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3 करोड़ के ‘अंडरग्राउंड मेट्रो’ ट्रैक का सर्वे चालू , 30 किमी. का होगा ट्रैक

MP News: इंदौर मेट्रो का काम धीमी गति से चल रहा है लेकिन विस्तार की योजनाओं पर आगे काम बढ़ रहा है। इंदौर से उज्जैन तक सर्वे हो गया है।

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: इंदौर से उज्जैन के बाद अब इंदौर से पीथमपुर के बीच मेट्रो ट्रेन चलाने के लिए सर्वे चल रहा है। पहले चर्चा थी कि एबी रोड से पीथमपुर की ओर मेट्रो का संचालन होगा, अब अफसरों ने अंडरग्राउंड रूट ज्यादा रखने का सुझाव दिया है। इसके तहत लव-कुश चौराहा से मरीमाता चौराहा होकर बड़ा गणपति और वहां से राजेंद्रनगर तक मेट्रो अंडरग्राउंड चलाने और राजेंद्रनगर से पीथमपुर तक एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने का सुझाव दिया है।

इंदौर से उज्जैन तक सर्वे

इंदौर मेट्रो का काम धीमी गति से चल रहा है लेकिन विस्तार की योजनाओं पर आगे काम बढ़ रहा है। इंदौर से उज्जैन तक सर्वे हो गया है। लव-कुश चौराहा से उज्जैन तक मेट्रो का एलिवेटेड कॉरिडोर व उज्जैन स्टेशन की ओर शहर में अंडरग्राउंड ट्रैक बनाने की प्लानिंग है।

इस बीच इंदौर से पीथमपुर के बीच मेट्रो चलाने की प्लानिंग पर भी काम शुरू हो गया है। शासन ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को सर्वे व डीपीआर बनाने का काम सौंपा है। इस काम के एवज में करीब 3 करोड़ रुपए खर्च किए जाना हैं। मेट्रो का काम कब शुरू होगा, यह तय नहीं है लेकिन सर्वे चल रहा है।

अफसरों ने दिया सुझाव

दिल्ली की टीम स्थानीय मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन अफसरों के साथ समन्वय कर योजना पर काम कर रहे हैं। हाल ही में मेट्रो के खजराना चौराहा से अंडरग्राउंड होकर एयरपोर्ट तक जाने की बात सर्वसम्मति से जनप्रतिनिधियों की बैठक में तय हुई है। हालांकि सरकार की ओर से अभी इसे लेकर फैसला नहीं हुआ है। इसके बाद इंदौर से पीथमपुर के बीच मेट्रो के संचालन के लिए अंडरग्राउंड ट्रैक बनाने का सुझाव योजना में शामिल किया जा रहा है। अफसरों ने सुझाव दिया है कि लव-कुश चौराहा से पीथमपुर की ओर ट्रैक को शहरी हिस्से में अंडरग्राउंड किया जाए।

30 किलोमीटर का होगा ट्रैक

पीथमपुर तक मेट्रो ट्रैक 30 किमी. रहेगा। इसे लव-कुश चौराहा से मरीमाता चौराहा होकर बड़ा गणपति चौराहा और वहां से राजेंद्रनगर तक अंडरग्राउंड मेट्रो चलाने का सुझाव प्लान में शामिल किया जा रहा है। राजेंद्रनगर से राऊ होते हुए पीथमपुर तक एलिवेटेड ट्रैक रहेगा। चूंकि यह इलाका पुराने इंदौर का तंग इलाका है, इसलिए अंडरग्राउंड रूट ही प्रस्तावित किया जा रहा है। अफसरों के मुताबिक, डीएमआरसी की टीम की सर्वे रिपोर्ट को जल्द शासन के समक्ष रखा जाएगा। शासन की मंजूरी के बाद डीपीआर होगी।

यात्री मिलें, ऐसा रूट हो

इंदौर-पीथमपुर मेट्रो चलाने के लिए प्लान बनाते समय यह देखना चाहिए कि यात्री कहां से मिलेंगे। मरीमाता, बड़ा गणपति की ओर मेट्रो ले जाने के स्थान पर स्टेशन होते हुए आगे बढ़ना होगा। स्टेशन से पीथमपुर की ओर मेट्रो लाएंगे तो यात्रियों को पीथमपुर से आने के बाद शहर में कहीं भी जाने के लिए आसानी से कनेक्टिविटी मिलेगी। बाहरी इलाके से मेट्रो चली तो यात्री नहीं मिलेंगे। -अतुल सेठ, सिटी प्लानर