मत्स्य विभाग मत्स्य आखेट के करेगा ऑनलाइन टेंडर, पत्रिका फोटो
Fisheries Department Rajasthan: राजस्थान में मत्स्य पालन विभाग अब फिर से सभी तालाबों की बागडोर संभालेगा। मत्स्य पालन के होने वाले सभी ठेके अब विभाग करेगा। पांच लाख से अधिक के ठेके ही विभाग करता है, शेष ठेके पंचायत राज विभाग के माध्यम से होते थे। विभाग की ओर से अगले साल से सभी ठेके ऑनलाइन किए जाएंगे।
राजस्थान के 2400 से अधिक जलाशयों में मत्स्य पालन हो रहा है। वर्तमान में पांच लाख से अधिक के जलाशयों का ठेका विभाग करता है। इसके अलावा सभी ठेके पंचायत राज विभाग के माध्यम से होते हैं। इसमें भी तीन केटेगरी बांट रखी है, अधिकांश ऑफ लाइन ही टेंडर होते हैं। सरकार ने कुछ समय पहले सभी तालाब सिंचाई विभाग को सौंप दिए है। ऐसे में अब इन सभी तालाबों के टेंडर की जिम्मेदारी मत्स्य पालन विभाग को दी गई है।
मत्स्य विभाग निदेशालय के निदेशक संचिता बिश्नोई की ओर से जारी आदेश के अनुसार जलाशयों में मत्स्याखेट अधिकारों को आगामी नीलामी प्रक्रिया एनइएमएल द्वारा बनाए गए विभाग के ई-ऑक्शन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी। नीलामी प्रक्रिया में भाग लेने से पहले बोलीदाताओं का पंजीयन उक्त पोर्टल पर करना आवश्यक होगा। इसके पश्चात प्रत्येक बोलीवाला को एक लॉगिन आईडी व पासवर्ड होगा। उन्हें एक पंजीयन संख्या का आवंटन किया जाएगा। इसके लिए वार्षिक शुल्क भी निर्धारित किया गया है। मत्स्य पालन के ठेके विभाग के माध्यम से होंगे। विभाग की ओर से इसके लिए तैयारी शुरू कर दी हैं। विभाग पंचायत राज से तालाबों की जानकारी, ठेकों की स्थिति आदि मंगवा रहा है। इसके बाद विभाग की ओर से तालाबों की मैपिंग की जाएगी। इसके बाद ही ऑनलाइन टेण्डर प्रक्रिया प्रारंभ हो पाएगी।
जिले में 113 तालाब है। अभी तक इसमें से 65 तालाबों के टेंडर हो चुके है। इसमें कई तालाबों के टेंडर का नवीनीकरण किया गया है। इसके बावजूद 48 तालाबों के टेंडर नहीं हो पाए है। हालांकि इसमें से अधिकांश तालाब कपासन, राशमी और भोपालसागर क्षेत्र के बताए जा रहे हैं। इसमें कुछ में पानी भी नहीं है। प्रदेश के 2400 जलाशयों में होता मत्स्य पालन प्रदेश में 2400 जलाशयों में मत्स्य पालन होता है। राज्य में 5 लाख से अधिक का राजस्व देने वाले तालाबों की संख्या 244 है। वर्ष 2024-25 में 113647.21 लाख मैट्रिक टन मत्स्य उत्पादन हुआ। मत्स्य बीज उत्पादन का लक्ष्य पिछले साल 1450 मिलियन फ्राई था। चालू वित्तीय वर्ष में सरकार ने 116000 मैट्रिक टन मत्स्य उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
5 लाख से अधिक के टेंडर विभाग करता था,
5 लाख के नीचे के टेंडर पंचायत राज विभाग
50 हजार से 5 लाख तक बी केटेगरी में
10 से 50 हजार तक सी केटेगरी में
0 से 10 हजार तक की डी केटेगरी में
जिले के सभी तालाबों में मत्स्य पालन विभाग ही मत्स्य आखेट के टेंडर करेगा। पहले सिर्फ ए क्लास के टेंडर विभाग करता था। सरकार ने सभी तालाब सिंचाई विभाग को सौंप दिए हैं। अब उनके टेंडर मत्स्य विभाग करेगा। पोर्टल पर पंजीयन करना होगा। इसके बाद ही वह इस प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे। अनिल कुमार जोशी, कार्यवाहक मत्स्य विकास अधिकारी चित्तौड़गढ़
Published on:
17 Oct 2025 11:26 am
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