
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (फोटो-पत्रिका)
जयपुर। राजस्थान सरकार ने आम जनता, छोटे कारोबारियों और ग्रामीणों को राहत देने के लिए बड़े फैसले लिए हैं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में तीन महत्वपूर्ण अधिनियमों में संशोधन को मंजूरी दी गई। इन बदलावों के बाद कई ऐसे मामलों में अब जेल नहीं जाना पड़ेगा, जहां पहले मामूली गलती पर भी कारावास का प्रावधान था।
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा ने पत्रकारों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने निर्णय लिया है कि छोटे स्तर पर होने वाले उल्लंघन या तकनीकी गलतियों के लिए अब आपराधिक दंड नहीं लगाया जाएगा। कारावास की जगह केवल जुर्माना लगाया जाएगा। इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी और सरकार की ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की नीति को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, अदालतों पर मुकदमों का बोझ भी कम होगा।
मंत्रियों ने बताया कि राज्य सरकार ने यह कदम भारत सरकार के जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम-2023 की तर्ज पर उठाया है। इसके लिए राजस्थान जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) अध्यादेश–2025 के प्रारूप को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस अध्यादेश के तहत कुल 11 अधिनियमों से आपराधिक प्रावधान हटाए जाएंगे।
जोगाराम पटेल ने बताया कि राजस्थान वन अधिनियम-1953 में वन भूमि में मवेशी चराने पर 6 महीने तक की जेल या 500 रुपये तक जुर्माने का प्रावधान था। अब संशोधन के बाद इस अपराध को गैर-आपराधिक बनाते हुए केवल जुर्माने तक सीमित कर दिया गया है। यदि वन को नुकसान पहुंचा है तो क्षतिपूर्ति अलग से देनी होगी। इससे उन ग्रामीणों और आदिवासी परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी जो अनजाने में मवेशी लेकर वन क्षेत्र में चले जाते हैं।
इसी तरह, राजस्थान राज्य सहायता (उद्योग) अधिनियम–1961 में भी बदलाव किए गए हैं। पहले उद्योग संचालकों द्वारा बहीखाते, दस्तावेज या रिकॉर्ड निरीक्षण के लिए उपलब्ध न करवाने जैसी छोटी प्रक्रियागत गलतियों पर भी जेल का प्रावधान था। इसे अब पूरी तरह हटाकर केवल आर्थिक दंड तक सीमित कर दिया गया है।
तीसरा बड़ा बदलाव जयपुर वाटर सप्लाई एंड सीवरेज बोर्ड अधिनियम–2018 में किया गया है। जल की बर्बादी, पानी का गलत उपयोग, सीवरेज लाइन में रुकावट डालने या बिना अनुमति कनेक्शन जोड़ने जैसी गलतियों पर पहले कारावास हो सकता था। अब इन मामलों में भी जेल की सजा हटाकर केवल जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। सरकार का कहना है कि इन बदलावों से जनता को अनावश्यक कानूनी परेशानियों से राहत मिलेगी और छोटे उल्लंघनों को अपराध की श्रेणी से बाहर किया जा सकेगा।
Published on:
03 Dec 2025 09:01 pm
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