
उत्तर प्रदेश की राजनीति के लिए गुरुवार की सुबह बेहद दुखद रही। घोसी सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक सुधाकर सिंह का निधन हो गया। दो दिन पहले अचानक तबीयत बिगड़ने पर उन्हें लखनऊ के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के दौरान गुरुवार भोर में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से घोसी और सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर दौड़ गई है।
सुधाकर सिंह वही नेता हैं जिन्होंने घोसी विधानसभा के प्रतिष्ठित उपचुनाव में योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री दारा सिंह चौहान को हराकर राजनीतिक हलकों में बड़ी चर्चा बटोरी थी। इस जीत को उस समय समाजवादी पार्टी के मनोबल बढ़ाने वाली बड़ी सफलता माना गया था। कई बार टिकट कटने के बावजूद सपा ने 2023 के उपचुनाव में फिर से उन पर भरोसा जताया, और सुधाकर सिंह ने इस भरोसे पर खरा उतरते हुए भाजपा को करारी शिकस्त दी थी।
सुधाकर सिंह लंबे समय से समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे हैं। उन्होंने पहली बार 1996 में नत्थूपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया था। वर्ष 2012 में नत्थूपुर विधानसभा का नाम बदलकर घोसी कर दिया गया और यहां फिर से चुनाव हुए। इस बार भी जनता ने सुधाकर सिंह पर भरोसा जताया और उन्हें विजयी बनाकर भेजा। उनकी यह राजनीतिक पकड़ घोसी इलाके में हमेशा चर्चा में रही।
हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में घोसी सीट से उन्हें भाजपा के फागू चौहान के हाथों हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद 2019 में फागू चौहान के राज्यपाल बनने पर घोसी सीट पर उपचुनाव हुए, लेकिन इस बार तकनीकी कारणों से सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बाद सुधाकर सिंह ने निर्दलीय ताल ठोंकी और उन्हें सपा का समर्थन मिला। हालांकि इस चुनावों में सुधाकर सिंह को हार का सामना करना पड़ा था।
2022 के चुनाव में भी उनका टिकट काटा गया था, जिसके बाद उन्होंने खुले तौर पर सपा नेतृत्व पर नाराजगी दिखाई और बगावती तेवर अपनाए। बावजूद इसके, उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी और संगठन से जुड़े रहे। 2023 में जब घोसी उपचुनाव का ऐलान हुआ तो सपा ने एक बार फिर सुधाकर सिंह पर भरोसा दिखाया। यह फैसला सही साबित हुआ और उन्होंने भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान को हराकर सपा को बड़ी जीत दिलाई।
Updated on:
20 Nov 2025 09:57 am
Published on:
20 Nov 2025 09:24 am
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