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प्रदेश में पशु गणना के आंकड़े सामने आए, छतरपुर जिले में सूअर और खच्चर की संख्या सर्वाधिक

आंकड़े बताते हैं कि छतरपुर जिला कई प्रकार के पशुओं में प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल है। खासतौर पर सुअर और खच्चर की संख्या में छतरपुर पहले स्थान पर है।

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खच्चर

मध्य प्रदेश में पशुपालन विभाग ने हाल ही में पशु जनगणना के आंकड़े जारी किए हैं। इस गणना के अनुसार प्रदेश में कुल 3 करोड़ 75 लाख 92 हजार 771 पशु हैं। आंकड़े बताते हैं कि छतरपुर जिला कई प्रकार के पशुओं में प्रदेश के अग्रणी जिलों में शामिल है। खासतौर पर सुअर और खच्चर की संख्या में छतरपुर पहले स्थान पर है।

गोवंश से ज्यादा भैंसे


गणना के अनुसार छतरपुर जिले में कुल 3 लाख 52 हजार 342 भैंस पाई गई हैं, जबकि गौवंश की संख्या 1 लाख 90 हजार 166 है। यानी जिले में भैंसों की संख्या गौवंश से अधिक है। इसके अलावा बकरियों की संख्या भी बड़ी है, कुल 4 लाख 4 हजार 306 बकरियां यहां पाई गईं। जिले में 9 ऊंट और 2 टट्टू भी दर्ज किए गए हैं।

गधे और खच्चर


छतरपुर जिले में गधे 232 और खच्चर 409 पाए गए हैं। प्रदेश में गधों की संख्या कुल 3052 है, जिसमें सबसे अधिक 335 गधे नर्मदापुरम जिले में हैं। खच्चरों की संख्या प्रदेश में कुल 972 है, जिनमें छतरपुर में सबसे ज्यादा 409 खच्चर हैं। इसके अलावा 26 जिले ऐसे हैं जहां खच्चरों की संख्या शून्य दर्ज की गई।

सूअरों की संख्या


सूअरों के मामले में भी छतरपुर जिला अव्वल है। जिले में 9113 सूअर पाए गए हैं। इसके बाद सीधी में 6880, रीवा में 6468, डिंडोरी में 4599 और राजगढ़ में 4279 सुअर हैं। सबसे कम सूअरों वाले जिलों में झाबुआ शामिल है, जहां केवल 4 सूअर दर्ज किए गए।

अन्य जिलों में पशु स्थिति


-उज्जैन में 618 घोड़े हैं, जबकि छतरपुर में 592, मंदसौर में 513 और इंदौर में 491 घोड़े हैं।
-मुरैना जिले में भैंस सबसे अधिक हैं, कुल 686079

-धार जिला गोवंश और बकरियों में शीर्ष पर है।
-शिवपुरी जिले में भेड़ों की संख्या सबसे अधिक 53962 है, जबकि टीकमगढ़ में 28899 भेड़ हैं।
-टीकमगढ़ जिले में टट्टू सबसे अधिक 54 हैं, जबकि छतरपुर में 2 टट्टू हैं। प्रदेश में 33 जिले ऐसे हैं जहां टट्टुओं की संख्या शून्य है।