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Rajasthan: शेखावाटी में आदिवासी समूहों ने भरी हुंकार, ST का दर्जा देने की उठाई मांग; आदिवासी सांसद भी हुए शामिल

Rajasthan News: शेखावाटी क्षेत्र के चूरू जिले के सुजानगढ़ कस्बे में बीते रविवार को आदिवासी समूहों ने एक बड़ी सभा का आयोजन किया।

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चूरू

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Nirmal Pareek

Oct 27, 2025

Tribal groups in Sujangarh

फोटो- पत्रिका नेटवर्क

Rajasthan News: शेखावाटी क्षेत्र के चूरू जिले के सुजानगढ़ कस्बे में बीते रविवार को आदिवासी समूहों ने एक बड़ी सभा का आयोजन किया। इस सभा में उन्होंने चूरू, झुंझुनू और सीकर जिलों के आदिवासी बहुल इलाकों को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मांग की। सभा का आयोजन नायक समुदाय के मेधावी छात्रों को सम्मानित करने के लिए किया गया था, जिसमें कई सामाजिक और राजनीतिक संगठनों के लोग शामिल हुए।

सभा में वक्ताओं ने आदिवासी समुदायों के सामने आने वाली समस्याओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि इन समुदायों में निरक्षरता और बेरोजगारी की समस्या गंभीर है। साथ ही, आदिवासियों के खिलाफ अपराध की घटनाएं भी बढ़ रही हैं। वक्ताओं ने राज्य सरकार से मांग की कि शेखावाटी क्षेत्र के आदिवासियों को राजस्थान के अन्य एसटी क्षेत्रों की तरह कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाए।

सांसद राजकुमार रोत भी हुए शामिल

सभा में बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत ने कहा कि नायक समुदाय के लोग मूल रूप से भील आदिवासी समुदाय के वंशज हैं। उन्होंने बताया कि राजस्थान के बीकानेर, जोधपुर, गंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, चूरू, नागौर, अजमेर और झुंझुनू जिलों में करीब 30-35 लाख भील नायक रहते हैं। वर्तमान में इन्हें अनुसूचित जाति (SC) का दर्जा प्राप्त है, लेकिन वे चाहते हैं कि उनकी आदिवासी पहचान को मान्यता दी जाए और उन्हें एसटी का दर्जा मिले।

नायक समुदाय ने सरकार से किया आग्रह

रोत ने सरकार से अनुरोध किया कि आदिवासी स्थिति को लेकर भ्रम को दूर करने के लिए ऐतिहासिक दस्तावेजों की समीक्षा की जाए। उन्होंने कहा कि नायक समुदाय के बुजुर्ग और बुद्धिजीवी इस बात पर जोर देते हैं कि उनकी जड़ें भील समुदाय से जुड़ी हैं। यह मांग लंबे समय से चली आ रही है और समुदाय चाहता है कि सरकार उनकी स्थिति स्पष्ट करे ताकि उन्हें उचित अधिकार और सुविधाएं मिल सकें।

सभा में शामिल लोगों ने सरकार से यह भी मांग की कि आदिवासियों के विकास के लिए शिक्षा, रोजगार और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया जाए। इस आयोजन में समुदाय ने एकजुटता दिखाते हुए अपनी मांगों को जोरदार तरीके से उठाया।