
आमानाका ओवरब्रिज के पास वाली चौपाटी विवादों में फंसी, रेलवे ने बताया अपना
स्मार्ट सिटी कंपनी की आमानाका ओवरब्रिज के पास वाली चौपाटी विवादों में फंस गई है। जिसे करीब दो करोड़ की लागत से बनाया था। अब उस जगह पर रेलवे ने नोटिस चस्पा करते हुए अपना दावा ठोक दिया है। साथ ही नगर निगम जिस साइंस कॉलेज मैदान चौपाटी को शिफ्ट करने की तैयारी में था, उस पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। रेलवे से नोटिस जारी होने के साथ ही निगम में नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय रविवार को मौके पर पहुंचे और साइंस कॉलेज चौपाटी को उजाड़ने के विरोध में मोर्चा खोलने का भी ऐलान कर दिया है।
रेलवे प्रशासन ने रेल पटरी के दायरे वाली जगह की नापजोख कराकर कब्जा मुक्त कराने के लिए ठोस कदम उठाया है। इसी के तहत आमानाका ओवरब्रिज के पास चौपाटी से लेकर ब्रिज के नीचे नगर निगम ने जिन छोटे-छोटे व्यापारियों को शिफ्ट किया था, उन्हें भी खाली करने के लिए नोटिस थमा दिया है। ऐसे 32 लोग प्रभावित होंगे। उनका कहना है कि वे 10-15 सालों से ब्रिज के नीचे काम करते आ रहे हैं। इसी से उनके परिवार का भरण-पोषण होता है। प्रभावितों ने बताया कि रोजी-रोटी बचाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुके हैं। इसके साथ ही सांसद बृजमोहन अग्रवाल से भी बचाने की गुहार लगाई है।
रेलवे परिक्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी ने आमानाका चौपाटी पर रखे गए नगर निगम के स्टॉलों में नोटिस चस्पा करते हुए अवैध करार दिया है। इसमें कहा है कि यह जगह भारत सरकार के दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे प्रशासन की है। जिस पर पिछले नौ महीने से अतिक्रमण किया है, उस अवैध निर्माण को नगर निगम हटा ले अन्यता रेलवे प्रशासन उसे हटाने के लिए बाध्य होगा। नगर निगम की गुमटी पर नोटिस चस्पा करने की अवधि रविवार को समाप्त हो गई। क्योंकि नोटिस में रेलवे ने 10 नवंबर को जारी करते हुए 7 दिनों का समय तय किया था। इसके साथ ही आमानाका ओवरब्रिज के नीचे 32 कारोबारियों को भी खाली करने की नोटिस दिया है।
निगम में नेता प्रतिपक्ष आकाश तिवारी और पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने आमानाका ब्रिज के नीचे निरीक्षण किया। उन्होंने आरोप लगाया कि स्थानीय विधायक और महापौर की हठधर्मिता के कारण साइंस कॉलेज मैदान चौपाटी को उजाड़ने की कोशिशें की जा रही हैं। जिसका पुरजोर विरोध करेंगे। क्योंकि चौपाटी का निर्माण नियमों के तहत कराया गया है। स्थानीय विधायक अपनी जिद पूरी करने के लिए छोटे-छोटे करोबारियों को उजाड़ने पर आमादा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आमानाका ओवरब्रिज के पास वेंडर जोन का निर्माण जीई रोड पर लगने वाले ठेले-खोमचे वालों को व्यविस्थत करने के लिए कराया गया था। जिस पर रेलवे नोटिस चस्पा किया है।
आमानाका ओवरब्रिज क्षेत्र की जमीन रेलवे की है। इसलिए नोटिस जारी किया गया है। जगह खाली कराने के लिए 32 लोगों को भी नोटिस दिया गया है। नगर निगम द्वारा यदि अतिक्रमण नहीं हटाया जाता है रेलवे हटाने के लिए बाध्य होगा।
-राकेश सिंह, डीसीएम, रायपुर रेलवे
पीडब्ल्यूडी से स्वीकृत रोड के अंदर डेढ़-दो साल पहले आमानाका ओवरब्रिज के पास पौनी पसरी और वेंडर जोन बनाया। रेलवे ने कभी कोई आपत्ति नहीं की। काम पूरा होने पर नोटिस समझ से परे है। सीमांकन कराने के लिए तहसीलदार को पत्र भेजेंगे।
-अतुल चोपाटी, डिप्टी मैनेजर, स्मार्ट सिटी कंपनी
Published on:
17 Nov 2025 01:44 am
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