
मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बच्चों से घटनाक्रम की जानकारी लेते हुए (फोटो: पत्रिका)
Jhalawar Residential School Violence: राजकीय आवासीय उच्च माध्यमिक विद्यालय झालरापाटन में कार्यवाहक प्रधानाचार्य द्वारा बच्चों को लाइन में खड़ा कर बच्चों की पिटाई करने और मुर्गा बनाने तथा अन्य समस्याओं को लेकर शुक्रवार को विद्यार्थियों ने विद्यालय का गेट लगाकर बाहर मुख्य सड़क पर धरना देते हुए आक्रोश जताया। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा मौके पर ही प्रदर्शनकारियों को इनके विरुद्ध की गई कार्रवाई से अवगत कराने के बाद शाम 4 बजे पटाक्षेप हुआ।
इस घटना को लेकर स्कूल के विद्यार्थी शुक्रवार सुबह 10 बजे गेट पर एकत्र हुए और इन्होंने बाहर से स्कूल का गेट बंद कर दिया तथा बाहर मुख्य सड़क पर धरने पर बैठ गए। जहां यह जिला प्रशासन और विद्यालय प्रशासन के विरोध में जमकर नारेबाजी करते रहे। घटना की सूचना मिलने पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रकाश चंद सोनी मौके पर पहुंचे, जिन्होंने विद्यार्थियों से घटना के बारे में जानकारी ली।
आक्रोशित विद्यार्थियों ने बताया कि कार्यवाहक प्रधानाचार्य राजेंद्र कुमार आर्य ने छोटे-छोटे बच्चों की डंडे से पिटाई की तथा फिर सजा के तौर पर मुर्गा बनाकर कई बार बैठक लगवाई। इन्होंने बताया कि इस तरह की घटनाएं पूर्व में भी हो चुकी है, जिससे उनका आक्रोश बढ़ गया है।
छात्रों ने बताया कि विद्यालय में सीनियर सेकण्डरी कक्षा तक 243 विद्यार्थी अध्यनरत है। इसके बावजूद यहां पर 17 अध्यापक और छह अन्य कर्मचारी सहित 13 जनों का स्टाफ स्वीकृत है। इसकी एवज में वर्तमान में यहां पर 11 कर्मचारी कार्यरत है, जिससे उनकी पूरी पढ़ाई नहीं हो पाती है और शिक्षण कार्य प्रभावित हो रहा है।
पिछले 2 साल से स्कूल में खेलकूद गतिविधियां पूरी तरह से ठप पड़ी है। उनकी समस्या को सुनने वाला कोई नहीं है। इस पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने उन्हें बताया कि वह इस संपूर्ण प्रकरण की जांच के लिए कमेटी का गठन किया है, जो बच्चों के साथ घटना घटित हुई है उनके बयान तथा विद्यार्थियों की समस्याओं को लेकर रिपोर्ट तैयार करके देगी, जिसके आधार पर उचित नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी, लेकिन आक्रोशित विद्यार्थी उनकी इस बात से सहमत नहीं हुए और मौके पर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी शंभू दयाल मीणा को बुलाने की मांग पर अड़े रहे।
इस पर उन्होंने बताया कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी शादी में भाग लेने के लिए बाहर गए हुए हैं। इसके बावजूद भी वह नहीं माने और अपनी मांग पर अडिग रहे, जिस पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी वापस लौट गए। इसी दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के विभाग संयोजक रवि मेघवाल, झालावाड़ नगर मंत्री हर्षित जैन, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय इकाई अध्यक्ष प्रियांशु पाटीदार अन्य कार्यकर्ताओं के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने बच्चों से मामले की जानकारी ली। इसके बाद माहौल और गरमा गया।
जानकारी मिलने पर जिला शिक्षा अधिकारी रामसिंह मीणा व मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को लेकर मौके पर पहुंचे। उन्होंने भी हालत की जानकारी ली तथा मोबाइल पर ही जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को हालात से अवगत कराया, जिस पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग उदयपुर के आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी को हालात से अवगत कराया। उन्होंने कार्यवाहक प्रधानाचार्य को प्रशासनिक कारणों से प्रतिनियुक्ति समाप्त कर तुरंत प्रभाव से उनके मूल विभाग के लिए कार्य मुक्त करने के आदेश जारी किए।
इसी बीच मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी समग्र शिक्षा ने तुरंत प्रभाव से आदेश जारी करते हुए कार्यवाहक प्रधानाचार्य तथा वार्डन मुकेश कुमार मीणा को बच्चों के साथ मारपीट के वीडियो के वायरल होने से विभाग की छवि धूमिल होने की जानकारी देते हुए तुरंत प्रभाव से एपीओ किए जाने के आदेश किए। आदेश में उन्होंने बताया कि आगामी आदेश तक दोनों का मुख्यालय मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में रहेगा। तथा विद्यालय संचालन के लिए आगामी व्यवस्था तक कार्यवाहक प्रधानाचार्य का कार्य व्यायाता धर्मराज मीणा तथा वार्डन का कार्य वरिष्ठ अध्यापक राकेश कुमार मीणा को देखने के आदेश प्रसारित किए।
जिला शिक्षा अधिकारी ने प्रदर्शनकारी विद्यार्थियों को इसकी जानकारी देने के साथ ही बताया कि संपूर्ण घटनाक्रम की जांच के लिए तीन जनों की एक कमेटी का गठन किया गया है जो 3 दिन में पूरे प्रकरण की जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी। इसके बाद प्रदर्शनकारी इससे सहमत हो गए और शाम 4 बजे उन्होंने अपना धरना समाप्त कर दिया।
कार्यवाहक प्रधानाचार्य ने बताया कि विद्यालय के कई बच्चे रात को छात्रावास में से खिड़की कूदकर और दीवारें लांघते हुए चुपचाप मेले में आ जा रहे थे। इनमें से कुछ बच्चों ने वहा दुकानों पर चोरी करने का भी प्रयास किया, जिसमें पकड़े जाने पर दुकानदार और उनके बीच झगड़ा भी हुआ।
यह बच्चे देर रात को मेले से वापस चुपचाप जाकर दो मंजिल ऊपर खिड़की में चढ़कर अपने कमरों में आ जा रहे थे, इसकी जानकारी मिलने पर उन्होंने इन पर यह सती बरती, जिससे यह बच्चे उनसे नाराज थे। वार्डन का कहना है कि इन बच्चों को कई बार समझाने का प्रयास किया गया इसके बावजूद यह बिना अनुमति के ही चुपचाप छात्रावास से निकलकर आ जा रहे थे।
Updated on:
29 Nov 2025 12:26 pm
Published on:
29 Nov 2025 11:38 am
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