पाक और विदेशी संगठनों से प्रेरित आतंकी गिरोह पर एटीएस की कार्रवाई (फोटो सोर्स :Whatsapp)
Ats Hindu Guru Conspiracy: एटीएस ने हाल ही में पाकिस्तान और अन्य देशों के संगठनों से प्रेरित होकर भारत में हिन्दू धर्म गुरुओं की हत्या की साजिश रचने वाले चार युवकों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार युवकों में सोनभद्र, रामपुर, सुलतानपुर और कानपुर के रहने वाले शामिल हैं। इनके खिलाफ जांच में खुलासा हुआ है कि ये भारत में शरीयत लागू कराने और सरकार का विरोध करने के लिए भी सक्रिय थे। कुछ शहरों में हमला कराने की फिराक में थे और हथियार खरीदने के लिए संगठन बना रहे थे।
एटीएस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी हैं: सुल्तानपुर निवासी अकमल रजा, राबट्र्सगंज निवासी सफील सलमानी उर्फ अली रजवी, घाटमपुर निवासी मो. तौसीफ, और रामपुर निवासी कासिम। इनके पास से मिले फोन और डिजिटल दस्तावेजों में कई आपत्तिजनक वीडियो और सूचनाएं पाई गई हैं। इन दस्तावेजों में पाकिस्तान सहित कई देशों के लोगों के संपर्क नंबर भी शामिल हैं।
जांच में यह भी पता चला कि आरोपी युवकों ने गुप्त बैठकों का आयोजन कर अपने साथियों को उकसाया। उन्होंने देश के कई इलाकों में मीटिंग की और धर्म गुरुओं के खिलाफ हिंसक योजना बनाई। एटीएस के मुताबिक ये आरोपियों ने माना कि वे धर्म गुरुओं के खिलाफ जंग ए जिहाद के तहत हमले करने और इसके लिए धन जुटाने में शामिल थे। इसके लिए उन्होंने हथियार खरीदने की योजना भी बनाई थी और मुजाहिदीन आर्मी बनाने के प्रयास शुरू किए थे।
इन आरोपियों ने सोशल मीडिया और इंटरनेट प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर लोगों को उकसाने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए संगठन से जोड़ा। एटीएस ने उनके फोन और कंप्यूटर की जांच के दौरान पाकिस्तान के आतंकवादी संगठनों के वीडियो, संदेश और योजनाओं को बरामद किया। इनमें स्पष्ट रूप से भारत में हमले की रणनीति और धर्म गुरुओं के खिलाफ हिंसा को बढ़ावा देने की सामग्री थी।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों के अनुसार उनके नेटवर्क में कई और लोग शामिल हैं जो देश के विभिन्न हिस्सों में सक्रिय हैं। एटीएस का दावा है कि ये लोग भारत में हिन्दू धर्म गुरुओं को निशाना बनाने और धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयासरत थे। इसके साथ ही, ये भारत में शरीयत लागू कराने और सरकार की नीतियों के खिलाफ विरोध फैलाने में लगे थे।
एटीएस ने आरोपियों के पास से नकदी, आपत्तिजनक दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और हथियारों की खरीद के लिए जुटाई गई रकम भी बरामद की है। इसके अलावा, आरोपी विभिन्न आतंकी संगठनों के संपर्क में थे और उनसे नियमित रूप से वीडियो कॉल और संदेश के माध्यम से संपर्क कर रहे थे। यह नेटवर्क भारत में आतंकी हमलों के लिए सक्रिय था। आरोपियों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां रोकने के लिए एटीएस ने मामला दर्ज कर गहन जांच शुरू कर दी है। इसके तहत उनके मोबाइल, कंप्यूटर और अन्य डिजिटल डिवाइस की फॉरेंसिक जांच की जा रही है। साथ ही उनके संपर्क में आने वाले अन्य लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार करने की प्रक्रिया भी चल रही है।
एटीएस ने बताया कि इस गिरफ्तारी से भारत में संभावित आतंकी हमलों की योजना को विफल किया गया है। आरोपी युवकों ने स्वीकार किया है कि वे धार्मिक असहिष्णुता फैलाने के लिए संगठनों के साथ जुड़े थे और भारत में जिहाद के नाम पर हिंसक गतिविधियों की योजना बना रहे थे। गिरफ्तार किए गए युवकों से पूछताछ के दौरान एटीएस ने उनके विदेश संपर्कों, धन प्रवाह और हथियारों की खरीद की योजनाओं की जानकारी हासिल की। इसके आधार पर आगे की जांच में अन्य संभावित आतंकवादी नेटवर्क की पहचान और उन्हें निष्क्रिय करने की कार्रवाई की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें आतंकवाद निरोधक कानूनों के तहत अदालत में पेश किया जाएगा और उनके नेटवर्क के अन्य सदस्य भी जल्द ही पकड़ में आएंगे।
देश के नागरिकों से भी अपील की गई है कि वे संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी सुरक्षा एजेंसियों को दें और किसी भी तरह की आतंकवादी योजना में शामिल न हों। एटीएस ने इस मामले में अलर्ट जारी किया है और सभी राज्यों के सुरक्षा विभागों को सतर्क रहने की हिदायत दी है। स्पष्ट हुआ है कि आतंकवादी संगठन पाकिस्तान और अन्य देशों से मिली प्रेरणा के आधार पर भारत में हमलों की योजना बना रहे थे। एटीएस ने इस नेटवर्क को भंग कर देश में धार्मिक और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
Published on:
30 Sept 2025 10:09 am
बड़ी खबरें
View Allउत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग