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भारत के इस मंदिर में लगा AI-रिफंड सिस्टम, कचरा फेंकते ही मिलेंगे UPI अकाउंट में पैसे

Tirumala Temple: आंध्र प्रदेश के तिरुमाला मंदिर में AI मशीनें लगी हैं, जहां कचरा डालते ही UPI अकाउंट में तुरंत रिफंड मिलता है। जानें इस नई स्मार्ट पहल की खास बातें।

2 min read

भारत

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Rahul Yadav

Oct 02, 2025

Tirumala Temple AI Refund System

Tirumala Temple AI Refund System (Image: Gemini)

Tirumala Temple AI Refund System: मंदिरों में हमेशा साफ-सफाई बनाए रखने की सलाह दी जाती है ताकि यह पवित्र और स्वच्छ बनी रहें। आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति मंदिर ने इस दिशा में एक नई पहल शुरू की है। मंदिर में डिजिटल डिपॉजिट रिफंड स्कीम (DDRS) के तहत AI से लैस स्मार्ट मशीनें लगाई गई हैं। अब श्रद्धालु खाली टेट्रा पैक और एल्यूमिनियम कैन मशीन में डालते ही अपने UPI अकाउंट में रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।

UPI के जरिए तुरंत मिलेगा रिफंड

डेकन हेराल्ड की रिपोर्ट के अनुसार, तिरुमाला में बिकने वाले टेट्रा पैक और कैन पर एक खास क्यूआर कोड लगा होता है। जब कोई व्यक्ति इन प्रोडक्ट्स को खरीदता है तो उनकी कुछ कीमत एक सुरक्षित अकाउंट में जमा हो जाती है। इस्तेमाल के बाद जब खाली पैक या कैन मशीन में डालते हैं तो जमा की गई राशि तुरंत UPI के जरिए वापस मिल जाती है।

कचरा रिसाइकिल करना हुआ आसान

यह सिस्टम सिर्फ मंदिर परिसर को साफ नहीं रखता है बल्कि कचरे को लैंडफिल में जाने से भी रोकता है। AI मशीनें तुरंत काम करती हैं और कचरे को सही तरीके से रिसाइकिल करने में मदद करती हैं। इससे पर्यावरण को नुकसान कम होता है और मंदिर परिसर स्वच्छ रहता है।

मशीनों की खासियत

ये स्मार्ट मशीनें पूरी तरह भारत में ही बनाई गई हैं और 50% से ज्यादा स्थानीय सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। ये मशीनें गर्मी, नमी और धूल झेलने में सक्षम हैं, यानी हर मौसम में काम कर सकती हैं। मशीनों में AI और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) तकनीक लगी है जो कचरे का रंग, साइज, ब्रांड और गंदगी जैसी जानकारी रिकॉर्ड करती है। इससे कचरा प्रबंधन में पारदर्शिता बढ़ती है और वेस्ट मैनेजमेंट आसान हो जाता है।

स्थानीय कर्मचारियों को मिलेगा फायदा

इस पहल से स्थानीय सफाई कर्मचारियों की आय भी बढ़ रही है। वे मशीनों में कचरा डालकर तुरंत रिफंड प्राप्त कर सकते हैं जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी है और नए रोजगार के अवसर भी बनते हैं।

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इस नई पहल से न केवल मंदिर स्वच्छ रहेगा बल्कि पर्यावरण संरक्षण और रोजगार दोनों में मदद मिलेगी।