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नकली नोटों का बड़ा रैकेट बेनकाब, 50 लाख तक खपा चुके थे नकली नोट

नकली नोटों का अवैध कारोबार भोपाल से प्रदेश के साथ महाराष्ट्र में चल रहा था। मौलाना, शिक्षक व व्यवसायी नोटों को खपा रहे थे। डॉक्टर प्रतिक नवलखे द्वारा टूर एंड ट्रेवल्स एजेंसी की आड़ में चल रहे नकली नोटों के अवैध कारोबार का खुलासा हुआ है। पुलिस ने नकली नोटों की छपाई करने वाला मास्टर माइंड डॉ. प्रतिक नवलखे और उसका हेंडलर व्यवसायी गोपाल उर्फ राहुल और शिक्षक दिनेश गोरे को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने अब तक 45 से 50 लाख के नकली नोट बाजार में चला दिए। आरोपियाें को सात दिन 1 दिसंबर तक रिमांड पर लिया गया।

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– मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र में फैला नेटवर्क ध्वस्त, निलंबित डॉक्टर और उसके साथियों ने भोपाल में बनाया था नकली नोटों का अड्डा

– पेपर से प्लानिंग तक, डॉक्टर नवलखे ने रचा था करोड़ों का फर्जी नोट प्लान

ग्राम पेठिया में मस्जिद के इमाम जुबेर अंसारी के मदरस के ऊपर कमरे से 2 नवंबर को 19.78 लाख रुपए के नकली नोट मिले थे। जांच में मास्टर माइंड बुरहानपुर के निलंबित सरकारी डॉक्टर प्रतिक नवलखे का नाम सामने आया था। इसके बाद से ही पुलिस नवलखे की तलाश कर रही थी। एएसपी महेंद्र तारणेकर ने बताया कि नकली नोट कांड का मास्टर माइंड आरोपी प्रतीक पिता सुरेश नवलखे (43) निवासी बुरहानपुर और उसके हेंडलर व्यवसायी गोपाल उर्फ राहुल पिता मांगीलाल पंवार (35) साल निवासी हरदा और शिक्षक दिनेश पिता दीपक गोरे (43) साल निवासी धारणी को गोकुल धाम सोसायटी में मकान नंबर 1-608 से गिरफ्तार किया है। प्रतिक से 7 मोबाइल, एक लेपटॉप, 15 चेकबूक और गोपाल से एक ड्रायर मशीन, दो मोबाइल जब्त किए। नाले में फेंका प्रिंटर व कम्प्यूटर जब्त किया।

पकड़े जाने के डर से धार्मिक यात्राओं पर निकले आरोपी

मालेगांव में जुबेर के पकड़े जाने के बाद नवलखे भागकर इंदौर और फिर भोपाल पहुंचा। यहां उसने प्रिंटर और कंप्यूटर सिस्टम को एक नाले में फेंक दिया। इसके बाद सभी आरोपी अलग-अलग हो गए। नवलखे अपनी गर्लफ्रेंड के साथ बद्रीनाथ चला गया जबकि गोपाल और दिनेश भी अपनी प्रेमिकाओं के साथ धार्मिक यात्रा पर निकल गए। घटना शांत होने की प्रतीक्षा में वे फिर से भोपाल लौटे, जहां साइबर सेल की मदद से पुलिस ने उन्हें घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया।

बेहतर पेपर के लिए नागपुर से बंगाल तक की यात्रा

पहले छापे गए नकली नोट पानी में भीगने पर गल गए थे। इसके बाद डॉक्टर नवलखे अपने साथियों के साथ उच्च गुणवत्ता वाला पेपर खोजने नागपुर से पश्चिम बंगाल तक गया। पुलिस का अनुमान है कि नकली नोटों में इस्तेमाल किया गया पेपर बंगाल से ही इनके पास पहुंचा।

50 रुपये का नोट छापकर शुरू किया कारोबार

नवलखे ने शुरुआत 50 रुपये का नकली नोट बनाकर की। ये नोट दुकानों पर आसानी से चल गए जिससे गिरोह का हौसला बढ़ गया। इसके बाद उन्होंने 500 रुपये के नोट बनाना शुरू किया और इन्हें दुकानों पर देने की बजाय रियल एस्टेट के लेन-देन में खपाया। एक बार में 3 से 5 लाख रुपये तक बाजार में उतारे जाते थे।

टूर एंड ट्रेवल्स की दुकान में चलता था प्रिंटिंग का खेल

गिरोह ने भोपाल में टूर एंड ट्रेवल्स के नाम पर दुकान किराए पर लेकर उसमें दो बड़े प्रिंटर, विशेष पेपर और सॉफ्टवेयर के जरिए नोटों की छपाई की। एक पेपर पर चार नोट छापे जाते थे। तैयार नोटों को बांधकर जुबेर के पास भेजा जाता था, जो उन्हें काटकर हेयर ड्रायर से सुखाकर बंडल तैयार करता था।

47 एटीएम कार्ड व 25 हजार के नकली नोट बरामद

नकली नोटों के बदले मिलने वाली असली रकम को जमा करने के लिए आरोपियों ने परिवार और परिचितों के नाम पर बैंक खाते खुलवाए। पुलिस ने 47 एटीएम और डेबिट कार्ड तथा 25 हजार रुपये मूल्य के नकली नोट बरामद किए हैं। अब पुलिस इन खातों में जमा राशि की जांच कर रही है।