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गौमाता को राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग, देशभर से 300 साधु-संतों आए जयपुर, कम्प्यूटर बाबा बोले: मांगें नहीं मानी तो मार्च में करेंगे दिल्ली कूच

मार्च में देशभर के नागा सहित अन्य साधु-संत मार्च माह में दिल्ली कूच कर अनिश्चितकालीन अहिंसक आंदोलन शुरू करेंगे।

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जयपुर। गौ संरक्षण, गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध और गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग को लेकर गौमाता उच्चाधिकार समिति की राष्ट्रीय बैठक जेएलएन मार्ग स्थित होटल में हुई। बैठक में देशभर से आए लगभग 300 साधु-संत, शंकराचार्य और महामंडलेश्वर उपस्थित रहे। कार्यक्रम का नेतृत्व महामंडलेश्वर कम्प्यूटर बाबा ने किया।

होटल परिसर में सुबह से ही शंख, घंटा-घडियाल, संकीर्तन और जयकारों के बीच देशभर के संत-विभूति एकत्रित हुए। सामान्यत: इस प्रकार की धर्मसभा मठ-मंदिर या गौशालाओं में होती है, परंतु आयोजकों ने कहा कि मामला अत्यंत गंभीर है, इसलिए गंभीरता दर्शाने के लिए संत समाज ने शिष्यों के सहयोग से इस बैठक का आयोजन होटल में किया है।

राष्ट्रीय बैठक के आयोजक कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि गौ माता भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं। उन्हें राष्ट्रमाता घोषित करना समय की मांग है। हमें पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी साधु-संतों की बात अवश्य मानेंगे। वे गाय राष्ट्र माता घोषित करने सहित सभी मांगें मानेंगे। इस कूच का नेतृत्व जगद्गुरु शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती करेंगे। उन्होंने कहा कि आज देशभर में गौमाता की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। गाय सडक़ों पर भटक रही हैं। भूख-प्यास से मर रही हैं, दुर्घटनाओं का शिकार हो रही हैं। यह केवल सरकार ही नहीं, बल्कि पूरे समाज की सामूहिक असफलता है।

कार्यक्रम के संयोजक देवकीनंदन पुरोहित ने कहा कि भारतीय संस्कृति, कृषि, पर्यावरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था का संपूर्ण तंत्र गौ पर आधारित है और गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिए बिना भारत अपनी आत्मा की रक्षा नहीं कर सकता। अन्य संतों ने भी एक स्वर में कहा कि यदि सरकार ने इन मांगों को गंभीरता से नहीं लिया तो मार्च में देशभर के नागा सहित अन्य साधु-संत मार्च माह में दिल्ली कूच कर अनिश्चितकालीन अहिंसक आंदोलन शुरू करेंगे। यह संघर्ष शांतिपूर्ण होगा, परंतु निर्णायक होगा।

इस दौरान जगद्गुरु शंकराचार्य त्रिकालभांता, महामंडलेश्वर अजय दास, महामंडलेश्वर प्रकाशानंद, जगद्गुरु आनंदेश्वर महाराज, महामंडलेश्वर भवानी मां, महामंडलेश्वर तनीषा सनातनी, महामंडलेश्वर प्रेमपुरी, महामंडलेश्वर भोलागिरी, महामंडलेश्वर मधुरदास, महामंडलेश्वर कपिल मुनि, महामण्डलेश्वर रामसेवक दास, महामंडलेश्वर कालिकानंद, महामंडलेश्वर अन्नगिरि, महामंडलेश्वर राघवेन्दानन्द, महामंडलेश्वर चंदन दास, महामंडलेश्वर खड़ेश्वरी, महामंडलेश्वर शैलेशनंद, महामंडलेश्वर प्रवीण दास, महामंडलेश्वर लालमणि दास, महामण्डलेश्वर बाली बाबा, महामण्डलेश्वर स्वामी अजय योगी, महामंडलेश्वर स्वामी हरिओम, महामंडलेश्वर मोलागिरी, महामण्डलेश्वर सूरज गिरी सहित अनेक संतों की उपस्थिति रही।


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