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Delhi Blast: अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर ने हड़प ली जमीन? टेरर फंडिंग के बाद एक और आरोप ने मचाई खलबली

ED ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी (फरीदाबाद) के फाउंडर जावेद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार किया है। अब उनके खिलाफ एक और गंभीर मामला सामने आया है।

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अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर और मैनेजिंग ट्रस्टी जावेद अहमद सिद्दीकी। (फोटो- ANI)

दिल्ली में लाल किले के पास हुए कार विस्फोट मामले की जांच तेजी से चल रही है। जिसका तार सीधे हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा है।

पिछले हफ्ते अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर और मैनेजिंग ट्रस्टी जावेद अहमद सिद्दीकी को प्रवर्तन निदेशालय ने आतंकवाद को फाइनेंस करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। अब उनके खिलाफ एक और गंभीर मामला सामने आया है।

जमीन हड़पने के लिए नकली दस्तावेज बनाए

जांचकर्ताओं के मुताबिक, अब सिद्दीकी के खिलाफ दिल्ली के मदनपुर खादर के पास गैर-कानूनी तरीके से खेती की जमीन हड़पने के मामले में जांच हो रही है।

कुछ लोगों का आरोप है कि तरबिया एजुकेशन फाउंडेशन ने जमीन पर हड़पने के लिए नकली पेपर और पावर ऑफ अटॉर्नी से जुड़े फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाए थे।

एनडीटीवी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जो दस्तावेज सामने आए हैं, उससे पता चलता है कि तरबिया एजुकेशन फाउंडेशन के डायरेक्टर सिद्दीकी हैं। फिलहाल इस मामले में पर सिद्दीकी और फाउंडेशन की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

सिद्दीकी ने पद और प्रभाव का कैसे गलत इस्तेमाल किया?

शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सिद्दीकी ने अपने पद और प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया। जमीन हड़पने में सबसे आगे रहे, साथ ही मरे हुए लोगों के नाम पर नकली साइन भी किए।

एनडीटीवी ने पूरा मामले की पड़ताल की। जिसमें पता चला कि 65 लोगों की जमीन हड़पी गई। उनमें 30 लोग डॉक्यूमेंट्स पर साइन करने से पहले मर चुके थे। यह फर्जीवाड़ा 2003 से 2004 के बीच हुआ था।

शिकायतकर्ता ने क्या कहा?

एनडीटीवी ने एक शिकायतकर्ता कुलदीप सिंह बिधूड़ी के हवाले से बताया कि फाउंडेशन के पास उनके परिवार की कई जमीनों के नकली दस्तावेज हैं। उनमें ऐसे लोगों के साइन थे, जो सालों पहले मर चुके हैं।

शिकायतकर्ता ने कहा- परिवार को झगड़े से पीछे हटने के लिए धमकियां दी गईं और हर तरह से समझौता करने की कोशिश की गई। शिकायतों के बावजूद, लोकल अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

हड़प ली इतनी जमीन

आरोप है कि तरबिया एजुकेशन फाउंडेशन ने बिधूड़ी के परिवार की 1.146 एकड़ जमीन हड़प ली। इसी तरह के कई लोग हैं, जिनकी तरबिया एजुकेशन फाउंडेशन ने जमीन हड़प ली है। अब वे सरकार से कार्रवाई की गुहार लगा रहे हैं।

सिद्दीकी से जुड़ा एक और पुराना क्रिमिनल केस भी सामने आया है। जिसमें सिद्दीकी के साथ उनके एक सहायक पर 7।5 करोड़ रुपये के फ्रॉड का आरोप लगा था और उन्हें इस मामले में तीन साल की जेल हुई थी।

ब्लास्ट ममले में भी फंसे हैं सिद्दीकी

उधर, सिद्दीकी 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके की जांच में भी फंसे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि धमाके में इस्तेमाल हुई अमोनियम नाइट्रेट फ्यूल ऑयल से भरी हुंडई i20 कार का कनेक्शन सिद्दीकी की यूनिवर्सिटी से जुड़ा है।

फिलहाल, इस बात की जांच चल रही है। बता दें कि दिल्ली धमाके को लेकर पकड़े गए संदिग्ध इसी यूनिवर्सिटी में काम करते थे। सभी डॉक्टर थे।

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