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केलवा–किशनपुरा मार्ग की बदहाल स्थिति पर फूटा आक्रोश, विद्यार्थियों व परिजनों ने किया प्रदर्शन

कस्बे से किशनपुरा की ओर जाने वाला मुख्य मार्ग पिछले लंबे समय से जर्जर हालत में है।

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Road News

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केलवा (राजसमंद). कस्बे से किशनपुरा की ओर जाने वाला मुख्य मार्ग पिछले लंबे समय से जर्जर हालत में है। जगह-जगह गहरे गड्ढे और उखड़े हुए डामर के कारण यह सड़क अब राहगीरों और वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बन चुकी है। बार-बार शिकायत करने के बावजूद विभागीय कार्रवाई नहीं होने पर गुरुवार को स्थानीय विद्यार्थियों और उनके परिजनों ने सड़क पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया।

डामर उखड़ा, सड़क बनी हादसों का जाल

कस्बे से किशनपुरा तक जाने वाले इस मार्ग पर डामर पूरी तरह उखड़ चुका है। अब सड़क की सतह पर केवल गिट्टियाँ और खुरदरे पत्थर बचे हैं। जगह-जगह बने गहरे गड्ढों के कारण आए दिन दुपहिया वाहन चालक संतुलन खो बैठते हैं और गिरकर घायल हो जाते हैं। बरसात के दिनों में इन गड्ढों में पानी भर जाने से स्थिति और भी भयावह हो जाती है। गड्ढों की गहराई का अनुमान न लग पाने से कई बार वाहन सीधे उनमें उतर जाते हैं, जिससे सवार नीचे गिर जाते हैं और चोटिल हो जाते हैं।

विद्यार्थियों की सुरक्षा पर खतरा

प्रदर्शन के दौरान अभिभावकों ने बताया कि रोजाना स्कूल जाने वाले छोटे-छोटे बच्चे इसी खस्ताहाल मार्ग से गुजरते हैं। बरसात में सड़क पर भरे गंदे पानी के छींटों से उनकी यूनिफॉर्म गंदी हो जाती है और कई बार फिसलकर बच्चे गिर भी जाते हैं। किशनपुरा गांव तक सड़क पर डामर पूरी तरह उखड़ जाने से यह अब कंकरीली और खुरदरी बन गई है, जिस पर पैदल चलना या दोपहिया वाहन चलाना भी जोखिम भरा हो गया है। सड़क के किनारे ऊंच-नीच और गहरे गड्ढे होने से बड़े वाहनों के आने पर दुपहिया चालकों को किनारे लेना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि कभी भी गड्ढे में गिरने का खतरा बना रहता है।

अंधेरे में और बढ़ जाता है खतरा

ग्रामीणों ने बताया कि रात के समय इस मार्ग से गुजरना बेहद खतरनाक साबित हो रहा है, क्योंकि सड़क पर रोशनी की कोई पर्याप्त व्यवस्था नहीं है। कई वाहन चालक अंधेरे में किनारे बने गड्ढों में गिर चुके हैं। इसके बावजूद सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से अब तक कोई सुधार कार्य शुरू नहीं किया गया है।

गुस्से में ग्रामीण, मांग की डामरीकरण व चौड़ाई बढ़ाने की

प्रदर्शन में लोकेश सेन, कैलाश तेली, किशनलाल, शांतिलाल, रोशनलाल, नरेश कुमार, सुरेश कुमार, मोहनलाल, दिनेश कुमार, शंकरलाल, सुंदरलाल, लालूराम, नारायण लाल सहित अनेक ग्रामीण मौजूद रहे। सभी ने एकस्वर में कहा कि विभाग की लापरवाही के कारण अब तक कई हादसे हो चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र ही मार्ग का डामरीकरण और चौड़ाई बढ़ाने का कार्य प्रारंभ नहीं किया गया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।