
CG News: ट्विनसिटी दुर्ग-भिलाई में घर या जमीन खरीदने की योजना बना रहे लोगों को बड़ा झटका लगने वाला है। जिला प्रशासन ने कलेक्टर गाइडलाइन दरों में एकमुश्त भारी बढ़ोतरी कर दी है। कई प्रमुख इलाकों में दरें 300 फीसद (तीन गुना) तक बढ़ा दी गई हैं। प्रशासन इसे दरों का ‘युक्तिकरण’ बता रहा है, वहीं रियल एस्टेट कारोबारी और आम खरीदार इसे अव्यवहारिक, बोझिल और बाजार के खिलाफ कदम मान रहे हैं।
प्रशासन का दावा है कि वर्षों से सरकारी दर और वास्तविक बाजार मूल्य में भारी अंतर था, जिसके कारण कम दर पर रजिस्ट्री होती थी और सरकार को बड़े पैमाने पर राजस्व हानि होती थी। नई दरें इसी विसंगति को दूर करने के लिए लागू की गई हैं।
नए आदेश के बाद जीई रोड, नेहरू नगर, सिविक सेंटर, स्टेशन रोड और बोरसी जैसे पॉश क्षेत्रों की सरकारी दरें बाजार मूल्य के लगभग बराबर या उससे अधिक हो गई हैं। रियल एस्टेट सेक्टर के अनुसार इस स्तर की दरें अब तक अभूतपूर्व हैं।
राज्य शासन ने नई गाइडलाइन दरें लागू कर दी हैं, लेकिन अभी आधिकारिक हस्ताक्षरयुक्त बुकलेट जारी नहीं की गई है। इससे खरीदार और रजिस्ट्रार कार्यालय दोनों उलझन में हैं। कई स्थानों पर रजिस्ट्री प्रक्रियाएं रुकी हुई हैं।
दुर्ग-भिलाई में नए दरों का झटका
(चयनित क्षेत्रों के उदाहरण)
दुर्ग नगर निगम
क्षेत्र पहले अब पहले अब (मुख्य मार्ग) (मुख्य मार्ग) (अंदर) (अंदर)
उरला पश्चिम 14,000 35,000 4,600 24,000
पोटिया उत्तर 28,000 45,000 10,800 24,000
बोरसी 16,000 50,000 7,600 24,000
स्टेशन रोड 64,000 80,000 26,900 50,000
पटेल चौक 1,18,400 1,55,000 1,05,200 1,35,000इंदिरा मार्केट
(दर-रुपए प्रति वर्ग मीटर)
भिलाई नगर निगम
क्षेत्र पहले अब पहले अब ( मुख्य मार्ग) (मुख्य मार्ग) (अंदर) (अंदर)
स्मृति नगर 30,200 50,000 22,200 30,000
कुरूद 14,000 35,000 11,700 30,000
तालपुरी 43,050 60,000 23,700 45,000
कोहका 23,200 45,000 12,000 25,000
नेहरू नगर 86,100 1,00,000 35,600 48,000
खरीदार की जेब पर सीधा असर-ऐसे समझें गणित
अब (300 प्रतिशत की वृद्धि के बाद)
दर = 4,000 रुपए/वर्गफीट
सरकारी कीमत- 40 लाख रुपए
स्टाप शुल्क 7-8 फीसदी = 2.80 लाख-3.20 लाख रुपए
सीधा 2 लाख से अधिक का अतिरिक्त बोझ।
पहले
यदि किसी क्षेत्र में गाइडलाइन दर 1,000 रुपए/वर्गफीट थी-
1000 वर्गफीट प्लॉट की सरकारी कीमत = 10 लाख रुपए
स्टाप + पंजीयन शुल्क (7-8त्न) = 70-80 हजार रुपए
जिला प्रशासन ने दरों में वृद्धि के पीछे ये कारण बताए
पुराने गाइडलाइन में एक ही इलाके में अलग-अलग कंडिकाएं, जिसके कारण सरकारी दरों में भारी अंतर।
कम दर पर रजिस्ट्री कराकर बाजार मूल्य पर लेन-देन होने से सरकार को भारी नुकसान।
2018-19 के बाद से गाइडलाइन दरें नहीं बढ़ीं, जबकि कई इलाकों में तीव्र विकास हुआ।
नई दरों से पारदर्शिता बढ़ेगी और विसंगतियां खत्म होंगी।
गाइडलाइन की नई दरें व्यापक अध्ययन के बाद प्रस्तावित की गई हैं। पुरानी विसंगतियों को दूर करते हुए दरों का युक्तिकरण किया गया है। इससे रजिस्ट्री में पारदर्शिता आएगी।- प्रियंका श्रीरंगेजिला पंजीयक दुर्ग
Updated on:
25 Nov 2025 11:39 am
Published on:
25 Nov 2025 11:38 am
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