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कार्बन से अमेज़न के विशाल वृक्षों में अप्रत्याशित वृद्धि

अमेजन के वृक्ष वातावरण में बढ़ती कार्बन डाइऑक्साइड का जवाब तेजी से बढ़कर दे रहे हैं, जिससे उनका कार्बन संग्रहण भी बढ़ रहा है। लेकिन यह सहनशीलता लगातार वनों की कटाई और जलवायु दबाव से खतरे में है। इसलिए इन वनों को एक जुड़े हुए तंत्र के रूप में बचाना बेहद ज़रूरी है।

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जयपुर। अमेजन वर्षावन को अक्सर "धरती के फेफड़े" कहा जाता है। नौ देशों में फैला यह जंगल करोड़ों प्रजातियों का घर है और भारी मात्रा में कार्बन को संचित करता है। जलवायु परिवर्तन और वनों की कटाई की चिंताओं के बीच अब एक नया और चौंकाने वाला शोध सामने आया है – अमेज़न के पेड़ आकार में और बड़े हो रहे हैं। जर्नल नेचर प्लांट्स में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अमेज़न के पेड़ों का औसत आकार हर दशक में लगभग 3.2 प्रतिशत बढ़ा है। पिछले 30 सालों से लगातार देखी गई यह प्रवृत्ति बताती है कि जंगल बढ़ते कार्बन डाइऑक्साइड स्तर का किस तरह से जवाब दे रहा है।

अमेजन के दिग्गज पेड़ों का बढ़ता आकार

यह अध्ययन 60 से अधिक विश्वविद्यालयों की अंतरराष्ट्रीय साझेदारी से हुआ, जिनमें दक्षिण अमरीका और ब्रिटेन के बर्मिंघम, ब्रिस्टल और लीड्स विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। करीब 100 शोधकर्ताओं ने 188 स्थायी प्लॉट्स पर पेड़ों की बढ़त की निगरानी की और पाया कि छोटे-बड़े सभी पेड़ लगातार आकार में बढ़े हैं। ब्राजील की यूनिवर्सिडाडे डो माटो ग्रोसो की प्रोफेसर बीट्रिज मारीमोन ने कहा, “यह एक अच्छी खबर है। हम अक्सर सुनते हैं कि जलवायु परिवर्तन और वनों का बिखराव अमेजन के लिए खतरा हैं, लेकिन इसी बीच संरक्षित जंगलों में पेड़ और भी बड़े हुए हैं। यहां तक कि सबसे विशाल वृक्ष भी इन खतरों के बावजूद फल-फूल रहे हैं।”

कार्बन का प्रभाव

शोध में पाया गया कि वातावरण में बढ़ा हुआ कार्बन डाइऑक्साइड पेड़ों के लिए उर्वरक जैसा काम कर रहा है, खासकर बड़े पेड़ वातावरण से भारी मात्रा में कार्बन सोख रहे हैं। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की डॉ. एड्रियाने एस्क्विवेल-म्यूलबर्ट ने कहा, “ब्राज़ील में इस साल होने वाले COP30 सम्मेलन से पहले यह नतीजे हमें याद दिलाते हैं कि उष्णकटिबंधीय वर्षावन जलवायु परिवर्तन से लड़ाई में कितने अहम हैं।”

सदियों पुराने पेड़ों की खासियत

हालांकि यह बढ़त सकारात्मक है, लेकिन अध्ययन चेतावनी भी देता है। कई सौ साल पुराने बड़े वृक्ष न सिर्फ कार्बन बल्कि जैव विविधता के लिए भी अद्वितीय योगदान देते हैं। ब्रिस्टल विश्वविद्यालय की डॉ. रेबेका बैनबरी मॉर्गन ने कहा, “हम नए पेड़ लगाकर पुराने प्राकृतिक जंगलों जितना लाभ नहीं पा सकते। पुराने पेड़ों का महत्व अपूरणीय है।”

पूरा जंगल बदल रहा है

RAINFOR नेटवर्क के पहले के शोध में पाया गया था कि संरक्षित अमेज़न जंगल समय के साथ अधिक कार्बन संचित कर रहे हैं। नया अध्ययन दिखाता है कि न सिर्फ भंडारण बढ़ा है, बल्कि सभी आकार के पेड़ बड़े हुए हैं। लीड्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर टिम बेकर ने कहा, “अब साफ हो गया है कि पिछले दशकों में पूरे जंगल की बनावट बदल गई है।”

दिग्गज पेड़ों के लिए जरूरी है जुड़ा हुआ जंगल

जैसे-जैसे पेड़ बड़े होते हैं, वे संसाधनों पर अधिक हावी होते जाते हैं और जंगल की संरचना को आकार देते हैं। लेकिन उनका अस्तित्व पूरे पारिस्थितिकी तंत्र की मजबूती पर निर्भर करता है। लीड्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ओलिवर फिलिप्स ने कहा, “अगर अमेजन का तंत्र जुड़ा नहीं रहा तो ये दिग्गज पेड़ भी नहीं बच पाएंगे। वनों की कटाई इनके लिए सबसे बड़ा खतरा है।”


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