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Sikar News: बहुचर्चित गुन्नू किडनैपिंग केस में डीजे कोर्ट का बड़ा फैसला, 3 दोषियों को उम्रकैद 04 बरी, जानें पूरा मामला

सीकर शहर के बहुचर्चित गुन्नू किडनैपिंग मामले में बुधवार को डीजे कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने 3 दोषियों सुनील कुमार, आनंदपाल और योगेश को उम्रकैद व अर्थदंड की सजा सुनाई। पीड़ित गुन्नू को एक लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने के निर्देश भी दिए हैं।

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पत्रिका फाइल फोटो

राजस्थान में सीकर शहर के बहुचर्चित गुन्नू किडनैपिंग मामले में बुधवार को डीजे कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने 3 दोषियों सुनील कुमार, आनंदपाल और योगेश को उम्रकैद व अर्थदंड की सजा सुनाई। पीड़ित गुन्नू को एक लाख रुपए क्षतिपूर्ति देने के निर्देश भी दिए हैं। मामले में 4 आरोपी सबूतों के अभाव में बरी कर दिए गए, जबकि एक आरोपी की ट्रायल के दौरान मृत्यु हो चुकी थी।

किडनैप कर मांगी थी 50 लाख की फिरौती

सरकारी वकील सांवरमल बिजारणियां और वरिष्ठ एडवोकेट राजेंद्र हुड्डा ने बताया कि निजी स्कूल संचालक महावीर हुड्डा का 9 वर्षीय बेटा गुन्नू (धीरीश) अपने नाना जस्साराम के साथ 4 अक्टूबर 2022 को पिपराली रोड पर स्कूटी से स्कूल जा रहा था। रास्ते में बिना नंबर की सफेद एसयूवी ने स्कूटी को टक्कर मारी और उसमें सवार 2-3 लोगों ने मारपीट कर पहली कक्षा में पढ़ने वाले गुन्नू का अपहरण कर लिया। फिर गुन्नू के पिता से फोन पर 50 लाख की फिरौती मांगी। बाद में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर 12 घंटे में बच्चे को सुरक्षित दस्तयाब कर लिया गया। मामले में स्कूल स्टाफ प्रमेंद्र ने थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था।

27 गवाह, 144 दस्तावेजी साक्ष्य

पुलिस ने मामले में सुनील कुमार, आनंदपाल, योगेश, हिमांशु उर्फ बॉबी, संदीप, मनोज, रोहित और सुभीता सहित कुल 8 आरोपियों को गिरतार कर चालान पेश किया था। इनमें से रोहित की 2024 में मृत्यु होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई समाप्त कर दी गई। परिवादी पक्ष की ओर से सीनियर एडवोकेट राजेंद्र हुड्डा ने 27 गवाह और 144 दस्तावेजी साक्ष्य पेश किए। जिनके आधारों पर न्यायाधीश राजेंद्र कुमार ने गुमाना का बास निवासी सुनील कुमार पुत्र शुभकरण, आनंदपाल पुत्र बाबूलाल तथा योगेश पुत्र झुथाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई। जुर्माना लगाते हुए गुन्नू को 1 लाख रुपए क्षतिपूर्ति के दिलाए जाने का निर्देश भी दिया। जबकि मामले में 4 आरोपी हिमांशु उर्फ़ बॉबी ,संदीप कुमार,मनोज कुमार और सुभीता को बरी कर दिया है।

फिरौती के लिए बच्चे का अपहरण ऑर्गेनाइज्ड क्राइम: कोर्ट

जस्टिस राजेंद्र कुमार ने कहा कि यह मामला एक बालक के अपहरण और फिरौती मांगने का है। ऐसे अपराध अक्सर संगठित रूप में होते हैं और समाज के लिए बड़ा खतरा हैं। हालांकि प्रस्तुत प्रमाण यह नहीं दर्शाते कि यह केस रेयरेस्ट ऑफ रेयर श्रेणी में आता है। इसलिए मृत्यु दंड के बजाय उम्रकैद और अर्थदंड उपयुक्त है।

गुन्नू की मां बोली, न्यायपालिका सर्वोपरि

फैसले के बाद गुन्नू की मां मंजू हुड्डा भावुक हो गईं। उन्होंने कहा, हमारे पास कोर्ट का धन्यवाद कहने के लिए शब्द नहीं हैं। अपराधी चाहे कितना भी बड़ा अपराध कर ले, उसे सजा जरूर मिलती है। न्यायपालिका सर्वोपरि है। गुन्नू के लिए 4 अक्टूबर 2022 का दिन किसी खौफनाक सपने जैसा था। 6 अजनबी डरावने चेहरों के बीच मासूम इतना सहमा हुआ था कि रोने की भी हिमत नहीं जुटा पा रहा था।