
पोकरण कस्बे में जोधपुर-जैसलमेर बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-125 पर चल रहे सडक़ के पुनर्निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा के इंतजाम नहीं होने के कारण हर समय हादसे का खतरा बना हुआ है। बिना चेतावनी संकेतकों के चल रहे निर्माण के दौरान यहां किसी हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता। बावजूद इसके जिम्मेदारों की ओर से कोई कवायद नहीं की जा रही है। गौरतलब है कि जोधपुर से पोकरण तक राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या- 125 है। कस्बे में बढ़ते यातायात भार को देखते हुए जोधपुर रोड से जैसलमेर रोड तक बाईपास सडक़ का निर्माण करवाया गया है। वर्तमान में इस बाईपास सडक़ के पुनर्निर्माण का कार्य किया जा रहा है। बाईपास मार्ग पर कई डम्पर, रोलर व अन्य गाडिय़ां चल रही है। साथ ही निर्माण सामग्री भी बिखरी है। सडक़ पर कुछ रोड़े अवश्य रखे गए है, जिसके कारण यहां हर समय हादसे का भय बना हुआ है।
बाईपास रोड पर चल रहे पुनर्निर्माण कार्य के दौरान कोई संकेतक बोर्ड, रिफ्लेक्टिव संकेतक, बैरिकेड, स्पीड कंट्रोल बोर्ड, चेतावनी पट्टिकाएं कुछ नजर नहीं आई। यहां तक कि रात में नजर आने वाली लाइटें तक नहीं है। ऐसे में वाहन चालक को कार्य की जानकारी नहीं हो पाती है। हाई-वे पर तेज गति से निकलते वाहनों के चालकों को पास आने पर मशीनों से हादसे का खतरा बढ़ जाता है।
इस बाईपास मार्ग से प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों की आवाजाही होती है। जैसलमेर से जोधपुर और जोधपुर से जैसलमेर जाने वाले पर्यटकों व अन्य वाहनों के साथ ही इस क्षेत्र में निवास कर रहे लोग भी इस मार्ग का उपयोग करते है। ऐसे में यहां बिना संकेतक सडक़ पर चल रहे कार्य की जानकारी नहीं हो पा रही है।
रात में अंधेरे के कारण कई बार मोड़ में चल रहा नजर नहीं आ पाता है। ऐसे में तेज गति से निकलते वाहन नियंत्रित नहीं हो पाते है। इसी तरह सामने से आने वाले वाहन के लाइट की रोशनी में निर्माण सामग्री या टूटी सडक़ नजर नहीं आने पर खतरा बढ़ जाता है, जिससे यहां किसी बड़े हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता।
Published on:
14 Nov 2025 10:43 pm
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