
बाल दिवस पर उत्कृष्ट विद्यालय में पत्रिका कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बच्चों, पैरेट्स को भी किया सचेत कि मोबाइल का इस्तेमाल बच्चे पढ़ाई में ही करें
पत्रिका मोटीवेशन क्लास...बाल दिवस पर उत्कृष्ट विद्यालय में पत्रिका कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने बच्चों, पैरेट्स को भी किया सचेत कि मोबाइल का इस्तेमाल बच्चे पढ़ाई में ही करें। रील देखने, गेम खेलने जैसे उपयोग से बचें। चिकित्सक कहते हैं कि मोबाइल स्क्रीन टाइम अधिक होने पर मानसिक संतुलन बिगाड़ रहा है। इस लिए बच्चे पढ़ाई के समय भी यदि मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं तो स्क्रीन टाइम कम करें।
बाल दिवस के अवसर पर उत्कृष्ट विद्यालय में पत्रिका की ओर से आयोजित मोटीवेशन क्लास लगाई गई। प्राचार्य भूपेंद्र सिंह चौहान ने मनोचिकित्सक की सलाह के आधार पर बच्चों को मोबाइल उपयोग को कम करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि मैं तो कहूंगा कि स्कूलों में भी पढ़ाई का डिजिटलाइजेशन कम किया जाना चाहिए। मोबाइल का उपयोग सिर्फ पढ़ाई में करें। इससे पहले उन्होंने बच्चों को बाल दिवस के बारे में बच्चों को बताया। कार्यक्रम में अर्थशास्त्र के शिक्षक लोकेंद्र सिंह ने बच्चों को बाल दिवस पर देश के प्रथम प्रधानमंत्री की चर्चा की। नेहरू जी बच्चों के अधिकार की बात करते थे। फिजिक्स के शिक्षक नीतीश लाड ने बच्चों को बाल दिवस से रूबरू कराया।
पत्रिका कार्यक्रम में शैक्षणिक सत्र 2024-25 की बोर्ड परीक्षा में 10 वीं और 12 वीं में टॉप करने वाली बेटियों का का भी उत्साह वर्धन किया। बीस बच्चे शामिल हुए। साथ में उनके पैरेट्स भी रहे। टॉपर्स ने भी माना कि मोबाइल का अधिक इस्तेमाल से बचना चाहिए। अधिक मोबाइल देखने से पढ़ाई में मन नहीं लगता है। बार बार मोबाइल देखने से पढ़ाई प्रभावित होती है। सभी ने संकल्प लिया कि मोबाइल का अधिक उपयोग नहीं करेंगे।
डॉ सचिन, मनोरोग चिकित्सक, एचओडी, मेडिकल कॉलेज कहते हैं कि अगर आप के घर में बच्चे मोबाइल देखकर भोजन कर रहे, स्क्रीन पर अधिक समय दे रहे हैं तो पैरेट्स सचेत हो जाएं। फ्री-इंटरनेट, स्मार्ट फोन पर अधिक स्क्रीन टाइम बच्चों के मानसिक संतुलन के लिए खतरा है। अस्पताल में कई पैरेट्स बच्चे को लेकर आ रहे हैं। जिनके बच्चे अधिक स्क्रीन टाइम पर बने हुए हैं। उनका सिर दर्द, उनमें चिड़चिढ़ापन, गुस्सा अधिक आना, नींद नहीं आना, आंखों पर तनाव व दर्द, गर्दन दर्द आदि समस्याओं के साथ उनकी सहन शीलता कम होने के साथ याददाश्त की क्षमता कमजोर होगी। माता-पिता इस पर ध्यान दें। पढ़ते समय उन पर नजर रखें कि रील, गेम तो नहीं देख रहे हैं।
उत्कृष्ट विद्यालय के शिक्षक दीपिका पराशर, प्रीति साकल्ये कल्याण समिति के अध्यक्ष प्रवीण शर्मा, महिला सशक्तीकरण की शीतल जोशी समेत बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।
Published on:
15 Nov 2025 12:50 pm
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