
माता-पिता के साथ रक्षिता राठौड़ की फोटो: पत्रिका
Inspirational Story Of Rakshita Rathore: भारतीय नौसेना में 20 साल की उम्र में तकनीकी अधिकारी (सब लेफ्टिनेंट) बनकर रक्षिता राठौड़ ने एक नया इतिहास रचा था। वह राजस्थान से भारतीय नौसेना में पहली महिला तकनीकी अधिकारी हैं। उनकी यह उपलब्धि न केवल राजस्थान, बल्कि पूरे देश की युवा पीढ़ी के लिए एक बड़ी प्रेरणा का स्रोत है।
रक्षिता राठौड़ का जीवन का एकमात्र लक्ष्य भारतीय सेना में देश की सेवा करना था। इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने बहुत कड़ी मेहनत की। सफलता का मंत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि 'सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। अगर जीवन में अपनी रुचि के विषय पर मेहनत की जाए, तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है।'
रक्षिता राठौड़ की मां पुष्पा रानी और पिता राजेंद्र राठौड़ शिक्षक हैं। उन्होंने हमेशा अपनी बेटी का हौसला बढ़ाया और उसकी पसंद पर कभी कोई दबाव नहीं डाला। शुरू में उन्होंने डॉक्टर बनने के लिए साइंस-बायो विषय दिलवाया था लेकिन बेटी की इच्छा नौसेना में जाने की थी तो सब्जेक्ट चेंज करवा दिया। परबतसर जैसे छोटे से गांव से आने वाली रक्षिता अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। उनके परिवार से पहले कोई भी नौसेना में नहीं गया था।
शुरुआती शिक्षा: रक्षिता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा परबतसर के सीमा मेमोरियल विद्यालय से पूरी की।
बदला विषय: दसवीं के बाद उनके माता-पिता ने उन्हें डॉक्टर बनाने के लिए 11वीं में साइंस-बायो विषय दिलवाया।
साकार हुआ सपना: रक्षिता का मन हमेशा भारतीय सेना में जाने का था। अपने लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने विषय बदला, 12वीं में साइंस-मैथ्स ली और 85% अंकों के साथ बी-टेक (B.Tech) की पढ़ाई पूरी की। उनका सपना सेना ज्वाइन करने का था और कम उम्र में ही अपने सपनों को सच भी कर दिया।
Published on:
04 Dec 2025 03:20 pm
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