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आपकी बात: पार्किंग शुल्क में एकरूपता को लेकर आपके क्या विचार हैं?

पाठकों ने इस पर विभिन्न प्रतिक्रियाएं दी हैं। प्रस्तुत है पाठकों की चुनिंदा प्रतिक्रियाएं

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जयपुर

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Opinion Desk

Dec 03, 2025

स्पष्ट नियम लागू हों
पार्किंग शुल्क में एकरूपता और पारदर्शिता होना जरूरी है। स्पष्ट और नियम आधारित शुल्क से भ्रम कम होता है, ट्रैफिक नियंत्रण में मदद मिलती है और अनैतिक वसूली रुकती है। दोपहिया, चारपहिया और भारी वाहनों के लिए स्थिर दरें तय होनी चाहिए। शहर को भीड़भाड़ के आधार पर तीन जोन में बांटा जा सकता है एक भीड़भाड़ वाले इलाके, दूसरा मध्यम भीड़ वाले इलाके और कम भीड़ वाले इलाके और हर जोन के लिए शुल्क स्पष्ट रूप से बोर्ड पर लिखा होना चाहिए। डिजिटल भुगतान स्वीकार किया जाए और रसीद देना जरूरी हो, जिससे गलत वसूली रोकी जा सके। इसके साथ ही एकीकृत पार्किंग ऐप से पार्किंग की उपलब्धता, शुल्क और लोकेशन की जानकारी जनता को आसानी से मिल सके। - ओम प्रकाश छापरवाल, अजमेर

पार्किंग नियमों का उल्ल्घंन न हो
पार्किंग शुल्क किसी भी स्थान का एक सामान होनी चाहिए। सरकार के द्वारा किसी भी पार्किंग स्थल के लिए टेंडर जारी होता है तो उस में स्पष्ट रूप से सरकार द्वारा निर्धारित किए गए शुल्कों का ब्यौरा हो। अगर कोई ठेकेदार या पार्किंग वाला नियमों का उल्लंघन करे या मनमाना शुल्क वसूले तो उसके ऊपर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। प्रशासन को समय-समय पर इनकी जांच करनी चाहिए जिससे नियमों का पालन हो और लोगों को परेशानी ना हो। - गजेंद्र चौहान कसौदा, डीग

पार्किंग जोन अलग-अलग हो
पार्किंग शुल्क में एकरूपता जरूरी है, ताकि मनमानी वसूली और भ्रम कम हो। लेकिन यह भी सच है कि कुछ क्षेत्रों में जमीन की कीमत, रखरखाव खर्च और भीड़ का स्तर बहुत अधिक होता है। ऐसे स्थानों के लिए पूरी तरह एक जैसे शुल्क लागू करना व्यावहारिक नहीं है। इसलिए एकरूपता के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों के खर्च और भीड़ के आधार पर युक्तिसंगत श्रेणियां बनानी चाहिए, ताकि व्यवस्था भी पारदर्शी रहे और स्थान की वास्तविक परिस्थितियों का भी ध्यान रखा जा सके। - हरिओम शर्मा , जयपुर

समान पार्किंग शुल्क लागूू हो
पार्किंग शुल्क में एकरूपता आवश्यक है ताकि हर स्थान पर समान नियम लागू हों और वाहन चालकों में भ्रम न रहे। अलग-अलग शुल्क से असमानता और अनावश्यक विवाद उत्पन्न होते हैं। समान शुल्क व्यवस्था पारदर्शिता, निष्पक्षता और विश्वास बढ़ाती है। स्पष्ट और सार्वजनिक शुल्क नियम न केवल नागरिकों को सुविधा देते हैं, बल्कि शहरी यातायात प्रबंधन को भी अधिक प्रभावी और सुव्यवस्थित बनाते हैं। - कुशाग्र स्वामी, झालावाड़

वाहन के अनुसार शुल्क तय हो
पार्किंग शुल्क में एकरूपता स्वागत योग्य कदम है। सरकारी कार्यालयों की पार्किंग हो अथवा निजी क्षेत्र की, पार्किंग दर समान रखी जानी चाहिए। पार्किंग स्थल पर सूचना बोर्ड लगा हुआ होना चाहिए, सूचना बोर्ड पर पार्किंग शुल्क व पार्किंग संबंधी किसी भी समस्या के लिए शिकायत नंबर लिखे जाने चाहिए। वाहन के अनुसार शुल्क तय किया जा सकता है। अवैध शुल्क लेने पर तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए। धार्मिक स्थलों पर मेलों के वक्त मनमाना पार्किंग शुल्क लिया जाता है, जो कि आम आदमी की जेब पर भारी पड़ता है। पार्किंग शुल्क की एकरूपता से ही इसे रोका जा सकता है। - आजाद पूरण सिंह राजावत, जयपुर

मनमाना शुल्क वसूल नहीं होगा
पार्किंग शुल्क में एकरूपता व एक समान शुल्क संरचना लागू होने पर नागरिकों के लिए भ्रम की स्थिति पैदा नहीं होगी। लोगों को पता होगा कि उन्हें हर जगह कितना भुगतान करना है, जिससे पारदर्शिता बढ़ती है। संग्रह प्रक्रिया को सरल बनाता है और कर्मचारियों द्वारा मनमाना शुल्क वसूल करने से बचाता है। - शिवजी लाल मीना, जयपुर

अफसर भी आम नागरिक माने जाएं
पार्किंग शुल्क में एकरूपता लागू करना जरूरी है। लेकिन कई बार अफसर और वीआइपी लोगों के लिए पार्किंग में छूट दे दी जाती है। इसलिए एकरूपता तभी मानी जाएगी जब अफसर और वीआइपी लोगों की गाड़ी को भी आम नागरिकों की तरह समझकर उनसे भी शुल्क वसूला जाएगा। - प्रियव्रत चारण, जोधपुर

पार्किंग नियम पहले से यह हो
पार्किंग शुल्क में एकरूपता को लेकर एक ही राय है कि सभी जगह एक समान शुल्क निर्धारण होना चाहिए। शहरों और महानगर में अलग-अलग प्रकार से अधिक शुल्क लिया जाता हैं जो बहुत ही अनुचित है। राज्य सरकार को ठेका देते समय ही सभी नियम कायदे बना लेना चाहिए। सभी जगह एकरूपता होनी चाहिए तभी इस समस्या का उचित समाधान हो सकता हैं। - रक्षिता कंवर राजावत, ब्यावर

यातायात प्रबंधन में सुधार होगा
पार्किंग शुल्क में एकरूपता लाना अत्यंत आवश्यक है। वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर अलग दरें होने से नागरिकों में भ्रम और असंतोष पैदा होता है। एक समान शुल्क व्यवस्था लागू होने से पारदर्शिता बढ़ेगी, मनमानी वसूली रुकेगी और प्रशासनिक नियंत्रण मजबूत होगा। इससे शहरों में यातायात प्रबंधन भी सुगम होगा और जनता को उचित, न्यायसंगत और सुविधाजनक पार्किंग प्रणाली मिलेगी। - संजय माकोड़े, बैतूल

श्रेणी आधारित एकरूपता हो
एक ही पार्किंग दर सभी के लिए उपयुक्त नहीं हो सकती क्योंकि मेट्रो स्टेशन, मॉल, अस्पताल, बाजार और आवासीय क्षेत्रों की पार्किंग जरूरत अलग-अलग होती है। पूरी तरह समान दर रखना, नियम बनाने, निगरानी और लागू करने में चुनौतीपूर्ण है। बेहतर यह है कि श्रेणी के आधार पर शुल्क तय किया जाए जिसमें सार्वजनिक स्थानों, व्यावसायिक क्षेत्रों, अत्यधिक भीड़ वाले इलाकों और सरकारी कार्यालय या अस्पताल के लिए अलग-अलग दरें निर्धारित हो। इस तरह पार्किंग जरूरत के अनुसार लचीली व्यवस्था बनती है, पारदर्शिता सुनिश्चित होती है और अनुचित वसूली से बचाव होता है। - लहर सनाढ्य, उदयपुर, राजस्थान