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Red Planet Day 2025: आज ही क्यों मनाते हैं ‘लाल ग्रह दिवस’? नासा के इस मिशन से जुड़ा है 61 साल पुराना इतिहास

Red Planet Day 2025: 28 नवंबर को रेड प्लैनेट डे क्यों मनाया जाता है? जानिए नासा के मेरिनर-4 मिशन का इतिहास और मंगल को 'लाल ग्रह' कहे जाने की असली वजह क्या है?

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भारत

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Rahul Yadav

Nov 28, 2025

Red Planet Day 2025 History and Mars Planet Facts in Hindi

Red Planet Day 2025 (Image: Freepik)

Red Planet Day 2025: आज की तारीख 28 नवंबर 2025 है। अगर आप कैलेंडर देख रहे हैं और सोच रहे हैं कि आज क्या खास है, तो रुकिए। आज का दिन अंतरिक्ष विज्ञान की दुनिया में एक बड़ा मायने रखता है। आज पूरी दुनिया 'रेड प्लैनेट डे' (Red Planet Day) मना रही है।

ये दिन सिर्फ तारीख याद रखने का नहीं है, बल्कि उस रोमांचक सफर को याद करने का है जब इंसान ने पहली बार मंगल ग्रह (Mars) को करीब से जानने की कोशिश की थी। अगर आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं या सिर्फ स्पेस में दिलचस्पी रखते हैं तो आज की ये जानकारी आपके बहुत काम आने वाली है।

आखिर 28 नवंबर ही क्यों?

इस सवाल का जवाब इतिहास के पन्नों में, साल 1964 में छिपा है। इसी तारीख को अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने अपना ऐतिहासिक मिशन 'मेरिनर 4' (Mariner 4) लॉन्च किया था।

उस समय मंगल ग्रह हमारे लिए एक रहस्य था। मेरिनर 4 वो जांबाज स्पेसक्राफ्ट बना जिसने पहली बार मंगल के पास से सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी। सिर्फ इतना ही नहीं, उसने पहली बार हमें मंगल ग्रह की धुंधली ही सही, लेकिन असली तस्वीरें खींचकर भेजीं। ये वही दिन था जिसने साबित किया कि हम धरती के अलावा दूसरे ग्रहों तक भी पहुंच सकते हैं। बस, इसी कामयाबी के जश्न में हर साल 28 नवंबर को हम 'लाल ग्रह दिवस' मनाते हैं।

क्यों मनाते हैं Red Planet Day?

इसका मकसद लोगों में जागरूकता फैलाना है। मेरिनर-4 तो बस एक शुरुआत थी, उसके बाद हमने मंगल पर रोवर उतारे और अब इंसान वहां जाने के सपने देख रहा है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि विज्ञान ने कितनी तरक्की कर ली है। साथ ही, इसका उद्देश्य यह भी है कि स्कूल-कॉलेज के छात्र और आम लोग हमारे सौर मंडल के इस पड़ोसी ग्रह के बारे में और ज्यादा जानें और नई खोजों के लिए प्रेरित हों।

मंगल 'लाल' क्यों है?

अक्सर बच्चों से लेकर बड़ों तक के मन में ये सवाल आता है कि इसे 'रेड प्लैनेट' ही क्यों कहते हैं? क्या वहां कोई लाल रंग का पेंट हुआ है? जवाब है नहीं।

असल में, मंगल ग्रह की सतह और चट्टानों में 'आयरन ऑक्साइड' की मात्रा बहुत ज्यादा है। आसान भाषा में कहें तो वहां की मिट्टी में लोहे की जंग मिली हुई है। जब सूरज की रोशनी इस पर पड़ती है, तो यह दूर से लाल या नारंगी रंग का चमकता हुआ दिखाई देता है। यही वो धूल भरी लाल आंधी है जो इसे इसकी पहचान देती है।

आज आप क्या कर सकते हैं?

'रेड प्लैनेट डे' मनाने के लिए आपको स्पेस में जाने की जरूरत नहीं है! आप घर बैठे इसे मजेदार तरीके से मना सकते हैं।

इंटरनेट पर एक्सप्लोर करें: आज थोड़ा वक्त निकालकर नासा या इसरो की वेबसाइट पर मंगल ग्रह की असली तस्वीरें देखें।

GK को करें मजबूत: अगर आप स्टूडेंट हैं तो आज मंगल मिशन से जुड़े पुराने और नए फैक्ट्स पढ़ें। अक्सर एग्जाम्स में इससे जुड़े सवाल आते हैं।

Science Fiction फिल्में देखें: स्पेस और मार्स मिशन पर बनी कोई अच्छी फिल्म या डॉक्यूमेंट्री देख सकते हैं।