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90 दिन में ‘ग्रेच्युटी’ जारी करने का आदेश, रिटायर कर्मचारी दायरे से बाहर

MP News: पेंशन के नए नियम लागू होने से पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी इसके दायरे में नहीं आएंगे।

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: हाईकोर्ट की एकल पीठ ने जल संसाधन विभाग से सेवानिवृत्त सहायक अभियंता मुन्नीलाल साहू की याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार द्वारा रोकी गई ग्रेच्युटी जारी करने का आदेश दिया है। न्यायमूर्ति आशीष श्रोती की एकलपीठ ने कहा कि विभाग ने संशोधित नियम लागू होने से पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी पर नया नियम लागू कर गलती की है। पेंशन के नए नियम लागू होने से पहले सेवानिवृत्त हुए कर्मचारी इसके दायरे में नहीं आएंगे।

पहले हो चुके थे रिटायर

याचिकाकर्ता ग्वालियर निवासी मुन्नीलाल साहू 31 जुलाई- 2022 को सेवानिवृत्त हुए थे। विभाग ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में आपराधिक प्रकरण लंबित होने के कारण पूरी ग्रेच्युटी रोक ली थी और इसका आधार पेंशन नियम 64 (सी) बनाया था। हालांकि, यह प्रावधान 19 मई-2023 को संशोधित हुआ था, जबकि साहू उससे पहले रिटायर हो चुके थे।

ग्रेच्युटी रोकना गलत

ग्रेच्युटी रोके जाने के खिलाफ उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की। अधिवक्ता डीपी सिंह ने तर्क दिया कि याचिकाकर्ता नियम लागू होने के पहले सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन विभाग ने जो नियम लागू नहीं था, उसके आधार पर ग्रेच्युटी रोकी है। इस तरह से ग्रेच्युटी रोकना गलत है। राज्य शासन ने याचिका का विरोध किया।

अदालत ने कहा कि संशोधित नियम का प्रभाव पूर्ववर्ती मामलों पर नहीं डाला जा सकता। इसलिए मुन्नीलाल साहू के मामले में पुराने नियम 64 के तहत निर्णय लिया जाए। कोर्ट ने 7 अप्रेल 2022 के आदेश को निरस्त करते हुए निर्देश दिया कि विभाग 90 दिनों में ग्रेच्युटी भुगतान पर निर्णय करें।