
-नगर परिषद मामले में हाई कोर्ट का बड़ा आदेश
नागौर. राजस्थान हाई कोर्ट जोधपुर ने नागौर नगर परिषद से जुड़े विवाद में शुक्रवार को महत्वपूर्ण अंतरिम आदेश दिया है। अदालत ने कहा है कि 13 नवम्बर को जारी सरकारी आदेश का अभी कोई प्रभाव नहीं रहेगा, और नागौर नगर परिषद के नए अध्यक्ष नीतू तोलावत अगले आदेश तक कोई भी प्रशासनिक या वित्तीय निर्णय नहीं ले सकेंगे। यह आदेश न्यायमूर्ति संदीप शाह की एकलपीठ ने दिया है। याचिकाकर्ता मुजाहिद इस्लाम और अज़ीज़ुद्दीन अंसारी ने अदालत को बताया कि नगर परिषद में कुल 60 सदस्य हैं, जिनमें से 24 सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में उनका कहना है कि राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 322 के अनुसार नगर परिषद आगे नहीं चल सकती और राज्य सरकार को इसे भंग करना चाहिए। जब सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो पहले भी इसी मुद्दे पर एक रिट याचिका दायर की गई थी। उस मामले में हाई कोर्ट ने 27 अगस्त को नगर परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष को नीतिगत और वित्तीय फैसले लेने से रोक दिया था। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि अदालत के इस आदेश के अगले ही दिन यानी 28 अगस्त को राज्य सरकार ने पूर्व अध्यक्ष को निलंबित कर दिया और नीतू तोलावत को नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। उनके अनुसार, 13 नवम्बर को सरकार ने एक और आदेश जारी कर नए अध्यक्ष को प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार दे दिए, जो कि हाई कोर्ट के पहले से लागू आदेश के खिलाफ है। हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले पर गंभीरता से विचार करते हुए राज्य सरकार और अन्य प्रतिवादियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है। साथ ही अदालत ने साफ कहा कि 13 नवम्बर के आदेश का प्रभाव अगले आदेश तक स्थगित रहेगा, और 28 अगस्त को नियुक्त किए गए अध्यक्ष कोई भी प्रशासनिक या वित्तीय निर्णय नहीं कर सकेंगे।
Published on:
05 Dec 2025 09:36 pm
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