
अवैध ऑक्सीटोसिन फैक्ट्री का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार, 48.56 लाख की सामग्री जब्त (फोटो सोर्स : STF office )
Massive Crackdown in Lucknow: राजधानी लखनऊ में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FSDA) और उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की संयुक्त टीम ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन बनाने और सप्लाई करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। गोमतीनगर विस्तार के विजय खंड-1, उजरियाव गांव स्थित एक बंद मकान में चल रही इस अवैध यूनिट पर छापा मारकर करीब 48 लाख 56 हजार रुपये की अवैध दवाइयां, कच्चा माल और पैकिंग सामग्री बरामद की गई। टीम ने मौके से दो आरोपियों को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया तथा थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
संयुक्त टीम जब निर्दिष्ट पते पर पहुंची तो मौके पर प्लास्टिक बोतलों में भरा भारी मात्रा में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन मिला। इसके अलावा सिरका, फिनॉल, नमक, सीलर, गैलन, खाली बोतलें और पैकिंग सामग्री भी बरामद हुई। मकान को अस्थायी फैक्ट्री बनाकर यहां ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन तैयार किए जा रहे थे जिन्हें पशु चिकित्सीय इस्तेमाल के नाम पर अवैध रूप से आसपास के जिलों में सप्लाई किया जाता था। टीम में सहायक आयुक्त (औषधि) बृजेश कुमार, एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह, उप निरीक्षक एसटीएफ हरीश चौहान, औषधि निरीक्षक संदेश मौर्य (लखनऊ), अशोक कुमार (उन्नाव) और शिवेंद्र प्रताप सिंह (रायबरेली) मौजूद रहे।
पूछताछ में आरोपियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए। उन्होंने बताया कि ऑक्सीटोसिन पाउडर लोनी (गाज़ियाबाद) के धर्मवीर नामक सप्लायर से मंगाया जाता था। इसके बाद यहां प्लास्टिक बोतलों में मिलावट कर तैयार इंजेक्शन बनाया जाता था। आरोपियों ने बताया कि तैयार इंजेक्शन लखनऊ समेत रायबरेली, उन्नाव, सीतापुर और बाराबंकी जैसे जिलों में पशुओं के नाम पर बेचा जाता था। ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का अवैध उपयोग विशेष रूप से डेयरी सेक्टर में होता है, जहाँ मवेशियों से अधिक दूध निकालने के लिए इसका दुरुपयोग किया जाता है। हालांकि सरकार ने इसे नियंत्रित दवा की श्रेणी में रखते हुए इसके उत्पादन और वितरण पर सख्त निगरानी का प्रावधान किया है। इसके बावजूद अवैध उत्पादन का यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था।
छापेमारी के दौरान टीम ने जो सामग्री बरामद की, उसकी कीमत लगभग 48 लाख 56 हजार रुपये आंकी गई है। इसमें शामिल हैं:
इसके अलावा दो संदिग्ध इंजेक्शन के नमूने परीक्षण के लिए भी एकत्र किए गए हैं। मौके पर मिला पूरा स्टॉक और कच्चा माल सील कर दिया गया है।
ऑक्सीटोसिन एक नियंत्रित हार्मोन है जिसका उपयोग प्रसव पीड़ा बढ़ाने और प्रसव बाद रक्तस्राव रोकने में किया जाता है। इसे पशुओं में भी कुछ स्थितियों में चिकित्सकीय उपयोग के लिए दिया जाता है, लेकिन डेयरी सेक्टर में इसका अवैध उपयोग दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए किया जाता है जिससे पशु गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। इसी वजह से केंद्र सरकार ने 2018 में नियम सख्त किए थे और ऑक्सीटोसिन के उत्पादन और बिक्री को लाइसेंस आधारित कर दिया था।
STF को पिछले कुछ महीनों से इनपुट मिल रहे थे कि लखनऊ के बाहरी इलाकों में अवैध दवा निर्माण की छोटी फैक्ट्रियां चल रही हैं। जांच में सामने आया कि यह गिरोह लंबे समय से सक्रिय था और बड़ी मात्रा में सप्लाई करता था। टीम ने संदिग्ध गतिविधियों की पुष्टि करने के बाद संयुक्त छापेमारी कर कार्रवाई को अंजाम दिया।
सहायक आयुक्त (औषधि) बृजेश कुमार ने कहा कि यह स्वास्थ्य सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला है। अवैध दवा उत्पादन को हर हाल में रोका जाएगा और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि गिरोह के अन्य सदस्यों और सप्लायर धर्मवीर की तलाश तेज कर दी गई है।
Updated on:
10 Nov 2025 07:26 am
Published on:
10 Nov 2025 06:15 am
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