
फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News:एमपी के उज्जैन शहर की स्वच्छता व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए नगर निगम ने अब कचरा प्रथकीकरण (सेग्रीगेशन) पर कड़ा रुख अपनाया है। घरों से निकलने वाले गीले-सूखे कचरे को अलग-अलग रखने की अनदेखी अब महंगी पड़ेगी। निगमायुक्त अभिलाष मिश्रा ने स्पष्ट निर्देश दिए कि पहले नागरिकों को समझाइश दी जाएगी और उसके बाद भी नियमों का पालन न करने पर जुर्माना वसूला जाएगा।
बीते दिन इस दिशा में कार्रवाई करते हुए निगम ने वार्ड क्रमांक 51 में दो भवन स्वामियों पर 500 रुपए का अर्थदंड लगाया। निगमायुक्त मिश्रा ने कहा कि स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत घरों से कचरा अलग-अलग संग्रहित किया जाना बेहद जरूरी है। गोंदिया स्थित प्रोसेसिंग प्लांट पर गीले कचरे से खाद और सूखे कचरे से आरडीएफ (रिफ्यूज डिराइव्ड फ्यूल) बनाने की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके, इसके लिए कचरे का अलग-अलग संग्रहण अनिवार्य है।
उपायुक्त (स्वच्छता) योगेंद्र सिंह पटेल ने बताया कि शहरवासियों का सहयोग इस अभियान की सफलता की कुंजी है। नगर निगम की गाड़ियां पहले से ही गीले और सूखे कचरे के लिए अलग-अलग पार्टिशन वाली हैं। अब निगम प्रत्येक नागरिक से उम्मीद करता है कि वे घर पर कचरे को दो डस्टबिन में अलग-अलग रखें और डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण के दौरान उसी के अनुरूप कचरा सौंपें।
उन्होंने चेतावनी दी कि समझाइश के बाद भी अगर कोई मिश्रित कचरा देगा, तो उसके खिलाफ जुर्माना लगाया जाएगा। स्वच्छता ही सेवा की भावना के साथ यह कदम उठाया गया है ताकि उज्जैन स्वच्छता रैंकिंग में आगे बढ़ सके और शहर में ठोस कचरा प्रबंधन की व्यवस्था मजबूत हो सके। निगमायुक्त ने कहा- अब से कचरा सेग्रीगेशन नहीं करने वालों पर पहले समझाइश फिर चालानी कार्यवाही होगी।
शनिवार को नगर निगम स्वास्थ्य विभाग की टीम ने खुले में कचरा फेंकते पाए जाने पर ५ हजार रुपए का जुर्माना किया। नानाखेड़ा स्थित केटीएम शोरूम के पास संचालित दुकानदार का कचरा खुले प्लाट पर फेंकने पर यह कार्रवाई की गई है।
Published on:
02 Nov 2025 04:17 pm
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