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इंजीनियरिंग स्किल्ड वर्कफोर्स की रीढ़, कंप्यूटर साइंस की चमक सबसे ज्यादा

एआइसीटीई रिपोर्ट: पांच साल में 15 फीसदी बढ़ा रोजगार, कोर शाखाएं भी मजबूत

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नई दिल्ली. इंजीनियरिंग अब भी भारत की स्किल्ड वर्कफोर्स की रीढ़ है। कंप्यूटर साइंस अपनी चमक बनाए हुए है, लेकिन कोर इंजीनियरिंग शाखाएं आज भी प्रासंगिक हैं और देश की औद्योगिक जरूरतों को पूरा कर रही हैं। साथ ही, मैनेजमेंट और कंप्यूटर एप्लीकेशन्स जैसे क्षेत्र भी तेजी से उभर रहे हैं। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआइसीटीई) की इंडिया स्किल्स रिपोर्ट 2025 के आंकड़े बताते हैं कि बीटेक में कंप्यूटर साइंस का प्लेसमेंट दर 94.46% तक पहुंच गया। वर्ष 2024–25 में 1.31 लाख स्नातकों में से 1.24 लाख को नौकरी मिली। पिछले पांच वर्षों में इस शाखा से छह लाख से अधिक छात्रों का चयन हुआ है।

कोर शाखाओं की मजबूत पकड़

बीई व बीटेक में आम धारणा के विपरीत, मैकेनिकल, सिविल, इलेक्ट्रिकल और केमिकल जैसी कोर शाखाओं में भी रोजगार की स्थिति बेहतर रही रही है। मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 2024–25 में 1.33 लाख में से 88,954 छात्रों को नौकरी (66.48%) मिली, जबकि सिविल इंजीनियरिंग में 1.04 लाख में से 43,620 का चयन (41.88%) हुआ, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में 65,028 में से 38,100 को अवसर (58.58%) मिले वहीं, केमिकल इंजीनियरिंग में 59.28% की प्लेसमेंट दर रही।

दक्षिण भारत में सबसे ज्यादा रोजगार

पिछले पांच वर्षों में बीटेक का कुल औसत प्लेसमेंट 7.39 लाख से बढ़कर 8.5 लाख हो गया, यानी 15% की वृद्धि। कोविड के बाद भी रोजगार में तेज सुधार देखने को मिला। दक्षिण भारत इसमें अग्रणी रहा, तमिलनाडु ने अकेले 1.67 लाख छात्रों को नौकरी दिलाई, कर्नाटक में 80,000 से अधिक का चयन हुआ। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों ने भी प्लेसमेंट संख्या में लगातार सुधार दर्ज किया। वहीं, बिहार जैसे राज्यों ने भी उल्लेखनीय छलांग लगाई, जहां पांच साल में प्लेसमेंट तीन गुना बढ़े।

प्रोग्राम अनुसार प्लेसमेंट (लाख में):

प्रोग्राम             2020–21 2024–25 स्थिति

इंजीनियरिंग/टेक्नोलॉजी 5.80 6.05 स्थिर व मजबूत

मैनेजमेंट             1.09 1.74 तेज वृद्धि

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