
राजस्थान रोडवेज बसों में चेकिंग पैटर्न बदला, पत्रिका फोटो
चित्तौड़गढ़। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने वाहन निरीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए कड़े कदम उठाए हैं। अब निगम की बसों का निरीक्षण केवल कागजों पर नही, बल्कि वीडियो सबूत के आधार पर मान्य होगा। नए निर्देश के अनुसार प्रबंधक यातायात, यातायात निरीक्षक और सहायक निरीक्षकों को अब शनिवार, रविवार और सोमवार को निरीक्षण करते हुए हर माह कम से कम 150 वाहनों के अनिवार्य रूप से निरीक्षण करने पड़ेंगे । इनमें से पचास फीसदी निरीक्षण सुबह 9.30 बजे से पहले या शाम 6 बजे के बाद करने होंगे। ताकि बसों के संचालन की हकीकत सामने आ सके।
प्रत्येक वाहन के निरीक्षण का कम से कम पांच मिनट का वीडियो बनाना अनिवार्य किया गया है। यह वीडियो चेकिंग शाखा के टेलीग्राम नम्बर पर अपलोड करना होगा। वीडियो में वाहन नंबर, आगार का नाम, निरीक्षण का समय, निरीक्षक का नाम और वीडियो की अवधि साफ-साफ दर्ज करनी होगी। बिना अपलोड किए गए वीडियो वाले वाहनों की चेकिंग मान्य नहीं होगी। इसके अलावा मंगलवार से शुक्रवार तक निरीक्षण दल को वीटीएस, ऑनलाइन या वीडियो कॉल के जरिए प्रतिदिन कम से कम 10 वाहनों की चेकिंग अनिवार्य रूप से करनी होगी।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और राजस्थान रोडवेज के सभी आगारों को इसकी पालना सुनिश्चित करने को कहा गया है। यह नया सिस्टम न केवल निरीक्षण प्रणाली को डिजिटल और पारदर्शी बनाएगा, बल्कि निगम के राजस्व में वृद्धि होगी। बस संचालन की की वास्तविकता भी समाने आ जाएगी।
-प्रति माह निरीक्षण: 150 वाहन
-सुबह 9.30 बजे से पहले व शाम 6 बजे के बाद निरीक्षण करने होंगे।
-हर बस का निरीक्षण करते समय पांच मिनट का वीडियो बनाना होगा।
-चेकिंग शाखा के टेलीग्राम नंबर पर निरीक्षण का वीडियो अपलोड करना होगा। इसके अभाव में निरीक्षण मान्य नहीं होगा।
-मंगलवार व शुक्रवार को ऑनलाइन व वीटीएस से 10 वाहनों की चेकिंग करनी होगी।
रोडवेज बसों में महिलाओं की सुरक्षा के बड़े-बड़े दावों के बीच लगाए गए पैनिक बटन अब सिर्फ दिखावे की चीज बनकर रह गए हैं। दो साल पहले निगम ने महिला यात्रियों को सुरक्षित माहौल देने के लिए सभी बसों में ये सिस्टम लगाया था। हालत यह है कि इनमें से 80 फीसदी से ज्यादा बटन खराब हैं या निष्क्रिय पड़े हैं।
राजस्थान पथ परिवहन निगम की ओर से महिलाओं की सुरक्षा के लिए 2023 में रोडवेज की करीब 3500 बसों में जीपीएस आधारित पैनिक बटन लगाए गए थे। इसमें बटन दबाने पर सीधा सिग्नल निगम मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम और संबंधित डिपो तक पहुंचना था, जिससे पुलिस को तुरंत अलर्ट भेजा जा सके। अब हाल यह है कि कई बसों में बटन दबाने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं होती। रोडवेज अधिकारी ने बताया कि सिस्टम की मॉनिटरिंग ही बंद है। बजट और मेंटेनेंस की कमी के कारण ये काम नहीं कर रहे हैं। हालांकि इस संबंध में उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत कराया जा चुका है।
Published on:
23 Nov 2025 08:49 am
बड़ी खबरें
View Allचित्तौड़गढ़
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
