
नोएडा कोर्ट ने छात्रा से रेप मामले में IIT प्रोफेसर को सुनाई सजा।
Rape Case Judgement: नोएडा में एक महिला से जुड़ा हुआ मामला लगभग छह सालों तक चला और अब अदालत ने इस पर अपना फैसला सुना दिया है। यह मामला एक IIT प्रोफेसर से जुड़ा है, जिस पर आरोप था कि उसने उसने नौकरी के बहाने बुलाकर अपनी ही पूर्व छात्रा के भरोसे का गलत फायदा उठाया और उसके साथ जबरन रेप किया। सुनवाई के दौरान एडिशनल सेशंस जज प्रियंका कुमार ने प्रोफसर को महिला के साथ रेप का दोषी पाया। इसके बाद मामलजे में प्रोफेसर को 10 साल कारावास की सजा सुनाई और 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले में देर से हुई पुलिस कार्रवाई पर भी टिप्पणी की।
कोर्ट की सुनवाई के दौरान सभी गवाह और बयान महिला के पक्ष में पाए गए। सभी गवाहों के बयान एक-दूसरे से मिलते-जुलते थे, जिससे यह साबित हुआ कि बयान भरोसेमंद हैं। इस मामले में महिला की तरफ से पुलिस में छह घंटे देरी से एफआईआर दर्ज कराने पर भी सवाल उठाया गया था, लेकिन यह साफ हुआ कि थाने की प्रोसेस के चलते देरी हुई थी। साथ ही यह भी पता चला कि घटना के तुरंत बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची थी। इस दौरान आरोपी ने दावा किया कि पीड़िता गेस्ट हाउस गई ही नहीं थी। हालांकि कोर्ट में गवाहों और साक्ष्यों के बल पर प्रोफेसर का यह दावा झूठा साबित हो गया।
इस केस की शुरुआत 2009 से हुई। विवेक विजयवर्गीय आईआईटी जोधपुर के मैथ्स डिपार्टमेंट में फैकल्टी थे और उसी कॉलेज में पीड़िता छात्रा थी। उस समय से वह दोनों एक दूसरे को जानते थे। उसके बाद वह महिला उन प्रोफेसर से 2011 में मिली, जब उन्हें उसी कॉलेज में कॉन्ट्रैक्ट बेस पर नौकरी मिली। लेकिन इसके बाद वह बेहतर अवसरों की तलाश में थी और इसी सिलसिले में वह प्रोफेसर से बातचीत करने लगी। साल 2019 में नौकरी के सिलसिले में प्रोफेसर के बुलाने पर वह नोएडा के फिल्म सिटी स्थित एक गेस्ट हाउस में पहुंची थी, जहां पर प्रोफेसर ने उसके साथ जबरदस्ती रेप किया। इस घटना के अगले दिन ही महिला ने नोएडा के सेक्टर 16 थाना में शिकायत दर्ज करवाई।
शिकायत दर्ज होते ही पुलिस ने कार्रवाई की और अगले दिन आरोपी को नोएडा सेक्टर-16 मेट्रो स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया। मेडिकल रिपोर्ट, गवाहों और घटनास्थल की जांच के आधार पर पुलिस ने 25 सितंबर 2019 को चार्जशीट फाइल कर दी। 27 नवंबर को कोर्ट में मौजूद सभी गवाहों और सबूतों के आधार पर IIT प्रोफेसर विवेक विजयवर्गीय को इस मामले में दोषी माना गया और 10 साल की जेल और 20 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई।
Updated on:
04 Dec 2025 06:27 pm
Published on:
04 Dec 2025 01:39 pm
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