
RJD नेता तेजस्वी यादव (Photo-ANI)
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। 24 सितंबर को होने वाली कांग्रेस की वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक से ठीक एक दिन पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पटना स्थित अपने आवास पर महागठबंधन के दिग्गज नेताओं की बड़ी बैठक बुलाई। इस अचानक हुई बैठक ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी है और चुनावी समीकरणों को लेकर अटकलें तेज कर दी हैं।
तेजस्वी यादव द्वारा बुलाई गई महागठबंधन चुनाव समन्वय समिति की उप समिति की इस बैठक में RJD से राज्यसभा सांसद संजय यादव, CPI के कुणाल, कांग्रेस के कृष्णा अल्लावारु, VIP के नूरुल होदा और RJD के आलोक मेहता समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। बैठक का मुख्य एजेंडा सीटों का बंटवारा, संभावित उम्मीदवारों की सूची और आगामी चुनावी रणनीति पर चर्चा रहा। सूत्रों के मुताबिक, महागठबंधन अब सीट शेयरिंग को अंतिम रूप देने की दिशा में बढ़ चुका है। सभी दलों की सूची पर मंथन किया जा रहा है ताकि दशहरा से पहले उम्मीदवारों के नाम तय कर दिए जाएं।
इधर, कांग्रेस ने भी बिहार चुनाव को लेकर सक्रियता बढ़ा दी है। कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार पटना पहुंचे और उन्होंने साफ कहा कि बिहार मेहनती लोगों की धरती है, लेकिन बेरोजगारी और पलायन अब भी बड़ी समस्या है। उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन बहुत जल्द मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय करेगा और वक्त आने पर इसका ऐलान किया जाएगा।
कांग्रेस प्रवक्ता अलका लांबा ने तेजस्वी यादव को गठबंधन का प्रमुख चेहरा बताते हुए कहा कि उनका अनुभव और नेतृत्व महागठबंधन को मजबूती देगा। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सीटों का बंटवारा और उम्मीदवारों की सूची फाइनल होने के बाद ही सीएम पद का चेहरा सार्वजनिक किया जाएगा।
कांग्रेस CWC की बैठक से ठीक पहले तेजस्वी यादव द्वारा यह बैठक बुलाना राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है। जानकारों का कहना है कि तेजस्वी की इस चाल का मकसद महागठबंधन में अपनी पकड़ मजबूत करना और कांग्रेस पर दबाव बनाना है। इससे महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर अंतिम फैसले की जमीन तैयार होती दिख रही है।
महागठबंधन के इस सियासी मूव पर बीजेपी और एनडीए की भी नजर टिकी है। बीजेपी-जदयू जहां पुराने और आजमाए चेहरों पर भरोसा करने की रणनीति बना रहे हैं, वहीं महागठबंधन युवाओं और नए चेहरों को आगे लाने के मूड में है। ऐसे में आने वाले दिनों में बिहार का चुनावी मुकाबला और दिलचस्प होता नजर आ रहा है।
तेजस्वी यादव की इस अचानक बैठक ने चुनावी सस्पेंस और बढ़ा दिया है। कांग्रेस CWC मीटिंग और महागठबंधन की रणनीतिक तैयारी, दोनों मिलकर साफ कर रहे हैं कि बिहार का चुनाव इस बार बेहद हाई-प्रोफाइल और कांटे का मुकाबला होगा।
Updated on:
23 Sept 2025 03:46 pm
Published on:
23 Sept 2025 03:45 pm
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