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राजस्थान पुलिस और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के बीच एमओयू, स्मार्ट पुलिसिंग को मिलेगी गति

राजस्थान पुलिस और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, गुजरात के बीच राष्ट्रीय एवं आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में अकादमिक, प्रशिक्षण और अनुसंधान सहयोग को बढ़ाने के लिए सोमवार को पुलिस मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण एमओयू हुआ।

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जयपुर। राजस्थान पुलिस और राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय, गुजरात के बीच राष्ट्रीय एवं आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में अकादमिक, प्रशिक्षण और अनुसंधान सहयोग को बढ़ाने के लिए सोमवार को पुलिस मुख्यालय में एक महत्वपूर्ण एमओयू हुआ। इस समझौते से प्रदेश में स्मार्ट पुलिसिंग, साइबर सुरक्षा, डिजिटल फॉरेंसिक और सुरक्षा नवाचार जैसे क्षेत्रों में नई पहल को गति मिलेगी।

महानिदेशक पुलिस राजीव कुमार शर्मा ने कहा कि राजस्थान पुलिस लगातार उत्कृष्ट प्रथाओं को अपनाते हुए खुद को अपडेट कर रही है। उन्होंने कहा कि रक्षा विश्वविद्यालय द्वारा किए गए नवाचार पूरे देश के लिए उपयोगी साबित हो रहे हैं और उनके सहयोग से प्रदेश पुलिस भी और अधिक दक्षता और पेशेवर क्षमता के साथ कार्य कर सकेगी।

राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. डॉ. बिमल एन. पटेल ने कहा कि साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालय ने आत्मनिर्भरता के साथ कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि RRU की अकादमिक और विश्लेषणात्मक विशेषज्ञता, राजस्थान पुलिस की रणनीतिक और परिचालन क्षमताओं को मजबूत करेगी। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय अब तक 82 देशों के प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण प्रदान दे चुका है और एमओयू के बाद राजस्थान पुलिस को भी विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों और कोर्सों का लाभ आसानी से ले सकेगी।

कार्यक्रम में महानिदेशक पुलिस (प्रशिक्षण एवं यातायात) अनिल पालीवाल ने एमओयू से मिलने वाले फायदों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। एमओयू पर राजस्थान पुलिस की ओर से उप महानिरीक्षक पुलिस (प्रशिक्षण) शरद चौधरी तथा राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की ओर से डीन अविनाश खारेल ने हस्ताक्षर किए। इस दौरान महानिदेशक पुलिस, कानून एवं व्यवस्था संजय कुमार अग्रवाल सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित रहे।

एमओयू से मुख्य लाभ

विशेषज्ञता का आदान-प्रदान- फैकल्टी सदस्यों, पुलिस अधिकारियों और शोधकर्ताओं के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम, जिससे साइबर सुरक्षा, डिजिटल फॉरेंसिक, आतंकवाद विरोधी रणनीति और खुफिया प्रबंधन में ज्ञान-विनियम होगा।

संयुक्त अनुसंधान एवं नवाचार- संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं एवं नवाचारों से साक्ष्य आधारित पुलिसिंग, डेटा-आधारित रणनीतियों और नीति निर्माण को बढ़ावा मिल सकेगा।

कौशल विकास और उच्च शिक्षा-राजस्थान पुलिस के अधिकारी एवं कर्मचारी आरआरयू के अकादमिक कार्यक्रमों से उच्च शिक्षा के अवसर प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनके व्यावसायिक विकास और करियर उन्नति में सहायता मिलेगी।


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