
Case of wrong entry of government land in the name of Dandaura Government Trust
हाईकोर्ट की एकल पीठ ने दंदरौआ सरकार पब्लिक ट्रस्ट से जुड़े मामले में हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान फटकार लगाते हुए कहा कि सरकारी जमीन का कागजी शेर टेबल-टेबल दौड़ा, लेकिन वह थककर टेबलों पर आराम करने लगा। कोर्ट ने भिंड कलेक्टर को झूठा शपथ पत्र पेश करने पर फटकार लगाते हुए अवमानना के लिए जिम्मेदार माना है। वहीं दूसरी ओर से राज्य शासन ने रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि एसडीएम व तत्कालीन तहसीलदार राजनारायण खरे को निलंबित कर दिया है। विभागीय जांच की अनुशंसा की है। दो महीने में जांच पूरी की जाएगी।
दरअसल दंदरौआ सरकार को प्लांटेशन के लिए सरकारी जमीन पट्टे पर दी गई थी। करीब 55 हेक्टेयर भूमि की तहसीलदार ने खसरे में इंट्री कर दी। इस मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को मिली तो सामने आया कि तहसीलदार ने गलत इंट्री की है। कलेक्टर ने पट्टा निरस्त कर दिया। इसके खिलाफ संभागायुक्त के यहां अपील दायर की। संभागायुक्त ने कलेक्टर का आदेश निरस्त कर दिया। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में पिटीशन लगाई गई। कोर्ट ने पूछा था कि इतनी देर से पिटीशन क्यों दायर की है, जिम्मेदार अधिकारियों पर क्या कार्रवाई कर रहे हैं। इस मामले शासन ने कोर्ट फीस जमा नहीं की, जिसके चलते याचिका खारिज हो गई। याचिका को दुबारा सुनवाई में लाने के लिए री स्टोर आवेदन लगाया है। भिंड कलेक्टर किरोड़ी लाल मीणा को तलब किया। कलेक्टर ने जो रिपोर्ट पेश की,उसमें संभागायुक्त के यहां फाइल रुकी होने की जानकारी दी। इसके बाद संभागायुक्त को वीडियो कॉन्फ्रेंस से तलब लिया। मुरैना के कलेक्टर व प्रभारी संभागायुक्त उपस्थित हुए। संभागायुक्त के यहां से प्रस्ताव वापस लौटाने की जानकारी न्यायालय में पेश की। इसके बाद कोर्ट ने कलेक्टर भिंड को फिर से तलब किया। कलेक्टर भिंड ने गलती के लिए हाईकोर्ट में क्षमा मांगी। कोर्ट ने कहा कि अपने वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ झूठा शपथ पत्र कैसे दिया है। झूठा शपथ पत्र देने पर कोर्ट ने अवमानना मानी है।
Published on:
18 Nov 2025 11:10 am
बड़ी खबरें
View Allसमाचार
ट्रेंडिंग
