
Numerology Based Temple Visit : 9 दुर्गा मंदिर, 9 मूलांक, 9 विशेष आशीर्वाद! अपनी जन्मतिथि से पहचानें अपनी 'आराध्य दुर्गा' (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)
Numerology Based Temple Visit : सनातन धर्म में विश्वास किया जाता है कि, मां शक्ति और ऊर्जा का स्रोत है। शक्ति को दुनिया की निर्माता, रक्षक और संहारक माना जाता है। माता अपने भक्तों को आशीर्वाद स्वरुप हर चीज प्रदान करती है। शक्ति या मां की कई रुपों में पूजा जाता है। देवी के अलग-अलग रुपों को समर्पित कई मंदिर भारत में है। यहां जाकर भक्त सारी तकलीफों से मुक्ति पाकर परमानंद महसूस करते हैं। मां उनकी सारी मनोकामनाएं तो पूरी करती ही हैं, साथ ही उन्हें भक्ति का आशीष भी देतीं हैं। माता की कृपा पाने के लिए देवी मंदिरों में भक्त जाते हैं।
प्राचीन अंकशास्त्र के अनुसार, जन्म तिथि का व्यक्ति के जीवन में खास अर्थ होता है। उस तिथि में ग्रहों की ऊर्जा होती है, जो 1 से 9 तक होती है। प्रत्येक अंक में एक विशेष ऊर्जा, व्यक्तित्व और गुण होते हैं। ये गुण देवी दुर्गा के किसी रूप से जुड़े होते हैं। अगर आप अपनी जन्मतिथि के अनुसार माता के किसी मंदिर में जाते हैं, तो माना जाता है कि आप अपनी ऊर्जा को संतुलित कर सकते हैं। ज्योतिष के अनुसार, मंदिर जाने से जन्मांक यानी मूलांक के कम्पन को बढ़ा सकते हैं। इससे कई सकारात्मक परिवर्तन जीवन में होते हैं।
यदि आप भी जानना चाहते हैं कि जन्मांक (मूलांक) के अनुसार किस मंदिर में जाना आपके लिए सर्वोत्तम होगा, तो यह लेख आपके लिए ही है।
आपको अपनी जन्मतिथि के अंकों को जोड़ना है, जब तक कि आप एकल अंक पर नहीं पहुंच जाते। उदाहरण के लिए, यदि आप 23 तारीख को जन्मे हैं, तो 2 + 3 = 5
जन्म तिथि: 1, 10, 19, या 28
ग्रह: सूर्य
जिनका जन्म 1, 10, 19, या 28 को हुआ है, वे सूर्य की ऊर्जा से शासित और प्रकाशित होते हैं। ये लोग जन्मजात नेता होते हैं। इन्हें आजादी से बहुत प्यार होता है। ऐसे लोग कामाख्या मंदिर शक्तिपीठ जा सकते हैं। यह पीठ सृजनात्मकता, संतानोत्पत्ति और उत्पादन ऊर्जा का प्रतीक है। इससे आत्मविश्वास और नेतृत्व की ऊर्जा मिलती है।
सर्वश्रेष्ठ समय: अंबुबाची मेला (जून), नवरात्रि
जन्म तिथि: 2, 11, 20, या 29
ग्रह: चंद्रमा
जिनका जन्म 2, 11, 20, या 29 को हुआ है, वे चंद्रमा से शासित होते हैं। ये लोग भावनात्मक, सूझबूझ वाले और पालन-पोषण करने वाले होते हैं। वैष्णो देवी मंदिर त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित है और चंद्रमा की सुरक्षा देता है। यहां जाने से मानसिक शांति और पारिवारिक जीवन में सुख मिलता है।
सर्वश्रेष्ठ समय: शरद और चैत्र नवरात्रि
जन्म तिथि: 3, 12, 21, या 30
ग्रह: बृहस्पति
जो लोग 3, 12, 21, या 30 को जन्मे हैं, वे रचनात्मक, व्यक्तिवादी और आशावादी होते हैं। विंध्यवासिनी देवी मंदिर मिर्जापुर में स्थित है। यह शक्तिशाली शक्ति पीठ है, जो ज्ञान और समृद्धि की देवी को समर्पित है। यहां जाने से बृहस्पति की ऊर्जा का संतुलन बनता है।
सर्वश्रेष्ठ समय: नवरात्रि, भाद्रवी पूर्णिमा
जन्म तिथि: 4, 13, 22, या 31
ग्रह: राहु
संख्या 4 के लोग अनुशासनप्रिय होते हैं। राहु के प्रभाव से वे अनियमित भी हो सकते हैं। चंडी देवी मंदिर पहाड़ी पर स्थित है। यह राहु की नकारात्मक ऊर्जा को शांत करता है और जीवन में स्थिरता लाता है।
सर्वश्रेष्ठ समय: नवरात्रि, चैत्र पूर्णिमा
जन्म तिथि: 5, 14, या 23
ग्रह: बुध
संख्या 5 के लोग स्वतंत्र, तेज-तर्रार और यात्रा पसंद करने वाले होते हैं। मां मनसा देवी इच्छाओं को पूरा करने वाली देवी मानी जाती हैं। वे सफलता, संचार कौशल और नए अवसर प्रदान करती हैं।
सर्वश्रेष्ठ समय: नवरात्रि, सोमवार, और पूर्णिमा
जन्म तिथि: 6, 15, या 24
ग्रह: शुक्र
संख्या 6 के लोग प्रेम, सामंजस्य और कला के प्रतीक होते हैं। चामुंडेश्वरी देवी मंदिर समृद्धि, ऐश्वर्य और सौंदर्य का प्रतीक है। यहां जाने से संबंधों में शुभता और धन-संबंधी सुख की प्राप्ति होती है।
सर्वश्रेष्ठ समय: आषाढ़ शुक्रवार, नवरात्रि
जन्म तिथि: 7, 16, या 25
ग्रह: केतु
संख्या 7 के लोग आध्यात्मिकता, आत्म-विश्लेषण और रहस्यमय चीज़ों की ओर आकर्षित होते हैं। अम्बाजी माता शक्तिपीठ गहरी ब्रह्मांडीय ऊर्जा से जुड़ा है। यहां आने से लोगों का भ्रम दूर होता है और उनकी सहज बुद्धि को मजबूती मिलती है।
सर्वश्रेष्ठ समय: भाद्रवी पूर्णिमा,नवरात्रि
जन्म तिथि: 8, 17, या 26
ग्रह: शनि
संख्या 8 के लोग परिवर्तन और अनुशासन के प्रतीक होते हैं। कालघाट काली देवी समय, न्याय और कर्मों के संतुलन का प्रतीक है। यहां जाने से शनि के प्रभाव को शांत किया जा सकता है और लंबे समय से चल रही समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
सर्वश्रेष्ठ समय: काली पूजा (दीवाली पर), नवरात्रि
जन्म तिथि: 9, 18, या 27
ग्रह: मंगल
संख्या 9 के लोग साहस, करुणा और मानवता के प्रतीक होते हैं। श्री रामकृष्ण परमहंस की प्रमुख देवी, दक्षिणेश्वर काली देवी भक्तों को निःस्वार्थ सेवा और उच्च उद्देश्य की प्राप्ति में आशीर्वाद देती हैं।
सर्वश्रेष्ठ समय: नवरात्रि, काली पूजा, रामकृष्ण जयंती
Published on:
24 Nov 2025 02:33 pm
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