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नमक मंडी में डंपर-ट्रैक्टर थमे, चाय की थडिय़ां सूनी

नावांशहर (नागौर). प्रदेश की सबसे बड़ी नमक मंडी में बेमौसम बारिश का असर हर वर्ग पर दिखाई दे रहा है। डंपर और ट्रैक्टरों के पहिये थमने से जहां नमक परिवहन पूरी तरह रुक गया है, वहीं मंडी में चहल-पहल खत्म हो गई है। इसका सीधा असर स्थानीय व्यापारियों और रोज़मर्रा के कामगारों पर पड़ा है।

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नावां . सूना पड़ा बाजार ।

श्रमिकपरि‌वारों ने रोजगार के लिए किया अन्य शहरों का रुख

नावांशहर(नागौर). प्रदेश की सबसे बड़ी नमक मंडी में बेमौसम बारिश का असर हर वर्ग पर दिखाई दे रहा है। डंपर और ट्रैक्टरों के पहिये थमने से जहां नमक परिवहन पूरी तरह रुक गया है, वहीं मंडी में चहल-पहल खत्म हो गई है। इसका सीधा असर स्थानीय व्यापारियों और रोज़मर्रा के कामगारों पर पड़ा है। नमक के काम रुकने से मजदूरों की आमद बंद हो गई, जिससे थड़ी संचालकों की रोज़ी पर संकट गहराने लगा है। मौसम की मार झेल रहे श्रमिकों ने बताया कि काम बंद होने से उन्हें पलायन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है। कई परिवार अब पास के कस्बों और शहरों की ओर रुख कर रहे हैं ताकि रोज़गार का कोई और साधन मिल सके। नमक उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि यदि जल्द मौसम सामान्य नहीं हुआ तो उत्पादन और परिवहन दोनों पर असर पड़ेगा, जिससे करोड़ों का नुकसान संभव है। वहीं व्यापार से 40 से अधिक चाय की दुकानों तथा पंप संचालकों को भी काफी नुकसान हो रहा है। इसके अलावा नमक मंडी में 1000 से अधिक डंपर-ट्रैक्टर नहीं चलने के कारण लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं।

नमक नगरी में श्रमिकों की कमी से बाजार की रौनक गायब

नमक नगरी का बाजार इन दिनों सूना नजर आ रहा है। बाहरी राज्यों से आने वाले श्रमिकों के लौट जाने से बुधवार से रविवार तक जो बाजार में रौनक रहती थी, वह पूरी तरह गायब हो गई है। किराना और रोज़मर्रा की वस्तुओं के व्यापारियों का कहना है कि दीपावली के बाद से कारोबार में मंदी छाई हुई है। नियमित श्रमिकों की खरीदारी से जो चहल-पहल रहती थी, अब बाजार में सन्नाटा पसरा है।

इनका कहना है

बहुत ज़्यादा स्थिति खराब है। एक समय दिनभर फुर्सत नहीं होती थी, जो आज बिल्कुल ही स्थित खराब हो गई है। पिछले पंद्रह सोलह वर्ष से चाय बेचने का कार्य करता हूँ, इस बार जैसा पहले कभी नहीं देखा, संकट के बादल नजर आ रहे हैं।

दीवानचंद, चाय की दुकान संचालक, बाइपास प्लांट एरिया

इनका कहना है

नमक क्यार से नमक लाने के साथ ही रेलवे में रैक नहीं लगने के कारण नावां-राजास के करीब 1000 से अधिक ट्रैक्टर-ट्रॉली संचालकों के हाल-बेहाल हैं। इसके साथ डंपर भी नमक नहीं निकलने से बंद हैं। उम्मीद है जल्द मौसम खुलेगा और राहत मिलेगी, या अन्य राह की तलाश करेंगे।

भंवर लाल पोसवाल, ट्रैक्टर संचालक, नावां शहर