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Dev Diwali Puja Aarti : देव दीपावली की रात करें ये आरती, खुल सकते हैं सुख-समृद्धि के द्वार!

Dev Diwali Puja Aarti : देव दिवाली 2025 पर भगवान शिव, माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की आरती का खास महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा की शाम इन आरतियों से पाएं धन, शांति और सुख-समृद्धि।

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भारत

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Dimple Yadav

Nov 05, 2025

Dev Diwali Puja Aarti

Dev Diwali Puja Aarti (photo- gemini ai)

Dev Diwali Aarti: आज 5 नवंबर, बुधवार को पूरे देश में देव दिवाली का पावन पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व कार्तिक पूर्णिमा की शाम को मनाया जाता है, इस दिन काशी नगरी दीपों की रोशनी से जगमगा उठती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी दिन देवता स्वयं स्वर्ग से धरती पर उतरकर गंगा तट पर दीप जलाते हैं। इसीलिए इसे देव दीपावली कहा जाता है।

इस दिन भगवान शिव, माता लक्ष्मी और चंद्रदेव की पूजा का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि देव दिवाली की शाम को भगवान शिव की आरती करने से पापों का नाश होता है, चंद्रदेव की पूजा से मन की शांति मिलती है और माता लक्ष्मी की आरती से घर में सुख-समृद्धि आती है।

भगवान शिव की आरती का महत्व

देव दिवाली पर सबसे पहले भगवान शिव की पूजा की जाती है। उनके आराध्य रूप ॐ जय शिव ओंकारा आरती का गायन करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में स्थिरता आती है। भगवान शिव को भस्म, बिल्वपत्र, भांग और धतूरे का भोग अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि इस आरती से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों को संकटों से मुक्ति और मनचाही सफलता प्रदान करते हैं।

माता लक्ष्मी की आरती से बढ़ता है धन-वैभव

देव दिवाली की रात लक्ष्मी पूजन का विशेष विधान बताया गया है। ॐ जय लक्ष्मी माता आरती का भावपूर्वक पाठ करने से घर में धन, वैभव और शांति का आगमन होता है। मान्यता है कि जो भक्त इस दिन माता लक्ष्मी का पूजन करते हैं, उनके घर से दरिद्रता और बाधाएं दूर होती हैं।

चंद्रदेव की आरती से मिटता है चंद्र दोष

पूर्णिमा की रात चंद्रदेव की पूजा करना बहुत शुभ माना गया है। “ॐ जय सोम देवा” आरती का गायन करने से मन की शांति बढ़ती है और मानसिक तनाव दूर होता है। साथ ही कुंडली के चंद्र दोष और मनोवैज्ञानिक परेशानियां भी समाप्त होती हैं।

देव दिवाली पर करें तीनों आरतियां

देव दिवाली की शाम को पहले भगवान शिव की, फिर चंद्रदेव और अंत में माता लक्ष्मी की आरती करना अत्यंत शुभ माना गया है। इन तीनों आरतियों के संयुक्त पूजन से घर में सुख, शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।