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जेल में पैदा हुई मुस्कान की बेटी को किसकी प्रॉपर्टी में मिलेगा हिस्सा, क्या होते जेल के नियम और कानूनी अधिकार?

मेरठ जेल में बंद पति के टुकड़े-टुकड़े कर हत्या कर देने वाली मुस्कान ने हाल ही में एक बच्ची को जन्म दिया है। इस घटना ने भले ही सनसनी फैला दी हो। लेकिन अब कानून की नजर में किसकी प्रॉपर्टी में बच्ची को हिस्सा मिलेगा। कानून क्या कहता है। जेल नियमों के मुताबिक मां के साथ कितने दिन तक रह सकती है। आइये जानते हैं विस्तार से उसके कानूनी अधिकार क्या है।

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मेरठ

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Mahendra Tiwari

Nov 26, 2025

Meerut

मुस्कान और साहिल की फोटो सोर्स पत्रिका

मेरठ के चर्चित ‘नीले ड्रम कांड’ की आरोपी मुस्कान एक बार फिर सुर्खियों में है। जिस महिला पर पति की हत्या कर शव को ड्रम में छिपाने का आरोप है। उसने जेल में बेटी को जन्म दिया है। अब बड़ा सवाल है। इस बच्ची के अधिकार और विरासत का हक किसे मिलेगा?

मेरठ की मुस्कान रस्तोगी, जो नीले ड्रम में पति सौरभ की लाश छिपाने वाले मामले की मुख्य आरोपी है। एक बार फिर चर्चा में है। जेल में बंद मुस्कान ने हाल ही में एक बच्ची को जन्म दिया है। जिसके बाद इस नवजात के अधिकार और भविष्य को लेकर कई कानूनी सवाल उठ गए हैं। भले ही मुस्कान पर गंभीर आरोप हों, लेकिन कानून साफ कहता है कि किसी अपराधी के बच्चे को उसके अपराध से नहीं जोड़ा जा सकता। बच्चा चाहे जेल में जन्म ले या अस्पताल में, वह पूरी तरह निर्दोष माना जाता है। और उसे हर वह सुविधा और अधिकार मिलता है। जो किसी अन्य बच्चे को मिलता है।

जेल में 6 साल तक रखने की अनुमति होगी, फिर कोर्ट तय करेगा बच्ची कहां रहेगी

महिला बंदियों को जेल नियमों के मुताबिक अपने बच्चे को छह साल की उम्र तक अपने साथ रखने की अनुमति होती है। इस दौरान बच्चे की देखभाल, पोषण, स्वास्थ्य और सुरक्षा का जिम्मा जेल प्रशासन पर होता है। छह साल के बाद कोर्ट तय करता है कि बच्चा किसके पास रहेगा। पिता के परिवार के साथ, मां के रिश्तेदारों के पास या फिर किसी मान्यता प्राप्त संस्था में रहेगा।

क्या मुस्कान की बेटी को संपत्ति में हिस्सा मिलेगा

सबसे अहम सवाल है कि क्या मुस्कान की बेटी को संपत्ति में हिस्सा मिलेगा? कानून के अनुसार, बच्चा अपने माता-पिता दोनों की संपत्ति पर बराबर का हकदार होता है। मुस्कान का अपराध उसकी बेटी के अधिकार खत्म नहीं करता। अगर मुस्कान के पति सौरभ ने कोई वसीयत नहीं छोड़ी है। तो बच्ची को भारतीय उत्तराधिकार कानून के अनुसार उत्तराधिकारी मानी जाएगी। इसका मतलब है कि पिता की संपत्ति पर उसका पूरा कानूनी हक बनता है।

बच्ची कानूनी रूप से अपने माता-पिता की वैध संतान मानी जाएगी

जेल में जन्म लेने वाले बच्चों के लिए जन्म प्रमाण पत्र, स्वास्थ्य सेवाएं, टीकाकरण और शिक्षा जैसी सुविधाएं अनिवार्य रूप से दी जाती हैं। चाहे जन्म जेल में हुआ हो, लेकिन कानूनी रूप से बच्चा हमेशा अपने माता-पिता की वैध संतान माना जाता है। इस तरह, मुस्कान की नवजात बच्ची अपने सभी कानूनी अधिकारों के साथ जीवन की शुरुआत कर रही है। उसके भविष्य से जुड़े फैसले अदालत की निगरानी में ही लिए जाएंगे।