यवस्था बनाने के लिए कृषि विभाग को पुलिस बुलानी पड़ी। सहायक कृषि अधिकारी खुशराज नागर, कृषि पर्यवेक्षक ङ्क्षरकू मीणा, राजेश मीणा ने दुकान पर पहुंचकर किसानों की संख्या अधिक होने से आधार कार्ड के आधार पर प्रति किसान दो-दो कट्टे वितरित कराए। दुकान पर आये यूरिया के साढ़े सात सौ कट्टे डेढ़ घण्टे में पूरे कट्टे वितरित हो जाने से कतारों में लगे रहे आधे से ज्यादा किसानों को खाली हाथ ही रहना पड़ गया।

पहले कतारों में लग खाद लिया, उसके बाद दी परीक्षा
कतारों में कई स्कूलों में पढऩे वाले कई विद्यार्थी भी लगे हुए थे, जिनके आज अद्र्ध वार्षिक परीक्षा के पेपर थे। कतार में लगे विद्यार्थियों ने पहले खाद लिया उसके बाद पेपर देने पहुंचे। दसवीं में पढऩे वाले मनीष, 12वीं में पढ़ रहे अंकित, आठवीं में पढऩे वाली नीलम कीर, दुर्गाशंकर, सातवीं में पढऩे वाले आकाश व पांचवीं में पढऩे वाली पायल भी खाद लेने के लिए कतारों में लगी हुई थी। विद्यार्थियों ने बताया कि आज ही एक बजे अद्र्ध वार्षिक परीक्षा का पेपर है। खाद की आवश्यकता होने से परिवार के लिए खाद लेने लिए आए है। उसके बाद परीक्षा देंगे। और भी विद्यार्थी कतारों में खड़े थे।

गुरुवार को नैनवां में खाद की दुकान पर 750 कट्टे आए थे जिनका वितरण करवा दिया। किसानों की संख्या अधिक होने से आधार कार्ड पर प्रति किसान दो कट्टे वितरित कराए गए। सिसोला में भी 560 कट्टों का वितरण करवाया गया। गुरुवार को ही दो ओर ग्राम सेवा सहकारी समितियों में भी यूरिया के ट्रक आए है। जिनका वितरण शुक्रवार को कराया जाएगा। रजलावता सहकारी समिति में 560 व बाछोला सहकारी समिति में 450 कट्टे यूरिया आया है।
खुशराज नागर, सहायक कृषि अधिकारी

हंगामे के चलते कई बार रोकना पड़ा खाद वितरण
कापरेन. शहर की मार्केङ्क्षटग सोसायटी पर जैसे ही यूरिया खाद आने की जानकारी मिली तो बड़ी संख्या में किसानों की भीड़ सोसायटी के सामने जमा हो गई। कतारों में खड़े किसान दुकान खुलने का इंतजार करते रहे। भीड़ को देखते हुए खाद वितरण से पहले पुलिस को सूचना देकर जाप्ता बुलाया गया और पुलिस की देखरेख में प्रत्येक किसान को पांच-पांच कट्टे यूरिया खाद का वितरण शुरू किया गया। खाद लेने के लिए कतार में करीब तीन सौ किसान खड़े हो गए। वहीं एक कतार में महिलाएं भी खाद के लिए खड़ी हो गई। लम्बी कतार लगने से कतार मुख्य सडक़ पर पहुंच गई, जिससे जाम लगने और आवागमन बाधित होने की समस्या हो गई। खाद वितरण के दौरान किसान लाइनों में धक्का मुक्की करने लगे, जिसके बाद खाद वितरण रोकना पड़ा। मौके पर पहुंचे एएसआई भंवर ङ्क्षसह ने किसानों से शांति पूर्वक खाद लेने के लिए समझाइश की। लाइनों में लगे किसानों को नीचे बैठ कर अपनी बारी आने पर खाद लेने के लिए समझाइश की गई। एएसआई ने आगे से खाद का वितरण खुले परिसर, कृषि उपज मंडी में करने निर्देश दिए, जिससे मुख्य सडक़ पर जाम नहीं लगे और किसान भी शांतिपूर्ण ढंग से लाइनों में लग कर खाद लेवें। मार्केङ्क्षटग सोसायटी के व्यवस्थापक विजय ङ्क्षसह ने बताया कि सोसायटी में ग्यारह सौ कट्टे यूरिया खाद पहुचा था। जिसका कृषि अधिकारीयो के निर्देश पर किसानों की संख्या को देखते हुए पांच पांच कट्टे आधार कार्ड से वितरित किए गए। खाद की मांग होने से भीड़ लग जाती है काउन्टर तक भीड़ पहुंच जाती है। लाइनों में लगे किसानों को दोपहर तक खाद का वितरण किया गया।