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स्टेशन का आधुनिकीकरण अटका, प्लेटफॉर्म शेल्टर तक अधूरे

गोटन (नागौर). अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल कर गोटनश रेलवे स्टेशन पर शुरू किया गया पुनर्विकास कार्य अत्यंत धीमी गति से चल रहा है

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गोटन रेलवे स्टेशन पर एक वर्ष से पूर्ण होने के इंतजार में पैदल पुल

- निर्माण कार्य बढ़ा रहे परेशानी

-दो साल की देरी के बाद भी फुटओवर ब्रिज का नहीं हुआ काम

- अमृत भारत योजना कार्य की प्रगति पर उठने लगे सवाल

गोटन(नागौर). अमृत भारत स्टेशन योजना में शामिल कर गोटनश रेलवे स्टेशन पर शुरू किया गया पुनर्विकास कार्य अत्यंत धीमी गति से चल रहा है। रेलवे ने इस परियोजना के लिए करीब सवा दो वर्ष पूर्व 18.93 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया था, लेकिन अधिकारियों की उदासीनता और ठेकेदार की ढिलाई के कारण कार्य गति नहीं पकड़ पाया।

शुरुआत में ठेकेदार ने उत्साह दिखाया, लेकिन समय बीतने के साथ निर्माण की रफ्तार कम होती गई। कई महत्वपूर्ण कार्य आज भी अधूरे पड़े हैं।

स्टेशन परिसर में नई बिल्डिंग का कुछ हिस्सा तैयार हो चुका है। इसमें विशिष्ट अतिथि कक्ष, स्टेशन अधीक्षक कक्ष, नया वेटिंग हॉल, बुकिंग कार्यालय, पोर्च तथा नए शौचालय शामिल हैं। कई अधूरे कार्य आज भी यात्रियों के लिए परेशानी बने हुए हैं।

करीब एक वर्ष से दोनों प्लेटफॉर्म पर 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा है। निर्माण स्थल को टीन से ढका गया है, लेकिन ट्रेन और लगे हुए टीन के बीच अत्यंत कम जगह होने के कारण दुर्घटना का खतरा बना रहता है।

प्लेटफॉर्म संख्या 1 पर फर्श निर्माण के कारण लगभग दो सौ फीट क्षेत्र टीन शेड से घेरा हुआ है। यहां कम स्पेस के कारण यात्रियों को हर समय जोखिम बना रहता है। प्लेटफॉर्म संख्या 1 पर शेल्टर का निर्माण पूरा हो चुका, जबकि प्लेटफॉर्म संख्या 2 पर एक टीन शेड लगा है। इससे यात्रियों को खुले आसमान के नीचे खड़े रहकर ट्रेनों का इंतजार करना पड़ता है।

इस परियोजना के तहत 18.93 करोड़ की लागत से कई महत्वपूर्ण कार्य होने हैं। इनमें स्टेशन की ओर आने वाले मार्ग पर अलग-अलग प्रवेश और निकास व्यवस्था, सर्कुलेटिंग एरिया का सौंदर्यीकरण, दोपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए अलग पार्किंग, पोर्च, नया वीआईपी कक्ष, दोगुनी ऊंचाई वाला प्रवेश कक्ष, महिलाओं-पुरुषों के लिए बेहतर शौचालय, पे-एंड-यूज़ शौचालय, स्टेशन भवन के भीतरी-बाहरी हिस्सों का उन्नयन, 12 मीटर चौड़े फुट ओवर ब्रिज का निर्माण, नए प्लेटफॉर्म शेल्टर, दिव्यांगजन-अनुकूल सुविधाएं, नए पानी बूथ, आधुनिक संकेतक, होर्डिंग, स्मारकीय झंडे और बेहतर फर्नीचर शामिल हैं।

इन सुविधाओं के निर्माण में देरी के कारण यात्रियों को असुविधा झेलनी पड़ रही है। लोगों में रेलवे की कार्यप्रणाली को लेकर असंतोष बढ़ने लगा है।