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पोकरण: 1 किलोमीटर के भीतर बना दिए 15 गति अवरोधक… किसने बनाए, इसकी जानकारी किसी को नहीं

पोकरण कस्बे में फलसूंड रोड पर कुछ दिन पूर्व रातों-रात गति अवरोधक बन गए। किसने बनाए, किसके आदेश से बने, इसकी किसी को जानकारी नहीं है।

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पोकरण कस्बे में फलसूंड रोड पर कुछ दिन पूर्व रातों-रात गति अवरोधक बन गए। किसने बनाए, किसके आदेश से बने, इसकी किसी को जानकारी नहीं है। इन गति अवरोधकों से वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही रात में हादसे का भी भय बना हुआ है। गौरतलब है कि कस्बे में फलसूंड तिराहे से बाईपास हाइ-वे तक एक किलोमीटर फलसूंड रोड स्थित है। इस एक किलोमीटर सडक़ में पूर्व में 4-5 गति अवरोधक बने हुए थे। कुछ दिन पूर्व रात में यहां किसी ने नए गति अवरोधक बना दिए। अब यहां फलसूंड तिराहे से हाइ-वे बाईपास तक हाइ-वे के 3 गति अवरोधकों के अलावा 15 गति अवरोधक हो गए है। इनमें भी मानकों व नियमों का ध्यान भी नहीं रखा गया है। ऐसे में बिना किसी मापदंड का ध्यान रखे बनाए गए गति अवरोधकों के कारण वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही रात में कम रोशनी के कारण यहां किसी हादसे से भी इनकार नहीं किया जा सकता।

हकीकत: बना दिए अनावश्यक गति अवरोधक

फलसूंड रोड पर व्यास बगेची के पास 150-200 फीट सीसी सडक़ बनी हुई है। पानी भराव की समस्या के समाधान के लिए यहां सीसी सडक़ को सडक़ से आधा फीट ऊंचा बनाया गया है। ऐसे में यह ऊंचाई गति अवरोधकों का काम कर रही थी। साथ ही यहां आसपास सडक़ भी क्षतिग्रस्त है। इस सीसी सडक़ के ऊपर व दोनों तरफ 3-4 गति अवरोधक बनाए गए है, जो पूरी तरह से अनावश्यक है।

गति अवरोधक के नियम

  • इंडियन रोड कांग्रेस की गाइडलाइन के अनुसार गति अवरोधक की अधिकतम ऊंचाई 10 सेमी, लंबाई 3.5 मीटर व वृताकार रेडियस 17 सेमी होना चाहिए।
  • गति अवरोधक के दोनों तरफ 2.2 मीटर का स्लोप दिया जाना चाहिए, ताकि झटका नहीं लगे।
  • गति अवरोधक पर थर्मो प्लास्टिक व्हाइट पैंट से पट्टियां बनाई जानी चाहिए, ताकि रात में भी नजर आ सके।
  • वाहन चालक को गति अवरोधक की जानकारी देने के लिए गति अवरोधक से 40 मीटर पहले चेतावनी व संकेतक बोर्ड लगा होना चाहिए।नियमों की नहीं पालना, हादसे का भी खतराइन गति अवरोधकों में नियमों की पालना नहीं की गई है। कोई गति अवरोधक छोटा है तो कोई बड़ा। साथ ही ऊंचे होने के कारण वाहन में झटके भी लग रहे है। इन पर सफेद पट्टी नहीं किए जाने के कारण रात में नजर भी नहीं आते है। जिससे यहां कोई बड़ा हादसा भी हो सकता है। बावजूद इसके जिम्मेदारों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।विभाग व पालिका को नहीं जानकारीफलसूंड तिराहे से बाईपास हाइ-वे तक सडक़ सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास है। जिसे कई वर्ष पूर्व गौरव पथ घोषित किया गया था। इस सडक़ की मरम्मत व निर्माण का कार्य विभाग की ओर से ही किया जाता है। जबकि गति अवरोधक निर्माण के बारे में अधिकारियों को कोई जानकारी ही नहीं है। इसी प्रकार नगरपालिका से जानकारी ली गई तो उनकी सडक़ नहीं होने एवं गति अवरोधकों की जानकारी नहीं होने की बात कही गई। ऐसे में मुख्य व अतिव्यस्ततम सडक़ पर गति अवरोधक किसने बनाए है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
  • अधिकारियों का भी आवागमनयह कस्बे की व्यस्त सडक़ है। यहां सडक़ के दोनों तरफ घनी आबादी निवास करती है। फलसूंड, भणियाणा, बाड़मेर सहित गुजरात के लिए यही मार्ग है। जिससे दिन-रात यहां राहगीरों व वाहन चालकों का आवागमन रहता है। ऐसे में इन गति अवरोधकों के कारण परेशानी हो रही है। इसी तरह नगरपालिका के ईओ का आवास इसी मार्ग पर है। सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी भी इसी मार्ग से गुजरते है, लेकिन गति अवरोधक बनाने को लेकर उन्हें भी कोई जानकारी नहीं है।

हमने नहीं बनाए गति अवरोधक
फलसूंड रोड पर पूर्व में कुछ गति अवरोधक लगाए गए थे। नए गति अवरोधकों को लेकर कोई जानकारी नहीं है। विभाग ने नहीं बनवाए है।

  • हर्षवर्धन डाबी, अधिशासी अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग, पोकरणनहीं है जानकारीफलसूंड रोड सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास है। हमारे द्वारा ये गति अवरोधक नहीं बनाए गए है।
  • झब्बरसिंह चौहान, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका, पोकरण