
धान की फसल
खटकड़. क्षेत्र में दो दिन से हो रही बरसात किसानों के लिए आफत बनी हुई है। खेतों में कटकर पड़ी धान की फसल जलमग्न हो गई। बरसात के पानी में डूबी धान की फसल खराब होने से किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया। धान की अच्छी पैदावार की उम्मीद से कई अरमान रखने वाले किसान निराश ओर चिंतित हो गए। जिससे क्षेत्र के दर्जनों गांवों की हजारों बीघा जमीन में धान की फसल खराब हो गई।
केशवरायपाटन. लगातार बारिश का सिलसिला जारी रहने से मंगलवार को बाजार में सन्नाटा पसरा रहा। रात भर झमाझम बारिश होने से खाळ नालों में पानी की आवक तेज हो गई। लोग आवश्यक काम वाले ही घरों से निकल रहे हैं। बारिश रुकने का नाम नहीं ले रही है। पशुओं के लिए बारिश ने संकट उत्पन्न कर दिया। बारिश ने ठंडक बढ़ा दी।
नमाना. कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र में पिछले 48 घंटे से हो रही बरसात से खेतों में पड़ी धान की फसल खराब हो गई है। वहीं नमाना श्यामू की पुलिया पर पानी आने से आवागमन करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पुलिया पर दो फीट पानी चल रहा है।
हिण्डोली. कार्तिक मास में हो रही मूसलाधार बारिश से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। सोमवार रात व मंगलवार को भी बारिश का दौर जारी रहा। बारिश से नदी नालों में पानी की आवक हुई है। वहीं लगातार हो रही बारिश से स्कूलों की छतों से पानी टपक रहा है। मैदानों में पानी भर गया है। दो दिन से पशु भी परेशान हैं। जानकारी अनुसार तेज बारिश से नदी नालों में पानी की आवक शुरू हो गई है। गुढ़ा बांध, गोठड़ा, रोणीजा नारायणपुर, रामसागर झील सहित सभी बांध छलक रहे हैं।
बड़ाखेड़ा. क्षेत्र में रविवार देर रात से जारी लगातार बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। बारिश का सिलसिला मंगलवार तक थमने का नाम नहीं ले रहा है। कही तेज तो कभी धीमी गति की बारिश का दौर जारी रहा। किसानों ने बताया की लगातार बारिश के चलते खेतों मे धान की फसल को नुकसान हुआ है।
रामगंजबालाजी. दो दिन से हो रही लगातार बरसात के बाद में धान की कटकर के पड़ी फसलें अब खेतों में पानी भरने के बाद में नष्ट होने के कगार पर है। वहीं दूसरी ओर मंडी में हो रही धान की आवक भी घटकर कम हो गई है। मंडी में बरसात से पूर्व जहां 50 हजार बोरी से अधिक धान की आवक हो रही थी। वहीं घटकर मंडी में मंगलवार को आवक 10 हजार बोरी की आवक रही। वहीं खराब मौसम के चलते धान के दामों में भी नरमी देखी गई।
बड़ानयागांव. बे मौसम बरसात से क्षेत्र में खेतों में पानी भर गया है, जिसके चलते खेतों में कटकर पड़ी धान की फसल डूब गई है, जिससे धान की फसल खराब होने के साथ पैदावार प्रभावित होने की संभावना है। क्षेत्र के चतरगंज, टहला, बोरखेड़ा, कल्याणपुरा, रघुनाथपुरा, देरौली, बरवास, गुढाबांध, चेता, कलाभाटा, बड़ोदिया, रामी की झोपड़ियां में धान की फसल में अधिक नुकसान हुआ है।
कापरेन. क्षेत्र में दो दिन से हो रही बरसात से पकी पकाई फसल नष्ट होने के कगार पर है।किसानों का कहना है कि इस बार मौसम ने दगा किया है। जिसके चलते हाथ में आई फसल नष्ट हो रही है। खेतों में पानी भर जाने से खड़ी धान की फसल और कट कर पड़े धान के ढेर भीग गए हैं।
पचीपला मेज नदी की पुलिया हुई जलमग्न
नोताडा. क्षेत्र में रविवार रात्रि से शुरू हुआ बरसात का दौर मंगलवार को भी शाम तक अनवरत जारी रहा,जिसके चलते अब खेतों में पानी भरने लगा है। खेतों में हाथ से कटाई करके रख रखे धान के पूळे पानी में डूब गए, जिनको किसान परिवार बरसती बरसात में खेतों से उठा उठाकर मेड़ों पर रखते नजर आए। वहीं किसानों ने खुले में लगा रखे धान के ढेरों को बरसात से बचाव के लिए तिरपालों से तो ढक रखा था, लेकिन अधिक बरसात होने से पानी बहकर धान के ढेरों के निचे घुस गया जिसको लेकर किसान पानी को रोकने का प्रयास करते नजर आए।उधर लगातार बरसात से मेज नदी में पानी की आवक होने से पचीपला की पुलिया जलमग्न हो गई जिससे बूंदी लाखेरी मार्ग बंद रहा।
Published on:
29 Oct 2025 04:52 pm
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