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Dungri Dam: बनास नदी पर बनने वाले डूंगरी बांध का विरोध, 76 गांवों के किसान खोलेंगे मोर्चा, होगी महापंचायत

डूंगरी बांध के विरोध में जोड़ली गांव में होने वाली महापंचायत को लेकर किसानों की तैयारी तेज हो गई है। जमीन अधिग्रहण और बेघर होने की आशंका के बीच क्षेत्र के 76 गांवों के किसान महापंचायत में जुटेंगे।

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Dungri Dam

फाइल फोटो- पत्रिका

करौली-सवाईमाधोपुर क्षेत्र की बनास नदी पर प्रस्तावित डूंगरी बांध के विरोध को लेकर उपखंड क्षेत्र के जोड़ली गांव में आयोजित होने वाली महापंचायत को लेकर ग्रामीणों की ओर से व्यापक जनसंपर्क किया जा रहा है। आयोजक समिति के सागर मीणा ने बताया कि डूंगरी बांध निर्माण प्रस्ताव को लेकर क्षेत्र के लोगों में रोष है।

ग्रामीणों का कहना है कि डूंगरी बांध के नाम पर किसानों की जमीनें अधिग्रहित की जा रही हैं, जिससे किसान चिंतित हैं। इसी मुद्दे पर जोड़ली में 21 नवंबर को महापंचायत आयोजित की जाएगी। इसमें करौली और सवाईमाधोपुर जिले के लगभग 76 गांवों के किसान भाग लेंगे।

महापंचायत की तैयारियां पूरी

महापंचायत को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं और आयोजक समिति की ओर से ग्रामीणों से लगातार जनसंपर्क किया जा रहा है। किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार डूंगरी बांध परियोजना के माध्यम से उनकी जमीनें लेकर उन्हें बेघर करना चाहती है, जिससे किसानों में आक्रोश है। क्षेत्र के किसानों ने पूर्व में भी डूंगरी बांध के विरोध में आवाज उठाई थी, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। इसी कारण अब महापंचायत आयोजित की जा रही है।

किसान इधर-उधर भटकने को मजबूर

वहीं दूसरी ओर विभागीय अधिकारियों की उदासीनता के चलते क्षेत्र के किसानों को खाद की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। सपोटरा क्षेत्र के कालीसिल बांध की नहर खुलने से किसान फसल में पानी देने का कार्य कर रहे हैं। इस समय फसल के लिए खाद की आवश्यकता है, लेकिन खाद उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। गौरतलब है कि सपोटरा क्षेत्र में पिछले दिनों से किसानों को खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा है।

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किसान खाद के लिए इधर-उधर खाद विक्रेताओं की दुकानों पर चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन फसल के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद समय पर उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। क्षेत्र के किसान आशीष बूकना, गोपाल मीणा, गणपत मीणा आदि का कहना है कि फसल के लिए किसानों को खाद की कमी झेलनी पड़ रही है।

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