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1 दिसंबर से बदलेगा डीएल सिस्टम, नई एजेंसियां संभालेंगी जिम्मेदारी, अब मिलेगा तेज और सुरक्षित लाइसेंस

Driving Licence Update: उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया में बड़ा बदलाव लागू किया जा रहा है। अब डीएल निर्माण का काम निजी एजेंसियों,सिल्वर टच, फोकाम नेट और रोजमार्टा को सौंपा गया है। नई तकनीक, बेहतर कार्ड क्वालिटी और तेज सेवा के साथ 1 दिसंबर से पूरे प्रदेश में नई व्यवस्था लागू हो जाएगी।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Dec 01, 2025

ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव, 1 दिसंबर से नई व्यवस्था लागू (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group)

ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव, 1 दिसंबर से नई व्यवस्था लागू (फोटो सोर्स : Whatsapp News Group)

UP Driving Licence: उत्तर प्रदेश में ड्राइविंग लाइसेंस (डीएल) बनवाने की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया गया है। परिवहन विभाग ने अब तक स्मार्ट चिप के जिम्मे रहने वाली डीएल निर्माण प्रणाली को पूरी तरह बदलते हुए इसे निजी एजेंसियों को सौंप दिया है। नई व्यवस्था 1 दिसंबर से पूरे प्रदेश में लागू कर दी जाएगी। इससे डीएल निर्माण की स्पीड, पारदर्शिता और तकनीकी गुणवत्ता बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।

नई व्यवस्था के तहत प्रदेश में तीन निजी कंपनियों को काम बांटा गया है। राजधानी लखनऊ में डीएल से जुड़ा संपूर्ण कार्य “सिल्वर टच टेक्नोलॉजीज़” को सौंपा गया है, जबकि “फोकाम नेट” और “रोजमार्टा” अन्य जिलों में ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया देखेंगे। तीनों कंपनियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में हार्डवेयर इंस्टॉलेशन का अधिकांश काम पूरा कर लिया है और टेस्टिंग जारी है।

क्यों हुआ बदलाव,पुरानी व्यवस्था पर उठ रहे थे सवाल

लंबे समय से स्मार्ट चिप कंपनी डीएल प्रोसेस संभाल रही थी। हालांकि, समय के साथ शिकायतें बढ़ी-

  • आवेदन के बाद लाइसेंस मिलने में देरी
  • कार्ड की खराब गुणवत्ता
  • सिस्टम बार-बार हैंग होना
  • आरटीओ कार्यालयों में तकनीकी खामियां
  • सर्वर डाउन रहने से परेशानी

इसके बाद परिवहन विभाग ने पूर्ण टेक्नोलॉजी अपग्रेड पर निर्णय लेते हुए नई एजेंसियों को जिम्मेदारी देने का फैसला लिया।

क्या-क्या बदल जाएगा नई व्यवस्था में

  • पूरी डीएल प्रक्रिया अब नई कंपनियों के सॉफ्टवेयर और मशीनों पर आधारित होगी।
  • लाइसेंस कार्ड की क्वालिटी बढ़ेगी-नई माइक्रो-चिप, सुरक्षा फीचर्स, क्यूआर कोड व हाई सुरक्षा होलोग्राम शामिल होंगे।
  • लाइसेंस बनने की रफ्तार बढ़ेगी-नया टर्नअराउंड टाइम 7–10 दिन तक तय।
  • सभी जिलों में समान प्रक्रिया लागू-किसी भी आरटीओ में सेवा की गुणवत्ता में अंतर नहीं रहेगा।
  • हार्डवेयर इंस्टॉलेशन पूरा, टेस्टिंग चल रही है-आधुनिक कैमरे, बायोमैट्रिक मशीनें, कार्ड प्रिंटर आदि लगाए गए हैं।
  • 1 दिसंबर से नए सिस्टम में डीएल निर्माण शुरू हो जाएगा।

लखनऊ में “सिल्वर टच” के जिम्मे पूरा डीएल ऑपरेशन

राजधानी लखनऊ में पूरी लाइसेंस प्रक्रिया सिल्वर टच कंपनी संभालेगी। यह कंपनी देश की कई सरकारी प्रणालियों में डिजिटल समाधान प्रदान कर चुकी है।
लखनऊ में नई व्यवस्था के तहत-

  • सभी हार्डवेयर इंस्टॉल हो चुके
  • स्टाफ को ट्रेनिंग दी जा चुकी
  • सर्वर लिंकिंग और डेटा माइग्रेशन का कार्य अंतिम चरण में
  • कार्ड की प्रिंटिंग और डिस्पैच सिस्टम का ट्रायल चल रहा है

लखनऊ में डीएल के सभी प्रकार लर्निंग, स्थाई, डुप्लिकेट, नवीनीकरण, एड्रेस चेंज, क्लास एडिशन इसी कंपनी द्वारा प्रोसेस किए जाएंगे। अन्य जिलों में फोकाम नेट और रोजमार्टा संभालेंगी जिम्मेदारी

प्रदेश के शेष जिलों में दो अन्य एजेंसियां काम कर रही हैं-

  1. फोकाम नेट

यह कंपनी पश्चिमी और मध्य यूपी के कई जिलों का जिम्मा संभालेगी।

  1. रोजमार्टा

पूर्वांचल व बुंदेलखंड के अधिकांश जिलों में यह कंपनी डीएल निर्माण प्रक्रिया संभालेगी।

दोनों कंपनियों ने जिलों में नए हार्डवेयर और ऑनलाइन सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म स्थापित कर दिए हैं। इसके साथ ही नई एजेंसियों को परिवहन विभाग की ओर से सख्त मानक दिए गए हैं-

  • डेटा सुरक्षा
  • समय पर डीएल डिलीवरी
  • त्रुटिरहित रिकॉर्ड
  • ऑनलाइन ट्रैकिंग सुविधा

नई व्यवस्था के मुख्य फायदे

  1. तेज सेवा

लाइंस कम होंगी और काम ऑटोमेशन से तेज होगा।

संबंधित खबरें

  1. बेहतर कार्ड क्वालिटी

नया स्मार्ट कार्ड अधिक टिकाऊ और हाई सिक्योरिटी प्रिंटिंग वाला होगा।

  1. पारदर्शिता बढ़ेगी

मध्यस्थों की भूमिका कम होगी, सब कुछ ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा।

  1. तकनीकी गड़बड़ियां कम होंगी

नया सर्वर सिस्टम और आधुनिक उपकरणों से डेटा एरर और सर्वर डाउन समस्या कम होगी।

डीएल बनवाने वालों के लिए क्या बदलाव होंगे

  • ऑनलाइन प्रक्रिया वही रहेगी
  • आवेदन अभी भी parivahan.gov.in पर ही किया जाएगा।
  • आरटीओ जाकर बायोमेट्रिक और टेस्ट देना होगा
  • प्रक्रिया में बदलाव नहीं, लेकिन मशीनें नई होंगी।
  • कार्ड अब नए फॉर्मेट में मिलेगा
  • डिज़ाइन और सिक्योरिटी फीचर्स बदले होंगे।

1 दिसंबर से क्या-क्या शुरू हो जाएगा

  • सभी आरटीओ में नई कंपनियों के जरिए कार्ड प्रिंटिंग
  • नए फॉर्मेट का डीएल जारी होना
  • पुरानी प्रणाली पूरी तरह बंद
  • सर्वर और डेटा प्रबंधन नई एजेंसियों को सौंपा जाएगा

परिवहन विभाग का दावा

विभाग के अधिकारियों के अनुसार

  • नई कंपनियों को समय सीमा का कड़ा पालन करना होगा
  • देर होने पर पेनल्टी लगेगी
  • सिस्टम फेल होने पर तुरंत तकनीकी टीम पहुंचाएगी

अधिकारियों का कहना है कि इससे जनता को मिलने वाली सेवा की गुणवत्ता पहले से बेहतर होगी।