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Neha Singh Rathore Controversial Post : पोस्ट ने करवाया बवाल, जमानत खारिज होते ही नेहा की दुनिया उलटी-UP पुलिस हर ठिकाने पर कर रही दबिश

Bhojpuri folk singer Neha Singh Rathore: लखनऊ में भोजपुरी लोक गायिका नेहा सिंह राठौर पर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट करने का मामला गंभीर रूप ले चुका है। हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत खारिज किए जाने के बाद यूपी पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। मामला राष्ट्रीय अखंडता से जुड़ा बताया जा रहा है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Nov 25, 2025

हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत, UP पुलिस ने तेज की तलाश (फोटो सोर्स : Police Whatsapp News Group )

हाईकोर्ट ने खारिज की जमानत, UP पुलिस ने तेज की तलाश (फोटो सोर्स : Police Whatsapp News Group )

Neha Singh Rathore in Trouble: भोजपुरी लोक गायिका और सोशल मीडिया पर अपने राजनीतिक व्यंग्य गीतों से चर्चा में रहने वाली नेहा सिंह राठौर एक बार फिर कानूनी विवादों के घेरे में हैं। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर किए गए उनके एक पोस्ट ने विवाद को इस हद तक बढ़ा दिया कि अब उन पर IPC की कई गंभीर धाराओं-राष्ट्रीय अखंडता भंग करने, सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने और देश की संप्रभुता को नुकसान पहुँचाने के तहत मामला दर्ज हो चुका है। लखनऊ पुलिस अब उनके खिलाफ गैर-जमानती कार्रवाई की तैयारी में है।

पोस्ट के बाद शुरू हुआ विवाद, FIR से गिरफ्तारी के आदेश तक

27 अप्रैल 2025 को लखनऊ के हजरतगंज थाने में कुर्सी रोड निवासी अभय प्रताप सिंह की तहरीर पर नेहा के खिलाफ FIR दर्ज की गई। FIR में गंभीर आरोप लगाए गए कि पहलगाम हमले के बाद नेहा ने ऐसा पोस्ट किया, जिसे पाकिस्तान आधारित कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स भारत विरोधी प्रोपेगेंडा के रूप में इस्तेमाल कर रहे थे। इसके अलावा तीन अन्य व्यक्तियों सौरव (रानीगंज), हिमांशु वर्मा (दूर्विजयगंज) और अर्जुन गुप्ता (दुगावां) ने भी इसी मामले में अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई, जिन्हें बाद में इसी FIR में शामिल कर लिया गया। पुलिस द्वारा की गई डिजिटल जांच में नेहा के पोस्ट और वीडियो की सत्यता की पुष्टि की गई। पुलिस के अनुसार, सामग्री में किसी प्रकार की एडिटिंग या छेड़छाड़ नहीं मिली। यह बात जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से दर्ज की गई है।

नोटिस भेजा, लेकिन पेश नहीं हुईं नेहा-बीमारी का हवाला

FIR के बाद लखनऊ पुलिस ने नेहा को उनके पैतृक गांव,अंबेडकरनगर के हीडी पकडिया में नोटिस भेजा था। उन्हें पूछताछ में सहयोग करने और अपना बयान दर्ज कराने को कहा गया। हालांकि पुलिस के अनुसार वे नोटिस के बावजूद पेश नहीं हुईं। कई बार टीम उनके ठिकानों पर पहुंची, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला। उधर, नेहा ने गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल कर दी। कोर्ट ने उन्हें अंतरिम संरक्षण न देते हुए पहले पुलिस के सामने पेश होने और बयान दर्ज कराने का निर्देश दिया। लेकिन नेहा की ओर से बार-बार बीमारी का हवाला देकर तारीख बढ़ाने की मांग की जाती रही। आखिरकार, लगातार अनुपस्थित रहने और आदेशों का पालन न करने के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिससे पुलिस को अब कार्रवाई करने का पूरा अधिकार मिल गया है।

UP पुलिस ने गठित की स्पेशल टीम, कई ठिकानों पर दबिश

हाईकोर्ट के फैसले के बाद हजरतगंज पुलिस हरकत में आ गई है। थाना प्रभारी विक्रम सिंह ने बताया कि नेहा को गिरफ्तार करने के लिए एक विशेष टीम गठित की गई है। टीम उनके वर्तमान ठिकानों, दोस्तों, रिश्तेदारों और सोशल मीडिया एक्टिविटी के आधार पर स्थानों की तलाश कर रही है। पुलिस ने इस मामले में शासकीय अधिवक्ता के माध्यम से कोर्ट को अपनी विस्तृत रिपोर्ट भी सौंप दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, नेहा पिछले कुछ दिनों से सक्रिय लोकेशन बदल रही हैं, जिसके कारण पकड़ना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। हालांकि पुलिस ने स्पष्ट किया कि जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

क्यों गंभीर है मामला

नेहा सिंह राठौर पहले भी अपने सामाजिक-राजनीतिक व्यंग्य गीतों की वजह से चर्चा में रही हैं। उनके गीत “UP में का बा” और “Bihar में का बा” सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं और कई बार सत्ताधारी दल के समर्थकों ने उन पर राजनीतिक एजेंडा चलाने का आरोप लगाया है। ऐसे मामलों में पहले भी उनके खिलाफ शिकायतें हुई हैं, लेकिन यह पहला मौका है जब उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता से जुड़ी धाराओं में FIR दर्ज की गई है। पुलिस के अनुसार, पोस्ट में प्रयुक्त शब्दों और संदर्भों का दुरुपयोग आतंकवाद समर्थित सोशल मीडिया अकाउंट्स कर रहे थे, जिससे देश की छवि और सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता था। इसी कारण से मामला बेहद संवेदनशील और गंभीर माना जा रहा है।

पुलिस का पक्ष

  • हजरतगंज पुलिस का कहना है कि
  • नेहा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहीं
  • नोटिसों के बाद भी पेश नहीं हुईं
  • हाईकोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया
  • गंभीर धाराओं में मामला पंजीकृत है, इसलिए गिरफ्तारी आवश्यक है

पुलिस अधिकारी मानते हैं कि ऐसे मामलों में आरोपी का बयान, डिजिटल वेरिफिकेशन और पूछताछ आवश्यक होती है, इसलिए गिरफ्तारी प्रक्रियात्मक रूप से उचित है।

नेहा का पक्ष क्या

नेहा सिंह राठौर की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक लिखित बयान अभी तक सामने नहीं आया है। उनके निकट सहयोगियों का कहना है कि वे “दोषी नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल कर रही हैं। हालांकि, कानून यह तय करना अदालतों का काम है कि सामग्री अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता में आती है या राष्ट्रविरोधी कृत्य में।

सियासी हलकों में चर्चा तेज

नेहा के मामले को लेकर राजनीतिक हलकों में भी बहस छिड़ गई है। कई विपक्षी नेता इसे “कलाकार पर अत्याचार” बता रहे हैं, जबकि सत्ता पक्ष का कहना है कि कानून सबके लिए बराबर है और राष्ट्रविरोधी सामग्री बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सोशल मीडिया पर भी इस विषय पर दो गुटों में बहस चल रही है कि  एक पक्ष इसे "कठोर कार्रवाई" मान रहा है, दूसरा पक्ष इसे "अभिव्यक्ति का दमन" बता रहा है