Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP Rain: जाते-जाते मानसून का कहर: यूपी में रिकॉर्ड बारिश, धान की फसल पर संकट; 9 जिलों में ऑरेंज अलर्ट

Monsoon Returns with Fury in UP: उत्तर प्रदेश में जाते-जाते मानसून ने रिकॉर्ड बारिश करा दी है। लखनऊ सहित कई जिलों में हुई झमाझम बारिश से जहां उमस भरी गर्मी से राहत मिली है, वहीं किसानों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। मौसम विभाग ने सात अक्टूबर तक नौ जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

4 min read

लखनऊ

image

Ritesh Singh

Oct 04, 2025

मानसून का प्रकोप: रिकॉर्ड बारिश से धान की फसल पर संकट, कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट (फोटो सोर्स : Whatsapp )

मानसून का प्रकोप: रिकॉर्ड बारिश से धान की फसल पर संकट, कई जिलों में ऑरेंज अलर्ट (फोटो सोर्स : Whatsapp )

UP Rain Alert: उत्तर प्रदेश में जाते-जाते मानसून ने एक बार फिर अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। अक्टूबर के महीने की शुरुआत में हुई लगातार बारिश ने जहां लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत दी है, वहीं किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें भी खींच दी हैं। राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के कई जिलों में पिछले दो दिनों से झमाझम बारिश हुई है। मौसम विभाग ने शनिवार को बिहार से सटे जिलों समेत पूर्वांचल और तराई क्षेत्र के नौ जिलों के लिए भारी बारिश और आंधी-तूफान का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

मानसून की विदाई में रिकॉर्ड बारिश

आमतौर पर अक्टूबर के पहले हफ्ते तक मानसून विदा हो जाता है, लेकिन इस बार इसकी विदाई में विलंब और बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर एरिया ने हालात बदल दिए। मौसम विभाग के अनुसार इस बार अक्टूबर में हो रही बारिश पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ रही है। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के क्षेत्र और उड़ीसा-आंध्रप्रदेश के तट (गोपालपुर और पाराद्वीप के बीच) पर बने चक्रवात की वजह से यह बारिश हो रही है। इसका असर अगले तीन-चार दिन तक उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों और तराई में देखने को मिलेगा।

9 जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट

मौसम विभाग ने शनिवार (7 अक्टूबर) तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। यह अलर्ट खासतौर पर बिहार से सटे और तराई इलाके के जिलों में है। इन जिलों में भारी बारिश, गरज-चमक और 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।

प्रभावित जिले:

  • बलिया
  • देवरिया
  • कुशीनगर
  • महाराजगंज
  • गाजीपुर
  • आजमगढ़
  • मऊ
  • गोरखपुर
  • सिद्धार्थनगर

इसके अलावा आसपास के जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश और बूंदाबांदी का दौर जारी रहेगा।

राहत और मुश्किल दोनों लेकर आई बारिश

इस बारिश से एक ओर राजधानी लखनऊ सहित कई जिलों में उमस भरी गर्मी से राहत मिली है। लंबे समय से परेशान लोग बारिश के बाद ठंडी हवाओं और नमी भरे मौसम का आनंद ले रहे हैं। लेकिन दूसरी ओर, किसानों के लिए यह बारिश मुसीबत बनकर आई है। धान की फसल इस समय कटाई से ठीक पहले पकने की अवस्था में है। ऐसे में धूप और सूखे मौसम की जरूरत होती है। लगातार हो रही बारिश से खेतों में पानी भर गया है, धान की बालियां झुकने लगी हैं और पौधों में सड़न की आशंका बढ़ गई है।

धान की फसल पर बड़ा खतरा

प्रदेश के कई जिलों में धान की फसल तैयार हो चुकी है। किसान कटाई की तैयारी में थे, लेकिन अचानक आई बारिश ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि इस समय धान को धूप और हल्की हवा की जरूरत होती है, ताकि बालियां ठीक से पक सकें। लेकिन बारिश से खेत जलमग्न हो रहे हैं। इससे फसल गिरने और खराब होने का खतरा है। किसानों का कहना है कि अगर बारिश जारी रही तो उन्हें भारी नुकसान झेलना पड़ेगा। जिन किसानों ने कटाई शुरू कर दी थी, उनकी फसल भीगकर खराब हो रही है। वहीं जो किसान अभी कटाई की तैयारी में थे, उनके सामने अनिश्चितता की स्थिति है।

किसानों की बढ़ी मुश्किलें

गोरखपुर जिले के किसान रामनरेश यादव ने बताया कि धान कटाई का समय आ गया था। हमने मजदूरों को बुला लिया था, लेकिन अब खेतों में पानी भर गया है। बालियां झुककर गिर रही हैं। अगर मौसम ऐसा ही रहा तो हमारी आधी से ज्यादा फसल खराब हो जाएगी। बलिया के किसान किशन गुप्ता ने कहा कि पहले ही खाद और डीजल के दाम बढ़ने से लागत ज्यादा हो गई थी। अब अगर फसल खराब हुई तो हमें कर्ज लेना पड़ेगा। सरकार को किसानों के नुकसान का आकलन कर मुआवजा देना चाहिए।"

वज्रपात और तेज हवाओं का भी खतरा

बारिश के साथ-साथ मौसम विभाग ने वज्रपात (बिजली गिरने) की चेतावनी भी दी है। ग्रामीण इलाकों में किसानों और आम लोगों को सलाह दी गई है कि वे पेड़ों और खंभों के नीचे खड़े न हों और खुले मैदान से बचें।तेज हवाओं के कारण कई जगह पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की भी आशंका है।

मौसम विभाग की चेतावनी

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह ने बताया कि अगले 7 अक्टूबर तक पूर्वांचल और तराई के ज्यादातर इलाकों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। इस दौरान गरज-चमक और बिजली गिरने की घटनाओं की संभावना बनी रहेगी। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि कटाई रोक दें और फसल को सुरक्षित रखने की कोशिश करें।

शहरी इलाकों में जलभराव की समस्या

लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी और आजमगढ़ जैसे शहरों में लगातार बारिश से जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है। निचले इलाकों और कॉलोनियों में पानी भरने से लोगों को आवाजाही में दिक्कत हो रही है। कई जगह ट्रैफिक जाम और बिजली कटौती की समस्या भी सामने आई है।

सरकार और प्रशासन की तैयारी

प्रशासन ने प्रभावित जिलों में बाढ़ और आपदा प्रबंधन टीमों को अलर्ट पर रखा है। बिजली विभाग को लगातार मॉनिटरिंग करने और आपूर्ति बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं कृषि विभाग से किसानों के नुकसान का आंकलन करने को कहा गया है। सरकारी स्तर पर किसानों को भरोसा दिलाया गया है कि अगर फसल को नुकसान होता है तो मुआवजा और बीमा योजना के तहत मदद दी जाएगी।