27 नवंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बरेली हिंसा पर दिनेश शर्मा का तंज, आग में ‘घी’ डालने का काम कर रही विपक्ष

भाजपा राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने बरेली में हालिया तनावपूर्ण घटनाओं को लेकर विपक्ष की प्रतिक्रिया की कड़ी आलोचना की है। दिनेश शर्मा ने कहा कि विपक्ष शांति की जगह आग में घी डालने का काम कर रहा है।

2 min read
Google source verification

राज्यसभा सांसद ने बरेली हिंसा पर दिया बयान, PC- IANS

लखनऊ : भाजपा राज्यसभा सांसद डॉ. दिनेश शर्मा ने बरेली में हालिया तनावपूर्ण घटनाओं को लेकर विपक्ष की प्रतिक्रिया की कड़ी आलोचना की है। दिनेश शर्मा ने कहा कि विपक्ष को आग में 'घी' डालने का काम करने के बजाय शांति, चैन और सुख से रहने वाले लोगों की सहायता करनी चाहिए।

दरअसल, 'आई लव मोहम्मद' विवाद के बाद बरेली में हुई हिंसा और पथराव की घटनाओं के बीच समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रतिनिधिमंडल को प्रशासन ने रोका था। राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने विपक्ष पर उकसावे की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, "सपा सद्भावना से रहने वाले लोगों को एकजुट करने के बजाय उकसाने का काम करती है, जो उचित नहीं है। उन्होंने एक बार भी नहीं कहा कि पत्थरबाजी नहीं होनी चाहिए।"

बरेली में जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति को नियंत्रित किया। यूपी विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे के नेतृत्व में सपा प्रतिनिधिमंडल को कानून-व्यवस्था का हवाला देकर बरेली जाने से रोका गया। शर्मा ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि विपक्ष की ऐसी हरकतें राज्य की शांति भंग करने वाली हैं। उन्होंने कहा कि सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी को जिम्मेदार भूमिका निभानी चाहिए।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को लेकर ओमप्रकाश राजभर के हालिया बयान पर दिनेश शर्मा ने कहा, "भाजपा दलित, पिछड़े, आदिवासी और सभी अनुसूचित जातियों के लिए समर्पित है। भाजपा का एकमात्र उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत और विकसित भारत का निर्माण है। हम सभी वर्गों के उत्थान के लिए कार्यरत हैं।"

भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के बयान पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की टिप्पणी की दिनेश शर्मा ने आलोचना की। उन्होंने कहा, "उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष (राहुल गांधी) की जुबान तो कभी मलेशिया, कभी इटली, कभी कोलंबिया में खुलती है। विदेशी भाव उनके हृदय में जिन्न की तरह बैठ जाता है, इसलिए पाकिस्तान की भाषा बोलने लगते हैं। ऐसे बयान देशहित के खिलाफ हैं।"