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SIR In CG: 50 आदिवासी परिवारों ने SIR फॉर्म लेने से किया इनकार, सरकारी योजनाओं से भी बनाई दूरी, प्रशासन परेशान

SIR In CG: करीब 50 आदिवासी परिवार न तो SIR फॉर्म ले रहे हैं, न ही किसी सरकारी योजना से जुड़ने को तैयार हैं। बीएलओ टीम कई दिनों से घर-घर जाकर संपर्क करने की कोशिश कर रही है, लेकिन परिवार बातचीत तक करने को तैयार नहीं हैं।

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50 आदिवासी परिवारों ने SIR फॉर्म लेने से किया इनकार (फोटो सोर्स- पत्रिका)

50 आदिवासी परिवारों ने SIR फॉर्म लेने से किया इनकार (फोटो सोर्स- पत्रिका)

SIR In CG: देश के 12 राज्यों में एसआईआर (विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण) अभियान चल रहा है। इसी के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में भी बीएलओ घर-घर जाकर लोगों से SIR फॉर्म भरवा रहे हैं। इसी प्रक्रिया के दौरान जिले के सरोना तहसील से एक चौंकाने वाली स्थिति सामने आई है, जिसने प्रशासन की परेशानी बढ़ा दी है।

दरअसल, ग्राम पंचायत लेंडारा और सरोना के करीब 50 आदिवासी परिवार न तो SIR फॉर्म ले रहे हैं, न ही किसी सरकारी योजना से जुड़ने को तैयार हैं। बीएलओ टीम कई दिनों से घर-घर जाकर संपर्क करने की कोशिश कर रही है, लेकिन परिवार बातचीत तक करने को तैयार नहीं हैं। कई बार बीएलओ को एक ही घर के 5-6 चक्कर लगाने पड़ रहे हैं, फिर भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिल रहा।

मतदान भी छोड़ा, राशन और आवास योजना से भी दूरी

जानकारी के मुताबिक, ये परिवार पिछले दो-तीन चुनावों से मतदान नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा उनके नाम से राशन आता था, लेकिन राशन नहीं उठाने की वजह से अब उनका कोटा भी बंद हो गया है। राशन दुकान संचालक रामकुमार यादव के अनुसार, शुरुआत में 4 परिवार ही राशन लेने से मना कर रहे थे, लेकिन अब नवंबर से अन्य कई परिवार भी राशन लेने नहीं आ रहे। यही नहीं, दो परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान स्वीकृत हुए थे, लेकिन उन्होंने आवास निर्माण से भी इनकार कर दिया।

ग्राम स्तर पर कई बैठकें बेअसर

सरपंच, सचिव, पटवारी, बीएलओ सहित ग्रामीण स्तर के सभी अधिकारी इन परिवारों को समझाने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन कोई सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आया। बीएलओ टीम के अनुसार, कई बार तो आदिवासी परिवार के लोग सीधे मुंह बात तक नहीं करते हैं।

कलेक्टर ने एसडीएम-तहसीलदार को भेजने के दिए निर्देश

मामले की जानकारी मिलने पर कांकेर कलेक्टर निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर ने कहा कि लेंडारा गांव के कुछ ग्रामीण शासकीय योजनाओं का लाभ नहीं ले रहे हैं और SIR फॉर्म भी नहीं भर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि एसडीएम, तहसीलदार, बीएलओ और अन्य कर्मचारी गांव जाकर ग्रामीणों से बात करें और समस्या की असल वजह जानें।

किस वजह से बदला नजरिया?

ग्रामीणों का कहना है कि पहले ये परिवार गांव की हर गतिविधि पंचायत बैठक, सामाजिक आयोजन, धार्मिक कार्यक्रम में सक्रिय रहते थे और मतदान भी करते थे। लेकिन कुछ समय पहले भारत सरकार “कुटुंब परिवार” नामक संस्था से जुड़ने के बाद उनका नजरिया बदल गया है। ग्रामीण बताते हैं कि संस्था से जुड़ने के बाद ही इन परिवारों ने सरकारी प्रक्रियाओं, मतदान और योजनाओं से दूरी बनानी शुरू कर दी। अब वे SIR प्रक्रिया के दौरान भी फॉर्म तक लेने को तैयार नहीं हैं।

कांकेर में एसआईआर

कांकेर जिले में विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का काम जारी है। यहां के 7 ब्लॉक कांकेर, चारामा, भानुप्रतापपुर, नरहरपुर, अंतागढ़, दुर्गकोंदूल और कोयलीबेड़ा में अब तक 94 प्रतिशत गणना प्रपत्रों का डिजिटाइजेशन का काम पूरा हो चुका है।