
जयपुर सेंट्रल जेल, पत्रिका फोटो
जयपुर सेंट्रल जेल की सुरक्षा व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। 15 नवंबर को हुई तलाशी के दौरान जेल अधिकारियों ने दो मोबाइल और एक सिम बरामद की। इस मामले में दो बंदियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। अगस्त से नवंबर तक 57 मोबाइल मिलने की घटनाओं ने जेल प्रशासन की सतर्कता पर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
जेल प्रहरी गिर्राज ने थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। रिपोर्ट में बताया कि तलाशी के दौरान वार्ड नंबर 3 में एक लावारिस मोबाइल मिला। मोबाइल में सिम नहीं थी। वहीं वार्ड 11 की कोठरी नंबर 2 में बंदी अनिल चौधरी और विजयपाल कसाना के पास दूसरा मोबाइल बरामद हुआ। दोनों मोबाइल और सिम को जब्त कर लिया गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अब यह पता लगाया जा रहा है कि मोबाइल जेल के भीतर कैसे पहुंचे और इन्हें किस उद्देश्य से इस्तेमाल किया जा रहा था।
जेल में अगस्त से नवंबर तक 57 मोबाइल बरामद हो चुके। अगस्त में 3 मामले दर्ज हुए और 3 मोबाइल मिले। सितंबर में 15 मामले दर्ज हुए जिनमें 31 मोबाइल बरामद हुए। अक्टूबर में 19 मामले दर्ज हुए और 17 मोबाइल मिले। वहीं नवंबर में अब तक 4 मामले दर्ज हुए जिनमें 6 मोबाइल बरामद किए गए।
लगातार मोबाइल मिलने से यह साफ है कि बंदियों तक मोबाइल पहुंचाने का कोई न कोई नेटवर्क काम कर रहा है। यह जेल प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। मोबाइल से बंदियों के बाहरी संपर्क की आशंका बढ़ जाती है।
घाटगेट स्थित जयपुर सेंट्रल जेल में बंदियों के पास जेल प्रशासन ने नियमित तलाशी के दौरान मोबाइल, सिम, चार्जर और ईयरफोन बरामद किए हैं। जयपुर सेंट्रल जेल में सितंबर से अब तक कुल 57 मोबाइल बरामद किए जा चुके हैं। सभी मामलों में पुलिस जांच कर रही है।
पुलिस के अनुसार बीते 3 नवंबर को वार्ड नंबर 2 की बैरक नंबर 3 में तलाशी के दौरान एक मोबाइल मिला। पूछताछ में खुलासा हुआ कि बंदी मनोज, विजयपाल और महेंद्र इस मोबाइल का उपयोग करते थे। आरोपी अनिल चौधरी के पास बीते दो महीने में दूसरी बार मोबाइल फोन मिला है।
Published on:
17 Nov 2025 07:42 am
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